Steady State Condition and Markov Analysis | स्थिर अवस्था की शर्त और मार्कोव विश्लेषण


स्थिर अवस्था की शर्त और मार्कोव विश्लेषण (Steady State Condition and Markov Analysis)

परिचय

मार्कोव श्रृंखला (Markov Chain) के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है स्थिर अवस्था (Steady State)। यह वह अवस्था होती है जब किसी प्रणाली की संभावनाएँ समय के साथ स्थिर हो जाती हैं — अर्थात कई संक्रमणों (Transitions) के बाद भी किसी विशेष अवस्था में होने की संभावना बदलती नहीं। इस स्थिति में कहा जाता है कि सिस्टम संतुलन या स्थिरता (Equilibrium) में पहुँच गया है।

मार्कोव विश्लेषण (Markov Analysis) एक गणितीय तकनीक है जिसके द्वारा यह अनुमान लगाया जाता है कि किसी सिस्टम की अवस्थाएँ समय के साथ कैसे बदलेंगी और अंततः कौन-सी अवस्था में स्थिर होंगी। डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, और बिजनेस एनालिटिक्स में इस विश्लेषण का व्यापक उपयोग होता है।

स्थिर अवस्था की परिभाषा

यदि किसी मार्कोव श्रृंखला की प्रायिकता वितरण समय के साथ नहीं बदलती, तो उसे स्थिर अवस्था कहा जाता है। गणितीय रूप में:

πP = π और Σ πi = 1

यहाँ:

  • π = स्थिर अवस्था का प्रायिकता वेक्टर (Probability Vector)
  • P = संक्रमण प्रायिकता मैट्रिक्स (Transition Probability Matrix)

भौतिक अर्थ

स्थिर अवस्था का अर्थ है कि यदि सिस्टम को पर्याप्त समय तक चलने दिया जाए, तो यह किसी निश्चित अनुपात में अपनी अवस्थाओं में रहेगा। उदाहरण के लिए, यदि मौसम प्रणाली में धूप, बादल और बारिश की अवस्थाएँ हैं, तो स्थिर अवस्था बताती है कि लंबे समय में कितने प्रतिशत समय धूप, बादल या बारिश रहेगी।

स्थिर अवस्था निकालने की प्रक्रिया

स्थिर अवस्था की गणना के लिए निम्न चरणों का पालन किया जाता है:

  1. संक्रमण प्रायिकता मैट्रिक्स P तैयार करें।
  2. समीकरण πP = π स्थापित करें।
  3. समीकरण (PT − I)πT = 0 हल करें।
  4. Σ πi = 1 की शर्त लगाएँ।
  5. π1, π2, … के मान प्राप्त करें।

उदाहरण

मान लीजिए कि किसी सिस्टम की संक्रमण प्रायिकता मैट्रिक्स इस प्रकार है:

P = ⎡ 0.7 0.3 ⎤
⎣ 0.4 0.6 ⎦

अब हमें स्थिर अवस्था (π1, π2) निकालनी है।

समीकरण:

πP = π ⇒ [π1 π2] × ⎡ 0.7 0.3 ⎤ = [π1 π2]
⎣ 0.4 0.6 ⎦

विस्तार:

π1 = 0.7π1 + 0.4π2 π2 = 0.3π1 + 0.6π2

और Σ πi = 1 ⇒ π1 + π2 = 1

हल:

π1 = 4/7 ≈ 0.571 π2 = 3/7 ≈ 0.429

इसका अर्थ है कि लंबे समय में सिस्टम लगभग 57% समय अवस्था 1 में और 43% समय अवस्था 2 में रहेगा।

मार्कोव विश्लेषण (Markov Analysis)

मार्कोव विश्लेषण का उद्देश्य यह समझना है कि सिस्टम समय के साथ कैसे बदलता है और अंततः कहाँ स्थिर होता है। यह विश्लेषण ट्रांज़िशन मैट्रिक्स और स्थिर अवस्था की गणना के माध्यम से किया जाता है।

प्रमुख उपयोग क्षेत्र:

  • व्यवसाय निर्णय: ग्राहक के व्यवहार की भविष्यवाणी।
  • ऑपरेशंस रिसर्च: सिस्टम की दक्षता का विश्लेषण।
  • फाइनेंस: मार्केट ट्रेंड्स का दीर्घकालिक विश्लेषण।
  • कंप्यूटर नेटवर्क: डेटा पैकेट मूवमेंट का अध्ययन।
  • AI और मशीन लर्निंग: Hidden Markov Models और Sequence Prediction।

स्थिर अवस्था और एर्गोडिक मार्कोव श्रृंखला

यदि मार्कोव श्रृंखला एर्गोडिक (Ergodic) है, तो इसका अर्थ है कि किसी भी अवस्था से किसी अन्य अवस्था तक पहुँचना संभव है और लंबे समय में सभी अवस्थाओं की प्रायिकताएँ स्थिर हो जाती हैं।

गणनात्मक दृष्टिकोण (Python Example)

import numpy as np

P = np.array([[0.7, 0.3],
              [0.4, 0.6]])

# स्थिर अवस्था के लिए समीकरण πP = π
# समाधान: π = πP, Σπ = 1

w, v = np.linalg.eig(P.T)
steady_state = v[:, np.isclose(w, 1)]
steady_state = steady_state / steady_state.sum()
print(steady_state.real)

यह कोड स्थिर अवस्था की प्रायिकताएँ प्रदान करेगा।

वास्तविक जीवन उदाहरण

  • Google PageRank: वेबपेज रैंकिंग स्थिर अवस्था वितरण पर आधारित होती है।
  • Customer Retention Modeling: ग्राहक का दीर्घकालिक व्यवहार मार्कोव श्रृंखला से विश्लेषित किया जाता है।
  • Reliability Engineering: किसी मशीन की कार्यशीलता और विफलता की संभावना।
  • Queue Systems: स्थिर अवस्था में औसत प्रतीक्षा समय और सर्वर उपयोगिता।

स्थिर अवस्था की विशेषताएँ

  • यह केवल Homogeneous Markov Chains पर लागू होती है।
  • सिस्टम का दीर्घकालिक व्यवहार दर्शाती है।
  • अवस्थाओं का स्थिर अनुपात प्रदान करती है।
  • π वेक्टर के सभी तत्व गैर-ऋणात्मक और कुल योग 1 होता है।

निष्कर्ष

स्थिर अवस्था और मार्कोव विश्लेषण किसी भी गतिशील प्रणाली के दीर्घकालिक व्यवहार को समझने का एक शक्तिशाली गणितीय उपकरण है। यह न केवल संभावनाओं को संतुलन में दर्शाता है, बल्कि निर्णय-निर्माण, योजना निर्माण, और भविष्यवाणी में एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करता है। डेटा साइंस, AI, और बिजनेस एनालिटिक्स में यह अवधारणा व्यापक रूप से उपयोग की जाती है — विशेषकर जहां दीर्घकालिक व्यवहार का अध्ययन आवश्यक होता है।

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