HRB और IS Soil Classification System क्या है? | हिंदी में सरल समझ


🧱 HRB और IS मृदा वर्गीकरण प्रणाली (Soil Classification Systems in Hindi)

मिट्टी का वर्गीकरण करना आवश्यक होता है ताकि हम उसकी engineering properties को समझ सकें और foundation या अन्य निर्माण कार्यों के लिए उचित निर्णय ले सकें। इस पोस्ट में हम HRB (Highway Research Board) और IS (Indian Standard) soil classification systems को सरल भाषा में समझेंगे।


🚧 1️⃣ HRB Soil Classification System

यह प्रणाली मुख्य रूप से सड़क निर्माण (Highway Engineering) में उपयोग होती है। इसमें मिट्टी को A-1 से A-7 group में classify किया जाता है।

🔢 मुख्य ग्रुप:

  • A-1, A-2, A-3: Granular soils (रेत और ग्रेवल)
  • A-4, A-5, A-6, A-7: Silty और Clayey soils

इसमें Group Index (GI) नामक एक विशेष नंबर का उपयोग होता है जो soil की performance को दर्शाता है। GI जितना कम होगा, मिट्टी उतनी बेहतर मानी जाती है।


🏗️ 2️⃣ IS Soil Classification System (IS:1498)

यह प्रणाली भारत में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा स्थापित की गई है। इसमें मिट्टी को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है:

📌 Coarse-Grained Soils:

  • Gravel (G): GW, GP, GM, GC
  • Sand (S): SW, SP, SM, SC

📌 Fine-Grained Soils:

  • Silt (M): ML, MH
  • Clay (C): CL, CH

इस वर्गीकरण में Atterberg Limits, Sieve Analysis और Plasticity Chart का उपयोग होता है।


📊 तुलना तालिका (Comparison Table)

पैरामीटरHRB SystemIS System
उपयोगHighway EngineeringGeneral Civil Engineering
ClassA-1 से A-7GW, GP, CL, CH, आदि
Special IndexGroup Index (GI)Plasticity Index, LL
TestingGrain Size, LL, PISieve + Atterberg Limits

📘 निष्कर्ष:

  • HRB system सड़क निर्माण में फायदेमंद होता है, जबकि IS system सभी प्रकार की civil engineering applications में उपयोगी होता है।
  • दोनों systems मिट्टी के व्यवहार को समझने के लिए उपयोगी tools हैं।

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