MAC Problems: Hidden and Exposed Terminals, Near and Far Terminals | MAC समस्याएँ – हिडन और एक्सपोज़्ड टर्मिनल्स


MAC समस्याएँ – हिडन और एक्सपोज़्ड टर्मिनल्स, नियर और फार टर्मिनल्स

परिचय (Introduction)

Wireless LAN (WLAN) में डेटा ट्रांसमिशन के दौरान कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जो नेटवर्क प्रदर्शन को प्रभावित करती हैं। इन समस्याओं में सबसे सामान्य हैं – Hidden Terminal Problem, Exposed Terminal Problem, और Near-Far Problem। ये समस्याएँ मुख्य रूप से Medium Access Control (MAC) लेयर में उत्पन्न होती हैं और नेटवर्क के डेटा ट्रांसफर दक्षता को घटा देती हैं।

MAC लेयर क्या है? (What is MAC Layer?)

MAC (Medium Access Control) लेयर OSI मॉडल की Data Link Layer का एक उपभाग है। इसका मुख्य कार्य नेटवर्क में सभी डिवाइसेज़ के बीच डेटा ट्रांसमिशन का समन्वय करना है ताकि दो डिवाइस एक ही समय पर एक ही चैनल पर डेटा न भेजें।

MAC लेयर की जिम्मेदारियाँ

  • चैनल एक्सेस नियंत्रण।
  • टकराव (Collision) की रोकथाम।
  • डेटा पैकेट्स का आयोजन।
  • ट्रांसमिशन दक्षता बढ़ाना।

1️⃣ Hidden Terminal Problem (हिडन टर्मिनल समस्या)

यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब दो डिवाइस एक ही Access Point से जुड़े होते हैं लेकिन एक-दूसरे की सिग्नल रेंज में नहीं होते। वे एक-दूसरे को “देख” नहीं सकते, जिससे डेटा टकराव (Collision) होता है।

उदाहरण:

Device A → Access Point ← Device B

A और B दोनों Access Point से संवाद कर सकते हैं लेकिन एक-दूसरे को नहीं “देख” सकते। अगर दोनों एक साथ डेटा भेजते हैं, तो Collision होता है।

प्रभाव:

  • डेटा लॉस और रिट्रांसमिशन बढ़ता है।
  • नेटवर्क की थ्रूपुट घटती है।
  • चैनल दक्षता कम होती है।

समाधान (Solutions)

  • RTS/CTS (Request to Send / Clear to Send): यह तकनीक डेटा भेजने से पहले चैनल को रिज़र्व करती है ताकि अन्य डिवाइस ट्रांसमिट न करें।
  • Carrier Sense Multiple Access with Collision Avoidance (CSMA/CA): डिवाइस डेटा भेजने से पहले चैनल की स्थिति जाँचती है।

2️⃣ Exposed Terminal Problem (एक्सपोज़्ड टर्मिनल समस्या)

यह समस्या तब होती है जब एक डिवाइस गलत तरीके से यह मान लेता है कि चैनल व्यस्त है जबकि वास्तव में वह डेटा भेज सकता है। इससे नेटवर्क उपयोगिता घट जाती है।

उदाहरण:

Device A → Device B → Device C

यदि B, A से डेटा प्राप्त कर रहा है, तो C सोचता है कि चैनल व्यस्त है, और डेटा नहीं भेजता, जबकि वह वास्तव में किसी अन्य डिवाइस को भेज सकता था।

प्रभाव:

  • नेटवर्क उपयोग घटता है।
  • थ्रूपुट में कमी।
  • डेटा ट्रांसमिशन में देरी।

समाधान:

  • RTS/CTS प्रोटोकॉल का उपयोग करके यह निर्धारित किया जा सकता है कि कौन डिवाइस ट्रांसमिट कर सकता है।
  • Directional Antenna का उपयोग कर सिग्नल की दिशा नियंत्रित की जा सकती है।

3️⃣ Near-Far Problem (नियर-फार टर्मिनल समस्या)

यह समस्या तब होती है जब एक डिवाइस Access Point के बहुत पास होता है और दूसरा बहुत दूर। पास वाला डिवाइस दूर वाले के सिग्नल को “डूबा” देता है (Signal Suppression)।

उदाहरण:

यदि Device A Access Point के पास है और Device B दूर है, तो A का सिग्नल बहुत मजबूत होगा जबकि B का सिग्नल कमजोर रहेगा। परिणामस्वरूप, B के डेटा पैकेट्स खो जाते हैं।

समाधान:

  • पावर कंट्रोल एल्गोरिद्म का उपयोग।
  • सिग्नल स्ट्रेंथ को बैलेंस करने के लिए अडैप्टिव पावर तकनीक।
  • Access Point की स्थिति को संतुलित रखना।

MAC समस्याओं का प्रभाव (Impact on WLAN)

  • थ्रूपुट में कमी।
  • कॉल ड्रॉप्स और लेटेंसी में वृद्धि।
  • नेटवर्क क्षमता कम होती है।

MAC समस्याओं के समाधान के लिए तकनीकें

  • CSMA/CA (Carrier Sense Multiple Access with Collision Avoidance)
  • RTS/CTS हैंडशेकिंग
  • Power Control Algorithms
  • Adaptive Transmission Rate Control
  • Directional Antennas

निष्कर्ष (Conclusion)

MAC लेयर समस्याएँ वायरलेस नेटवर्क के प्रदर्शन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। Hidden और Exposed Terminal जैसी समस्याएँ डेटा ट्रांसमिशन को बाधित करती हैं। RTS/CTS और CSMA/CA जैसी तकनीकें इन समस्याओं को कम करने में सहायक हैं। Wireless और Mobile Computing वातावरण में इन समस्याओं की समझ और उनका समाधान विश्वसनीय संचार के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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