Routing Table Format and Its Working | रूटिंग टेबल का प्रारूप और कार्यप्रणाली
रूटिंग टेबल का प्रारूप और कार्यप्रणाली (Routing Table Format and Its Working)
परिचय (Introduction)
नेटवर्किंग की दुनिया में डेटा पैकेट का गंतव्य तक पहुँचना एक जटिल प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में Routing Table (रूटिंग टेबल) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह टेबल नेटवर्क में उपलब्ध सभी संभावित मार्गों (Routes) की जानकारी रखती है। जब कोई राउटर या होस्ट किसी IP पैकेट को भेजता है, तो वह अपने रूटिंग टेबल की सहायता से यह तय करता है कि डेटा को किस दिशा में भेजा जाए।
रूटिंग क्या है? (What is Routing?)
Routing वह प्रक्रिया है जिसमें डेटा पैकेट्स को स्रोत से गंतव्य तक पहुँचाने के लिए सबसे उपयुक्त मार्ग चुना जाता है। यह निर्णय विभिन्न मानकों जैसे दूरी (Distance), समय (Delay), और लागत (Cost) के आधार पर किया जाता है। रूटिंग के दो प्रमुख प्रकार होते हैं — Static Routing और Dynamic Routing।
Static Routing:
- यह मैन्युअल रूप से कॉन्फ़िगर की जाती है।
- छोटे नेटवर्क्स में उपयुक्त।
- कम लचीलापन लेकिन अधिक स्थिरता।
Dynamic Routing:
- स्वतः अपडेट होने वाली रूटिंग प्रक्रिया।
- RIP, OSPF, BGP जैसे प्रोटोकॉल इसका उपयोग करते हैं।
- बड़े और परिवर्तनीय नेटवर्क्स के लिए उपयुक्त।
रूटिंग टेबल क्या है? (What is a Routing Table?)
रूटिंग टेबल एक डेटा संरचना (Data Structure) है जो नेटवर्क के प्रत्येक राउटर या होस्ट में मौजूद होती है। यह नेटवर्क के गंतव्यों (Destinations) और उनके रास्तों (Paths) की जानकारी संग्रहीत करती है।
रूटिंग टेबल के प्रमुख घटक (Main Components of Routing Table)
| फील्ड | विवरण |
|---|---|
| Destination Network | गंतव्य नेटवर्क या IP Address। |
| Subnet Mask | नेटवर्क की सीमा निर्धारित करता है। |
| Next Hop | अगले राउटर का IP Address जहाँ पैकेट भेजा जाएगा। |
| Interface | वह नेटवर्क इंटरफेस जिससे पैकेट निकलेगा। |
| Metric | मार्ग की लागत या दूरी का माप। |
| Route Type | Static या Dynamic। |
| Timer | रूट के अपडेट समय को दर्शाता है। |
रूटिंग टेबल का उदाहरण (Example of Routing Table)
Destination Gateway Genmask Flags Metric Iface 192.168.1.0 0.0.0.0 255.255.255.0 U 0 eth0 0.0.0.0 192.168.1.1 0.0.0.0 UG 100 eth0 172.16.0.0 192.168.1.2 255.255.0.0 UG 200 eth0
रूटिंग टेबल का कार्य (Working of Routing Table)
- जब कोई IP Datagram आता है, तो राउटर उसके Destination Address को पढ़ता है।
- यह रूटिंग टेबल में मेल खाने वाला एंट्री खोजता है।
- अगर सटीक मेल नहीं मिलता, तो Longest Prefix Match का उपयोग किया जाता है।
- पैकेट को Next Hop की दिशा में भेज दिया जाता है।
- यदि कोई रूट नहीं मिलता, तो पैकेट ड्रॉप कर दिया जाता है और ICMP संदेश भेजा जाता है।
Longest Prefix Matching
यह तकनीक यह तय करने में मदद करती है कि किस नेटवर्क एंट्री को प्राथमिकता दी जाए। यदि दो या अधिक रूट्स मेल खाते हैं, तो उस एंट्री को चुना जाता है जिसका सबनेट मास्क सबसे लंबा होता है।
रूटिंग टेबल में रूट जोड़ना (Adding Routes)
नेटवर्क एडमिन या रूटिंग प्रोटोकॉल नई एंट्री जोड़ सकते हैं। उदाहरण:
route add -net 10.0.0.0 netmask 255.0.0.0 gw 192.168.1.1
रूटिंग प्रोटोकॉल्स (Routing Protocols)
- RIP (Routing Information Protocol): Distance Vector आधारित प्रोटोकॉल।
- OSPF (Open Shortest Path First): Link State आधारित प्रोटोकॉल।
- BGP (Border Gateway Protocol): Internet Backbone Routing प्रोटोकॉल।
Routing Table Updates
Dynamic Routing में रूटिंग टेबल समय-समय पर अपडेट होती है। प्रत्येक राउटर अपने पड़ोसी राउटर्स से नई जानकारी प्राप्त करता है और अपने रूट्स को समायोजित करता है।
Default Route
जब किसी Destination के लिए कोई विशेष रूट नहीं मिलता, तो पैकेट को Default Route (0.0.0.0) के माध्यम से Gateway पर भेजा जाता है।
रूटिंग टेबल का महत्व (Importance of Routing Table)
- डेटा डिलीवरी की दक्षता बढ़ाता है।
- नेटवर्क ट्रैफिक को अनुकूलित करता है।
- नेटवर्क विस्तार और स्केलेबिलिटी में सहायता करता है।
- क्लाउड और मोबाइल नेटवर्क्स में पथ निर्धारण के लिए आवश्यक।
सीमाएँ (Limitations)
- बड़े नेटवर्क में टेबल का आकार बहुत बढ़ जाता है।
- Dynamic Routing में अधिक CPU और मेमोरी उपयोग।
- रूटिंग लूप्स की संभावना।
उदाहरण (Practical Example)
मान लीजिए कि राउटर को 192.168.2.50 के लिए पैकेट प्राप्त होता है। वह रूटिंग टेबल में एंट्री खोजता है और पता चलता है कि यह रूट 192.168.2.0/24 नेटवर्क में आता है। इसलिए वह पैकेट को अगली Hop 192.168.1.1 पर भेज देता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Routing Table नेटवर्क की दिशा-निर्देशक प्रणाली है। यह डेटा को सही मार्ग पर भेजने के लिए आवश्यक जानकारी रखती है। इसकी कार्यप्रणाली को समझना Wireless और Mobile Computing के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि हर नेटवर्क कम्युनिकेशन इसी पर आधारित होता है।
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