GSM Handover and Roaming | जीएसएम में हैंडओवर और रोमिंग क्या है और कैसे काम करती है
GSM में हैंडओवर और रोमिंग (Handover and Roaming in GSM)
परिचय
GSM नेटवर्क मोबाइल कम्युनिकेशन का ऐसा ढांचा है जिसमें उपयोगकर्ता निरंतर रूप से गतिशील रह सकता है — चाहे वह शहर में यात्रा कर रहा हो या किसी अन्य देश में। इस निरंतर कनेक्टिविटी को संभव बनाने के लिए GSM दो महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का उपयोग करता है: हैंडओवर (Handover) और रोमिंग (Roaming)।
हैंडओवर वह प्रक्रिया है जिसमें उपयोगकर्ता की चल रही कॉल या डेटा सत्र को एक सेल से दूसरी सेल में स्थानांतरित किया जाता है, बिना कॉल टूटे। वहीं, रोमिंग वह सुविधा है जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता अपने “होम नेटवर्क” से बाहर किसी अन्य नेटवर्क में सेवाओं का उपयोग कर सकता है।
हैंडओवर (Handover) क्या है?
जब कोई मोबाइल उपयोगकर्ता कॉल के दौरान एक सेल के कवरेज क्षेत्र से बाहर निकलता है और दूसरे सेल में प्रवेश करता है, तो नेटवर्क को उस कॉल को नए बेस स्टेशन पर ट्रांसफर करना होता है ताकि कॉल जारी रह सके — इसी को हैंडओवर कहते हैं।
हैंडओवर का उद्देश्य
- कॉल को बिना टूटे एक सेल से दूसरी सेल में स्थानांतरित करना।
- सिग्नल क्वालिटी और सर्विस कंटीन्यूटी को बनाए रखना।
- नेटवर्क संसाधनों का कुशल उपयोग।
हैंडओवर के प्रकार
| प्रकार | विवरण |
|---|---|
| 1️⃣ Intra-Cell Handover | एक ही सेल में चैनल बदलने की प्रक्रिया, जैसे इंटरफेरेंस या भीड़ के कारण। |
| 2️⃣ Intra-BSC Handover | दो सेल्स के बीच हैंडओवर जो एक ही BSC द्वारा नियंत्रित होते हैं। |
| 3️⃣ Inter-BSC Handover | जब सेल्स अलग-अलग BSC के अंतर्गत हों, तब यह हैंडओवर MSC के नियंत्रण में होता है। |
| 4️⃣ Inter-MSC Handover | जब मोबाइल उपयोगकर्ता एक MSC क्षेत्र से दूसरे MSC क्षेत्र में जाता है। यह सबसे जटिल हैंडओवर होता है। |
हैंडओवर की प्रक्रिया
- मापन रिपोर्ट (Measurement Report): मोबाइल स्टेशन (MS) लगातार सिग्नल की गुणवत्ता (RSSI और BER) को मापता है और BSC को भेजता है।
- निर्णय (Decision): BSC इन रिपोर्टों के आधार पर तय करता है कि कब और कहाँ हैंडओवर होना चाहिए।
- हैंडओवर आदेश (Handover Command): BSC या MSC MS को नए चैनल और नई सेल की जानकारी भेजता है।
- नया लिंक स्थापित: MS नए BTS से कनेक्शन स्थापित करता है।
- पुराना लिंक रिलीज: नया लिंक सफल होने के बाद पुराना कनेक्शन समाप्त कर दिया जाता है।
हैंडओवर की चुनौतियाँ
- हैंडओवर के दौरान विलंब (Latency) के कारण कॉल ड्रॉप की संभावना।
- हाई-स्पीड मोबाइलिटी में सही सेल का चयन कठिन होता है।
- Inter-MSC Handover में signaling बहुत जटिल होती है।
हैंडओवर के लाभ
- सेवा निरंतरता (Call Continuity) बनी रहती है।
- कॉल क्वालिटी बेहतर होती है।
- मोबाइलिटी का बेहतर अनुभव।
रोमिंग (Roaming) क्या है?
रोमिंग वह सुविधा है जो मोबाइल उपयोगकर्ता को अपने “होम नेटवर्क” से बाहर रहते हुए भी सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति देती है। जब उपयोगकर्ता किसी अन्य क्षेत्र या देश में जाता है, तो उसका मोबाइल स्थानीय नेटवर्क से कनेक्ट होता है लेकिन सेवाएँ उसके होम ऑपरेटर के माध्यम से प्रदान की जाती हैं।
रोमिंग के प्रकार
| प्रकार | विवरण |
|---|---|
| 1️⃣ National Roaming | एक ही देश में अलग-अलग नेटवर्कों के बीच रोमिंग (जैसे Jio से Airtel नेटवर्क)। |
| 2️⃣ International Roaming | विदेश में किसी अन्य नेटवर्क के साथ कनेक्शन (उदा. भारत से दुबई जाने पर)। |
रोमिंग की प्रक्रिया
- Location Update: जब उपयोगकर्ता किसी नए नेटवर्क में प्रवेश करता है, तो उसका मोबाइल VLR को Location Update भेजता है।
- HLR-VLR इंटरैक्शन: नया VLR HLR से सब्सक्राइबर की प्रोफाइल मांगता है और नया VLR pointer अपडेट होता है।
- Authentication: HLR और AUC उपयोगकर्ता की पहचान सत्यापित करते हैं।
- Service Authorization: उपयोगकर्ता को सेवाएँ (कॉल, SMS, डेटा) सक्रिय कर दी जाती हैं।
रोमिंग में कॉल फ्लो
जब किसी रोमिंग उपयोगकर्ता को कॉल की जाती है:
- कॉल HLR को रूट होती है।
- HLR यह निर्धारित करता है कि उपयोगकर्ता किस VLR/MSC क्षेत्र में है।
- उस MSC को Temporary Mobile Station Roaming Number (MSRN) आवंटित किया जाता है।
- कॉल उस MSRN के माध्यम से रोमिंग उपयोगकर्ता तक पहुँचती है।
रोमिंग के लाभ
- अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी।
- होम नेटवर्क से बाहर रहते हुए भी कॉल और डेटा की सुविधा।
- स्वचालित लोकेशन अपडेट और प्रमाणीकरण।
रोमिंग की चुनौतियाँ
- उच्च लागत (International roaming charges)।
- सिग्नल कवरेज में बदलाव से गुणवत्ता में गिरावट।
- डेटा स्पीड और लेटेंसी प्रभावित हो सकती है।
- कंप्लेक्स सिग्नलिंग और HLR-VLR समन्वय।
निष्कर्ष
GSM में हैंडओवर और रोमिंग उपयोगकर्ता को निर्बाध और वैश्विक संचार अनुभव प्रदान करते हैं। हैंडओवर नेटवर्क की गतिशीलता को संभव बनाता है जबकि रोमिंग उपयोगकर्ता को किसी भी नेटवर्क में सेवा उपयोग की स्वतंत्रता देता है। दोनों मिलकर GSM को एक सच्चा “ग्लोबल” मोबाइल सिस्टम बनाते हैं।
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