Transmission Medium for WLANs | वायरलेस LANs के लिए ट्रांसमिशन माध्यम
वायरलेस LANs के लिए ट्रांसमिशन माध्यम (Transmission Medium for WLANs)
परिचय (Introduction)
वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (Wireless LAN – WLAN) एक ऐसी नेटवर्किंग तकनीक है जिसमें डेटा ट्रांसमिशन के लिए किसी भी फिजिकल केबल या तार की आवश्यकता नहीं होती। WLAN में संचार का कार्य विभिन्न ट्रांसमिशन माध्यमों (Transmission Mediums) के माध्यम से किया जाता है, जैसे कि रेडियो तरंगें (Radio Waves), इन्फ्रारेड (Infrared) और माइक्रोवेव (Microwave)। ये माध्यम नेटवर्क के उपकरणों को बिना किसी भौतिक कनेक्शन के जोड़ने में सहायता करते हैं।
ट्रांसमिशन माध्यम क्या है? (What is Transmission Medium?)
ट्रांसमिशन माध्यम वह चैनल या माध्यम होता है जिसके माध्यम से डेटा एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक पहुंचता है। वायरलेस नेटवर्क्स में, यह माध्यम हवा (Air) होती है जिसमें विद्युत चुम्बकीय तरंगों (Electromagnetic Waves) के द्वारा डेटा ट्रांसफर होता है।
वायरलेस LAN के प्रमुख ट्रांसमिशन माध्यम (Major Transmission Media for WLANs)
1️⃣ रेडियो तरंगें (Radio Waves)
रेडियो वेव्स WLAN का सबसे प्रमुख माध्यम हैं। ये तरंगें 2.4 GHz से 5 GHz फ्रीक्वेंसी रेंज में कार्य करती हैं। IEEE 802.11 मानक इसी फ्रीक्वेंसी बैंड का उपयोग करता है।
- यह भवनों की दीवारों और अवरोधों को पार कर सकती हैं।
- लंबी दूरी तक डेटा ट्रांसमिशन के लिए उपयुक्त।
- Wi-Fi नेटवर्क्स में सबसे सामान्य उपयोग।
2️⃣ माइक्रोवेव (Microwaves)
माइक्रोवेव्स 1 GHz से 40 GHz की रेंज में कार्य करती हैं। इनका उपयोग लाइन-ऑफ-साइट (LOS) कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है, जहाँ ट्रांसमीटर और रिसीवर के बीच कोई अवरोध नहीं होना चाहिए।
- उच्च बैंडविड्थ उपलब्ध कराती हैं।
- लंबी दूरी की संचार प्रणाली जैसे WAN में भी उपयोगी।
- डायरेक्शनल एंटीना की आवश्यकता होती है।
3️⃣ इन्फ्रारेड (Infrared)
इन्फ्रारेड तरंगें 300 GHz से 400 THz फ्रीक्वेंसी बैंड में कार्य करती हैं। ये छोटी दूरी के संचार के लिए उपयोग की जाती हैं, जैसे रिमोट कंट्रोल या एक कमरे के अंदर वायरलेस कनेक्शन।
- कम दूरी के नेटवर्क्स में उपयुक्त।
- दीवारों के पार नहीं जा सकतीं।
- कम सुरक्षा जोखिम।
4️⃣ सैटेलाइट लिंक (Satellite Link)
कुछ उन्नत वायरलेस नेटवर्क्स में सैटेलाइट माध्यम का उपयोग किया जाता है। यह लंबी दूरी के कवरेज के लिए उपयुक्त है और वायरलेस बैकबोन कनेक्टिविटी में मदद करता है।
फ्रीक्वेंसी बैंड्स (Frequency Bands in WLAN)
| बैंड | फ्रीक्वेंसी रेंज | उपयोग |
|---|---|---|
| ISM Band | 2.4 GHz | Wi-Fi (802.11b/g/n) |
| UNII Band | 5 GHz | 802.11a/ac |
| Sub-GHz | 900 MHz | IoT और Low Power Networks |
वायरलेस ट्रांसमिशन की विशेषताएँ
- लाइन-ऑफ-साइट की आवश्यकता।
- फ्रीक्वेंसी इंटरफेरेंस की संभावना।
- सिग्नल अटेनुएशन (Signal Weakening)।
- मल्टीपाथ प्रोपेगेशन।
फायदे (Advantages)
- केबल की आवश्यकता नहीं।
- मोबिलिटी और फ्लेक्सिबिलिटी।
- इंस्टॉलेशन में सरलता।
- लागत में कमी।
हानियाँ (Limitations)
- सुरक्षा खतरों की संभावना।
- सिग्नल इंटरफेरेंस।
- सीमित दूरी और गति।
निष्कर्ष (Conclusion)
WLANs के ट्रांसमिशन माध्यम नेटवर्क के प्रदर्शन, गति और सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डालते हैं। रेडियो और माइक्रोवेव सबसे सामान्य माध्यम हैं, जबकि इन्फ्रारेड सीमित रेंज में उपयोगी है। आधुनिक वायरलेस नेटवर्क्स में इन माध्यमों का मिश्रित उपयोग एक विश्वसनीय और तेज़ संचार प्रणाली सुनिश्चित करता है।
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