Distribution of Public Keys in Cryptography Explained in Hindi & English | पब्लिक कुंजियों का वितरण क्रिप्टोग्राफी में (Complete Notes for Data Science & Information Security Students)


पब्लिक कुंजियों का वितरण क्रिप्टोग्राफी में (Distribution of Public Keys in Cryptography)

परिचय:

Public Key Distribution क्रिप्टोग्राफी में एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ताओं के बीच Public Keys को सुरक्षित और प्रमाणित रूप से साझा किया जाए ताकि कोई हमलावर (Attacker) गलत कुंजी प्रस्तुत न कर सके।

Public Key Cryptography में हर उपयोगकर्ता के पास दो कुंजियाँ होती हैं — Private Key (गुप्त) और Public Key (सार्वजनिक)। Private Key को गोपनीय रखा जाता है, जबकि Public Key को अन्य उपयोगकर्ताओं तक वितरित किया जाता है ताकि वे संदेश एन्क्रिप्ट कर सकें या डिजिटल हस्ताक्षर सत्यापित कर सकें।

कुंजी वितरण की आवश्यकता:

  • किसी भी Asymmetric Encryption System में Public Key को सुरक्षित रूप से साझा करना आवश्यक है।
  • यदि किसी हमलावर ने गलत Public Key साझा कर दी तो संचार असुरक्षित हो जाएगा (Man-in-the-Middle Attack)।
  • सही उपयोगकर्ता की पहचान (Identity Verification) सुनिश्चित करनी होती है।

Public Key Distribution के तरीके:

1️⃣ Public Announcement (सार्वजनिक घोषणा):

इस विधि में उपयोगकर्ता अपनी Public Key को खुलकर साझा करता है — जैसे वेबसाइट, ईमेल, या किसी सार्वजनिक सर्वर पर।

उदाहरण:

User A → अपनी Public Key ईमेल सिग्नेचर या वेबसाइट पर डालता है।
User B → उसे डाउनलोड करके उपयोग करता है।

सीमाएँ:

  • कोई भी झूठी कुंजी प्रकाशित कर सकता है।
  • Impersonation Attack की संभावना अधिक।

2️⃣ Publicly Available Directory (सार्वजनिक निर्देशिका):

इस विधि में Public Keys को एक केंद्रीकृत Directory Server पर संग्रहीत किया जाता है, जिसे उपयोगकर्ता सत्यापित कर सकते हैं।

Directory Service की विशेषताएँ:

  • हर उपयोगकर्ता की पहचान और Public Key संग्रहीत रहती है।
  • Directory तक पहुँच सुरक्षित होती है।
  • Time-to-time Verification और Update किया जाता है।

उदाहरण: LDAP (Lightweight Directory Access Protocol)

सीमाएँ:

  • Centralized Server Compromise होने पर Risk।
  • Directory को नियमित रूप से Maintain करना आवश्यक।

3️⃣ Public Key Authority (पब्लिक की अथॉरिटी):

यह विधि Public Key Directory से अधिक सुरक्षित होती है। यहाँ एक Trusted Authority होती है जो उपयोगकर्ताओं की पहचान को सत्यापित करती है और Public Keys को प्रमाणित करती है।

कार्यप्रणाली:

  1. प्रत्येक उपयोगकर्ता Public Key Authority (PKA) से संपर्क करता है।
  2. PKA उपयोगकर्ता की पहचान सत्यापित करता है।
  3. PKA उस कुंजी को डिजिटल रूप से साइन करके प्रमाणित Public Key प्रदान करता है।
  4. अन्य उपयोगकर्ता इस डिजिटल हस्ताक्षर को देखकर कुंजी की वैधता की पुष्टि कर सकते हैं।

लाभ:

  • Public Keys की Authenticity सुनिश्चित।
  • Digital Signature Verification संभव।
  • Replay और Forgery Attack से सुरक्षा।

सीमाएँ:

  • Authority पर पूर्ण भरोसा आवश्यक।
  • Centralized System — यदि Authority Down हो जाए तो समस्या।

4️⃣ Certificates Based Distribution (डिजिटल प्रमाणपत्रों के माध्यम से):

यह सबसे सुरक्षित और आधुनिक तरीका है। इसमें एक Certificate Authority (CA) उपयोगकर्ता की Public Key और पहचान को मिलाकर एक Digital Certificate जारी करता है।

Digital Certificate क्या है?

यह एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ होता है जिसमें उपयोगकर्ता की पहचान (Name, Organization, Email) और Public Key सम्मिलित होती है। CA इस पर डिजिटल हस्ताक्षर करके इसकी वैधता सुनिश्चित करता है।

Certificate की संरचना:

  • Version
  • Serial Number
  • Signature Algorithm
  • Issuer (CA Name)
  • Validity Period
  • Subject (User Identity)
  • Public Key
  • CA Digital Signature

उदाहरण:

SSL/TLS Certificates — Websites जैसे “https://example.com” अपनी Public Key को SSL Certificate में शामिल करती हैं ताकि ब्राउज़र उसे Verify कर सके।


Public Key Distribution में आने वाले हमले:

  • Man-in-the-Middle Attack: हमलावर दो पक्षों के बीच नकली कुंजी भेजता है।
  • Fake Certificate Attack: झूठे डिजिटल सर्टिफिकेट के माध्यम से फर्जी पहचान बनाना।
  • Replay Attack: पुरानी कुंजी या संदेश का पुनः उपयोग।

सुरक्षा समाधान:

  • Public Key को Digital Certificate से Validate करना।
  • Trusted Certificate Authority का उपयोग।
  • CRL (Certificate Revocation List) और OCSP (Online Certificate Status Protocol) द्वारा Validation।
  • Mutual Authentication Systems।

निष्कर्ष:

Public Key Distribution किसी भी Asymmetric Cryptosystem की रीढ़ है। Digital Certificates और Certificate Authorities जैसे तंत्र इसे और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाते हैं। यह आधुनिक इंटरनेट सुरक्षा — जैसे HTTPS, VPN, और ईमेल एन्क्रिप्शन — का मूल आधार है।

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