Examples of Ad Hoc Routing Protocols: AODV, DSDV, DSR, ZRP | ऐड-हॉक रूटिंग प्रोटोकॉल्स के उदाहरण
ऐड-हॉक रूटिंग प्रोटोकॉल्स के उदाहरण – AODV, DSDV, DSR, ZRP
परिचय (Introduction)
Ad Hoc नेटवर्क्स ऐसे नेटवर्क होते हैं जिनमें कोई स्थायी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होता। प्रत्येक नोड एक राउटर की तरह कार्य करता है और नेटवर्क टोपोलॉजी लगातार बदलती रहती है। इसीलिए ऐसे नेटवर्क्स में डेटा पैकेट को सही गंतव्य तक पहुँचाने के लिए विशेष रूटिंग प्रोटोकॉल्स की आवश्यकता होती है।
Ad Hoc Routing प्रोटोकॉल्स तीन श्रेणियों में विभाजित हैं — Proactive, Reactive और Hybrid। इस लेख में हम इन प्रोटोकॉल्स के प्रमुख उदाहरणों – DSDV, AODV, DSR और ZRP – का विस्तृत अध्ययन करेंगे।
1️⃣ DSDV (Destination Sequenced Distance Vector)
DSDV एक Proactive Routing Protocol है जो Bellman-Ford एल्गोरिद्म पर आधारित है। यह प्रत्येक नोड में एक रूटिंग टेबल बनाए रखता है जिसमें गंतव्य (Destination) और दूरी (Distance) की जानकारी होती है।
मुख्य विशेषताएँ:
- प्रत्येक नोड अपने पड़ोसी नोड्स को समय-समय पर रूटिंग जानकारी भेजता है।
- Sequence Numbers का उपयोग लूप रोकने के लिए किया जाता है।
- स्थायी और अद्यतन रूटिंग टेबल।
फायदे:
- कम विलंब (Low Latency)।
- रूट लूप की समस्या नहीं।
- स्थिर नेटवर्क के लिए उपयुक्त।
कमियाँ:
- उच्च रूटिंग ओवरहेड।
- मोबिलिटी अधिक होने पर अपडेट फ्रिक्वेंसी बढ़ती है।
कार्यप्रणाली:
प्रत्येक नोड नियमित अंतराल पर अन्य नोड्स को अपनी रूटिंग टेबल भेजता है। यदि नेटवर्क में कोई परिवर्तन होता है, तो नया Sequence Number उत्पन्न होता है और Updated Route Broadcast किया जाता है।
2️⃣ AODV (Ad hoc On-Demand Distance Vector)
AODV एक Reactive Routing Protocol है, जो केवल तभी रूट खोजता है जब डेटा ट्रांसफर की आवश्यकता होती है। यह DSDV की तरह Distance Vector अवधारणा का उपयोग करता है लेकिन On-Demand कार्यप्रणाली अपनाता है।
मुख्य चरण:
- Route Discovery: स्रोत नोड Route Request (RREQ) संदेश भेजता है।
- Route Reply: गंतव्य या कोई इंटरमीडिएट नोड Route Reply (RREP) वापस भेजता है।
- Route Maintenance: यदि लिंक टूटता है, तो Route Error (RERR) भेजा जाता है।
फायदे:
- On-demand route creation से ओवरहेड कम।
- लूप-फ्री रूटिंग Sequence Numbers के माध्यम से।
- मोबाइल नेटवर्क्स में बेहतर प्रदर्शन।
कमियाँ:
- Route Discovery में प्रारंभिक विलंब।
- Flooding के कारण नेटवर्क ट्रैफिक बढ़ता है।
अनुप्रयोग:
- MANETs (Mobile Ad Hoc Networks)।
- आपातकालीन और सैन्य नेटवर्क्स।
3️⃣ DSR (Dynamic Source Routing)
DSR एक Source Routing आधारित Reactive Protocol है। इसमें स्रोत नोड पूरे मार्ग की जानकारी रखता है और प्रत्येक पैकेट में पूरा रूट एम्बेड किया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ:
- Route Cache का उपयोग।
- कोई रूटिंग टेबल आवश्यक नहीं।
- पथ पूरी तरह से स्रोत द्वारा नियंत्रित।
फायदे:
- कम ओवरहेड।
- स्वतंत्र और लचीली रूटिंग।
कमियाँ:
- लंबे रूट्स में Header Size बढ़ जाता है।
- नेटवर्क की Mobility बढ़ने पर प्रदर्शन घटता है।
कार्यप्रणाली:
- Route Discovery: स्रोत नोड RREQ भेजता है।
- Route Maintenance: यदि रूट टूटता है, तो नया मार्ग खोजा जाता है।
4️⃣ ZRP (Zone Routing Protocol)
ZRP एक Hybrid Routing Protocol है जो Proactive और Reactive दोनों की विशेषताओं को मिलाता है। यह नेटवर्क को विभिन्न जोनों (Zones) में विभाजित करता है।
कार्य सिद्धांत:
- जोनों के भीतर Proactive Routing।
- जोनों के बीच Reactive Routing।
फायदे:
- कम रूटिंग ओवरहेड।
- तेज़ Route Discovery।
- बड़े नेटवर्क्स में कुशल प्रदर्शन।
कमियाँ:
- Zone आकार चुनना चुनौतीपूर्ण।
- जटिल कार्यान्वयन।
सारांश तालिका (Summary Table)
| प्रोटोकॉल | प्रकार | मुख्य विशेषता | फायदे | कमियाँ |
|---|---|---|---|---|
| DSDV | Proactive | Sequence-based updates | Low latency | High overhead |
| AODV | Reactive | On-demand route setup | Loop-free | Flooding overhead |
| DSR | Reactive | Source routing | No routing tables | Header growth |
| ZRP | Hybrid | Zone-based routing | Scalable | Complex design |
निष्कर्ष (Conclusion)
DSDV, AODV, DSR, और ZRP सभी Ad Hoc नेटवर्क्स की गतिशील आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किए गए हैं। DSDV स्थिर नेटवर्क्स के लिए उपयुक्त है, AODV और DSR उच्च Mobility वाले वातावरण के लिए, जबकि ZRP बड़े और मिश्रित नेटवर्क्स के लिए आदर्श है। इन प्रोटोकॉल्स की समझ Wireless और Mobile Computing के क्षेत्र में आधारभूत है।
Related Post
- Review of LAN, MAN, WAN, Intranet and Internet | लोकल, मेट्रोपोलिटन और वाइड एरिया नेटवर्क का परिचय
- Interconnectivity Devices – Bridges, Routers, and More | नेटवर्क इंटरकनेक्टिविटी डिवाइसेस – ब्रिज, राउटर और अन्य उपकरण
- Review of TCP/IP Protocol Architecture | TCP/IP प्रोटोकॉल आर्किटेक्चर की समीक्षा
- ARP and RARP Protocols | एड्रेस रेज़ोल्यूशन प्रोटोकॉल (ARP) और रिवर्स एड्रेस रेज़ोल्यूशन प्रोटोकॉल (RARP)
- IP Addressing | IP एड्रेसिंग और उसका वर्गीकरण (IPv4 और IPv6 सहित)
- IP Datagram Format and Its Delivery | IP डेटाग्राम प्रारूप और उसका वितरण
- Routing Table Format and Its Working | रूटिंग टेबल का प्रारूप और कार्यप्रणाली
- ICMP Messages | इंटरनेट कंट्रोल मैसेज प्रोटोकॉल (ICMP) संदेश और उनके प्रकार
- Subnetting, Supernetting, and CIDR | सबनेटिंग, सुपरनेटिंग और CIDR (Classless Inter-Domain Routing)
- Domain Name System (DNS) | डोमेन नेम सिस्टम और उसका कार्य सिद्धांत
- Network Address Translation (NAT): Private Addressing, SNAT, DNAT, and Firewalls | नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन और इसके प्रकार
- Virtual LANs (VLANs): Concepts, Comparison with Real LANs, Types, and Tagging | वर्चुअल LAN की अवधारणा और प्रकार
- IPv6: Address Structure, Address Space, and Header | IPv6 एड्रेस संरचना और हेडर फॉर्मेट
- Border Gateway Protocol (BGP): Concept of Hidden Network and Autonomous System | बीजीपी प्रोटोकॉल और स्वायत्त प्रणाली की अवधारणा
- Interior Gateway Protocols: RIP and OSPF | इंटरियर गेटवे प्रोटोकॉल – RIP और OSPF की कार्यप्रणाली
- Multiplexing and Ports | मल्टीप्लेक्सिंग और पोर्ट्स की अवधारणा
- TCP: Segment Format, Sockets, Synchronization, and Three-Way Handshaking | TCP सेगमेंट फॉर्मेट, सॉकेट्स और थ्री-वे हैंडशेकिंग
- TCP Flow Control: Variable Window Size, Timeout, and Retransmission Algorithms | TCP फ्लो कंट्रोल, विंडो साइज और री-ट्रांसमिशन एल्गोरिद्म
- TCP Connection Control and Silly Window Syndrome | TCP कनेक्शन नियंत्रण और सिली विंडो सिंड्रोम
- TCP Versions: Tahoe, Reno, and SACK | TCP के संस्करण – Tahoe, Reno और SACK की कार्यप्रणाली
- UDP: Message Encapsulation, Format, and Pseudo Header | UDP संदेश संकुलन, फॉर्मेट और स्यूडो हेडर
- Transmission Medium for WLANs | वायरलेस LANs के लिए ट्रांसमिशन माध्यम
- MAC Problems: Hidden and Exposed Terminals, Near and Far Terminals | MAC समस्याएँ – हिडन और एक्सपोज़्ड टर्मिनल्स
- Infrastructure and Ad Hoc Networks | इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऐड-हॉक नेटवर्क्स
- IEEE 802.11 Architecture and Protocols | IEEE 802.11 प्रणाली और प्रोटोकॉल आर्किटेक्चर
- Physical Layer and Spread Spectrum Concepts | फिजिकल लेयर और स्प्रेड स्पेक्ट्रम की अवधारणा
- MAC Layer Management and Power Management in WLAN | WLAN में MAC प्रबंधन और पावर मैनेजमेंट
- WLAN Security | WLAN की सुरक्षा प्रणाली
- Mobile IP: Unsuitability of Traditional IP, Goals, and Terminology | मोबाइल IP और पारंपरिक IP की सीमाएँ
- Mobile IP: Agent Advertisement, Discovery, Registration, and Tunneling | मोबाइल IP की कार्यप्रणाली, एजेंट एडवर्टाइजमेंट, डिस्कवरी, रजिस्ट्रेशन और टनलिंग तकनीक
- Ad Hoc Network Routing vs Traditional IP Routing | ऐड-हॉक नेटवर्क रूटिंग बनाम पारंपरिक IP रूटिंग
- Types of Ad Hoc Routing Protocols | ऐड-हॉक रूटिंग प्रोटोकॉल्स के प्रकार
- Examples of Ad Hoc Routing Protocols: AODV, DSDV, DSR, ZRP | ऐड-हॉक रूटिंग प्रोटोकॉल्स के उदाहरण
- Unsuitability of Traditional TCP | पारंपरिक TCP की अनुपयुक्तता
- I-TCP (Indirect TCP) | अप्रत्यक्ष TCP
- Split TCP (S-TCP) in Wireless Networks | वायरलेस नेटवर्क में S-TCP (स्प्लिट TCP) क्या है?
- M-TCP (Mobile TCP) Explained | मोबाइल TCP क्या है और कैसे काम करता है?
- Cellular System in Wireless Communication | सेलुलर सिस्टम क्या है और कैसे काम करता है?
- Cellular Networks vs WLAN | सेलुलर नेटवर्क और WLAN में क्या अंतर है?
- GSM Services in Wireless Communication | जीएसएम की सेवाएँ और प्रकार
- GSM System Architecture Explained | जीएसएम सिस्टम आर्किटेक्चर का विस्तृत अध्ययन
- GSM Localization and Calling | जीएसएम में लोकेलाइजेशन और कॉलिंग कैसे काम करती है
- GSM Handover and Roaming | जीएसएम में हैंडओवर और रोमिंग क्या है और कैसे काम करती है
- Special Constraints & Requirements of Mobile Device Operating Systems | मोबाइल डिवाइस ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेष बाधाएँ और आवश्यकताएँ
- Commercial Mobile Operating Systems | वाणिज्यिक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का विस्तृत अध्ययन
- Software Development Kit: iOS SDK | सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट – iOS SDK का विस्तृत अध्ययन
- Software Development Kit: Android SDK | सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट – Android SDK का विस्तृत अध्ययन
- M-Commerce Structure | एम-कॉमर्स की संरचना और कार्यप्रणाली
- M-Commerce Pros and Cons | एम-कॉमर्स के लाभ और हानियाँ
- M-Commerce: Mobile Payment System | एम-कॉमर्स में मोबाइल पेमेंट सिस्टम की संरचना और कार्यप्रणाली
- M-Commerce: Security Issues | एम-कॉमर्स में सुरक्षा संबंधी मुद्दे और समाधान