Ad Hoc Network Routing vs Traditional IP Routing | ऐड-हॉक नेटवर्क रूटिंग बनाम पारंपरिक IP रूटिंग


ऐड-हॉक नेटवर्क रूटिंग बनाम पारंपरिक IP रूटिंग (Ad Hoc Network Routing vs Traditional IP Routing)

परिचय (Introduction)

नेटवर्क रूटिंग का अर्थ है डेटा पैकेट्स को स्रोत (Source) से गंतव्य (Destination) तक पहुँचाने की प्रक्रिया। पारंपरिक IP नेटवर्क्स में यह कार्य स्थिर राउटर्स और पूर्वनिर्धारित मार्गों के माध्यम से होता है। वहीं, Ad Hoc Networks में कोई निश्चित अवसंरचना (Infrastructure) नहीं होती, और प्रत्येक नोड स्वयं राउटर की तरह कार्य करता है।

इस प्रकार, Traditional IP Routing और Ad Hoc Routing दोनों की संरचना, दृष्टिकोण, और तकनीकें भिन्न हैं।

पारंपरिक IP रूटिंग (Traditional IP Routing)

पारंपरिक नेटवर्क जैसे LAN, MAN, और WAN में रूटिंग स्थायी राउटर्स और Access Points के माध्यम से की जाती है। रूटिंग टेबल्स पहले से निर्मित होती हैं और नेटवर्क टोपोलॉजी स्थिर रहती है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • स्थिर रूटिंग संरचना।
  • केंद्रित नियंत्रण (Centralized Control)।
  • राउटर द्वारा Packet Forwarding।
  • OSPF, RIP, BGP जैसे रूटिंग प्रोटोकॉल्स का उपयोग।

कार्यप्रणाली:

राउटर रूटिंग टेबल्स बनाए रखता है जिसमें विभिन्न नेटवर्कों तक पहुँच के मार्ग (Routes) की जानकारी होती है। जब एक पैकेट किसी गंतव्य की ओर भेजा जाता है, तो यह रूटिंग टेबल में दर्ज मार्ग का अनुसरण करता है।

फायदे:

  • स्थिर और विश्वसनीय मार्ग।
  • कम रूटिंग ओवरहेड।
  • अच्छी सुरक्षा और नियंत्रण।

सीमाएँ:

  • मोबिलिटी का समर्थन नहीं।
  • डायनेमिक टोपोलॉजी के लिए अनुपयुक्त।
  • स्थापना और रखरखाव लागत अधिक।

Ad Hoc नेटवर्क रूटिंग (Ad Hoc Network Routing)

Ad Hoc Networks पूरी तरह से Infrastructure-less होते हैं। यहाँ प्रत्येक नोड स्वयं एक राउटर की तरह कार्य करता है और नेटवर्क टोपोलॉजी निरंतर बदलती रहती है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • विकेन्द्रित नियंत्रण (Decentralized Control)।
  • Dynamic Topology और Mobility।
  • प्रत्येक नोड राउटर की भूमिका निभाता है।
  • ऊर्जा-संवेदनशील नेटवर्किंग।

Ad Hoc Routing के प्रकार:

  • Proactive Routing (Table Driven): प्रत्येक नोड सभी रूट्स की जानकारी रखता है (जैसे DSDV)।
  • Reactive Routing (On-demand): रूट तब बनाया जाता है जब आवश्यकता होती है (जैसे DSR, AODV)।
  • Hybrid Routing: Proactive और Reactive का संयोजन (जैसे ZRP)।

कार्यप्रणाली:

जब कोई नोड किसी अन्य नोड को डेटा भेजना चाहता है, तो वह पहले Route Request (RREQ) संदेश भेजता है। नेटवर्क में अन्य नोड्स इसे प्रसारित करते हैं जब तक कि गंतव्य नहीं मिल जाता। इसके बाद Route Reply (RREP) भेजा जाता है।

फायदे:

  • तेज़ नेटवर्क सेटअप।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं।
  • मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त।
  • आपातकालीन या युद्धक्षेत्र स्थितियों में प्रभावी।

सीमाएँ:

  • उच्च रूटिंग ओवरहेड।
  • ऊर्जा की अधिक खपत।
  • सुरक्षा खतरों की संभावना।
  • नेटवर्क स्थिरता की कमी।

पारंपरिक और Ad Hoc रूटिंग की तुलना

पैरामीटरपारंपरिक IP रूटिंगAd Hoc रूटिंग
नेटवर्क संरचनास्थिर और केंद्रितगतिशील और विकेन्द्रित
रूटिंग टेबलस्थिरडायनेमिक
मोबिलिटी सपोर्टसीमितपूर्ण समर्थन
रूटिंग ओवरहेडकमअधिक
ऊर्जा उपयोगमध्यमअधिक
सुरक्षाउच्चकम
एप्लिकेशनकॉर्पोरेट नेटवर्क्ससैन्य, आपातकालीन नेटवर्क्स

निष्कर्ष (Conclusion)

पारंपरिक IP रूटिंग स्थिर नेटवर्क्स के लिए उपयुक्त है, जबकि Ad Hoc Routing गतिशील और मोबाइल वातावरण के लिए। दोनों की रूटिंग रणनीतियाँ अलग हैं — एक नियंत्रण और स्थिरता पर आधारित है, जबकि दूसरी लचीलापन और गतिशीलता पर। Wireless and Mobile Computing में इन दोनों रूटिंग दृष्टिकोणों की समझ अत्यंत आवश्यक है।

Related Post