Encryption and Decryption in Cryptography Explained in Hindi & English | क्रिप्टोग्राफी में एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन की प्रक्रिया (Complete Notes for Data Science & Information Security Students)


क्रिप्टोग्राफी में एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन की प्रक्रिया (Encryption and Decryption in Cryptography)

परिचय:

आज के डिजिटल युग में डेटा सुरक्षा (Data Security) सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। हर सेकंड लाखों संदेश, ट्रांजेक्शन और संवेदनशील जानकारी इंटरनेट के माध्यम से भेजी जाती हैं। इन्हें सुरक्षित रखने का एकमात्र विश्वसनीय तरीका है क्रिप्टोग्राफी (Cryptography), जिसके दो प्रमुख स्तंभ हैं — एन्क्रिप्शन (Encryption) और डिक्रिप्शन (Decryption)

एन्क्रिप्शन वह प्रक्रिया है जिसमें साधारण डेटा (Plain Text) को एक कूटबद्ध रूप (Cipher Text) में बदल दिया जाता है ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति उसे पढ़ न सके। वहीं डिक्रिप्शन वह प्रक्रिया है जिसमें उसी कूटबद्ध डेटा को फिर से साधारण रूप में बदला जाता है ताकि वैध उपयोगकर्ता उसे समझ सके।

एन्क्रिप्शन क्या है?

Encryption एक प्रक्रिया है जो डेटा को इस प्रकार बदल देती है कि वह केवल अधिकृत व्यक्ति द्वारा ही पढ़ी जा सके। यह डेटा की गोपनीयता (Confidentiality) और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

  • Plain Text → Encryption Algorithm + Key → Cipher Text
  • उदाहरण: “HELLO” → Cipher Text: “KHOOR” (Caesar Cipher के साथ 3 शिफ्ट)

एन्क्रिप्शन के उद्देश्य:

  • संवेदनशील जानकारी को अनधिकृत पहुँच से बचाना।
  • डेटा की गोपनीयता बनाए रखना।
  • नेटवर्क पर सुरक्षित संचार सुनिश्चित करना।

डिक्रिप्शन क्या है?

Decryption एन्क्रिप्शन की विपरीत प्रक्रिया है। इसमें कूटबद्ध डेटा (Cipher Text) को फिर से मूल डेटा (Plain Text) में परिवर्तित किया जाता है। यह प्रक्रिया एक Key (कुंजी) के माध्यम से की जाती है जो एन्क्रिप्शन के समय उपयोग की गई कुंजी से मेल खाती है।

  • Cipher Text → Decryption Algorithm + Key → Plain Text
  • उदाहरण: “KHOOR” → Plain Text: “HELLO”

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन की प्रक्रिया का चरणबद्ध विवरण:

  1. उपयोगकर्ता डेटा या संदेश (Plain Text) तैयार करता है।
  2. एक Encryption Algorithm और Key का उपयोग करके संदेश को Cipher Text में परिवर्तित किया जाता है।
  3. Cipher Text नेटवर्क के माध्यम से ट्रांसमिट होता है।
  4. प्राप्तकर्ता उसी Key (या संबंधित Key) का उपयोग करके डेटा को Decrypt करता है।
  5. संदेश अपने मूल रूप (Plain Text) में वापस प्राप्त हो जाता है।

एन्क्रिप्शन के प्रकार:

1. Symmetric Key Encryption (समान कुंजी एन्क्रिप्शन)

इसमें एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन दोनों के लिए एक ही कुंजी का उपयोग किया जाता है।

  • उदाहरण: DES, AES, Blowfish।
  • लाभ: तेज़ और कुशल।
  • हानि: कुंजी वितरण में समस्या।

2. Asymmetric Key Encryption (असमान कुंजी एन्क्रिप्शन)

इसमें दो अलग-अलग कुंजियाँ होती हैं — Public Key और Private Key।

  • Public Key एन्क्रिप्शन के लिए उपयोग होती है।
  • Private Key डिक्रिप्शन के लिए उपयोग होती है।
  • उदाहरण: RSA, DSA, ECC।

एन्क्रिप्शन एल्गोरिद्म के उदाहरण:

  • AES (Advanced Encryption Standard): ब्लॉक सिफर आधारित आधुनिक एल्गोरिद्म।
  • RSA Algorithm: Public Key क्रिप्टोग्राफी का प्रमुख उदाहरण।
  • Triple DES: DES का उन्नत संस्करण जो 3 कुंजियों का उपयोग करता है।
  • Blowfish: हल्का लेकिन तेज़ एन्क्रिप्शन एल्गोरिद्म।

डिक्रिप्शन एल्गोरिद्म के उदाहरण:

  • AES Decryption
  • RSA Private Key Decryption
  • DES Decryption

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन का गणितीय प्रतिनिधित्व:

Encryption: C = Ek(P)
Decryption: P = Dk(C)
जहाँ,
P = Plain Text,
C = Cipher Text,
Ek = Encryption Function,
Dk = Decryption Function,
k = Key।

वास्तविक जीवन अनुप्रयोग:

  • ऑनलाइन बैंकिंग में डेटा एन्क्रिप्शन।
  • ईमेल और मैसेजिंग ऐप्स में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन।
  • VPN और HTTPS वेबसाइटों में सुरक्षित संचार।
  • ब्लॉकचेन में ट्रांजेक्शन सुरक्षा।

लाभ:

  • डेटा चोरी और साइबर हमलों से सुरक्षा।
  • उपयोगकर्ता गोपनीयता में वृद्धि।
  • सुरक्षित नेटवर्क ट्रांसमिशन।

सीमाएँ:

  • कुंजी प्रबंधन की कठिनाई।
  • जटिल एल्गोरिद्म के कारण समय अधिक लगता है।
  • सुरक्षा और प्रदर्शन के बीच संतुलन की आवश्यकता।

निष्कर्ष:

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन सूचना सुरक्षा के दो सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। बिना इन दोनों के, डिजिटल संचार कभी भी सुरक्षित नहीं हो सकता। चाहे ऑनलाइन बैंकिंग हो, ईमेल सुरक्षा या ब्लॉकचेन तकनीक — हर जगह ये दोनों प्रक्रियाएँ डेटा सुरक्षा की रीढ़ हैं।

Related Post