Plain Text and Cipher Text Explained in Cryptography | क्रिप्टोग्राफी में साधारण पाठ और कूट पाठ की व्याख्या


क्रिप्टोग्राफी में साधारण पाठ और कूट पाठ (Plain Text and Cipher Text in Cryptography)

परिचय:

सूचना सुरक्षा (Information Security) की दुनिया में, क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का सबसे मूलभूत सिद्धांत है — साधारण पाठ (Plain Text) और कूट पाठ (Cipher Text)। जब कोई संदेश सुरक्षित रूप से भेजना होता है, तो उसे एक ऐसे रूप में बदलना आवश्यक होता है जिसे अनधिकृत व्यक्ति नहीं पढ़ सके। यह प्रक्रिया एन्क्रिप्शन कहलाती है।

Plain Text वह वास्तविक संदेश है जो मनुष्य द्वारा पढ़ा जा सकता है, जबकि Cipher Text वह संदेश है जो एन्क्रिप्शन के बाद प्राप्त होता है और मनुष्य के लिए समझ से बाहर होता है। इन दोनों के बीच का संबंध क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिद्म और कुंजी (Key) पर निर्भर करता है।

मुख्य उद्देश्य:

  • संदेश की गोपनीयता (Confidentiality) बनाए रखना।
  • डेटा को ट्रांसमिशन के दौरान सुरक्षित रखना।
  • अनधिकृत पहुँच और डेटा चोरी को रोकना।

साधारण पाठ (Plain Text) क्या है?

Plain Text किसी भी प्रकार का मूल डेटा या संदेश होता है जो उपयोगकर्ता द्वारा सीधे पढ़ा जा सकता है। इसमें कोई कोडिंग या एन्क्रिप्शन नहीं होती।

  • उदाहरण: “My password is 12345” — यह एक Plain Text संदेश है।
  • Plain Text को सुरक्षित रूप से ट्रांसमिट करने के लिए इसे एन्क्रिप्ट करना आवश्यक है।

Plain Text की विशेषताएँ:

  • मानव-पठनीय (Human Readable)।
  • किसी भी एन्क्रिप्शन एल्गोरिद्म का इनपुट होता है।
  • नेटवर्क पर भेजने से पहले इसे कूटबद्ध किया जाना चाहिए।

कूट पाठ (Cipher Text) क्या है?

Cipher Text वह डेटा होता है जो एन्क्रिप्शन प्रक्रिया के बाद प्राप्त होता है। इसे मनुष्य या अनधिकृत उपयोगकर्ता नहीं पढ़ सकता। Cipher Text को केवल उचित कुंजी और डिक्रिप्शन एल्गोरिद्म के माध्यम से ही समझा जा सकता है।

Cipher Text के उदाहरण:

  • Plain Text: “HELLO”
  • Cipher Text (Caesar Cipher द्वारा): “KHOOR”

Cipher Text की विशेषताएँ:

  • अमानव-पठनीय (Non-Readable)।
  • डिक्रिप्शन एल्गोरिद्म और कुंजी की सहायता से पुनः Plain Text में बदला जा सकता है।
  • डेटा सुरक्षा का प्रमुख घटक।

Plain Text और Cipher Text के बीच संबंध:

दोनों के बीच का संबंध निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है:

Cipher Text = Encryption Algorithm (Plain Text, Key)
Plain Text = Decryption Algorithm (Cipher Text, Key)

क्रिप्टोग्राफी में उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिद्म:

  • Symmetric Algorithms: जैसे AES, DES, Blowfish – एक ही Key का उपयोग एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन दोनों में होता है।
  • Asymmetric Algorithms: जैसे RSA, ECC – Public और Private Key अलग-अलग होती हैं।

Plain Text और Cipher Text के बीच तुलना:

मानदंडPlain TextCipher Text
पठनीयतामनुष्य द्वारा पढ़ा जा सकता हैपढ़ा नहीं जा सकता
प्रकृतिसादा और सरलजटिल और एन्क्रिप्टेड
सुरक्षाकमअधिक
प्रयोगइनपुट के रूप मेंआउटपुट के रूप में

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • ऑनलाइन बैंकिंग में भेजे जाने वाले पासवर्ड को पहले एन्क्रिप्ट कर Cipher Text में बदला जाता है।
  • VPN और HTTPS के माध्यम से डेटा हमेशा Cipher Text के रूप में ट्रांसमिट होता है।
  • ब्लॉकचेन नेटवर्क में ट्रांजेक्शन डेटा हमेशा एन्क्रिप्टेड फॉर्म में होता है।

संभावित खतरे:

  • अगर Key लीक हो जाए तो Cipher Text को डिक्रिप्ट किया जा सकता है।
  • कमज़ोर एन्क्रिप्शन एल्गोरिद्म आसानी से क्रैक हो सकते हैं।
  • ब्रूट-फोर्स अटैक और क्रिप्टोएनालिसिस से Cipher Text को तोड़ा जा सकता है।

निष्कर्ष:

Plain Text और Cipher Text क्रिप्टोग्राफी के दो स्तंभ हैं। जहाँ Plain Text संचार का स्रोत है, वहीं Cipher Text उसकी सुरक्षा का माध्यम है। एक सुरक्षित नेटवर्क वातावरण के लिए एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन की यह प्रक्रिया अनिवार्य है।

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