Per Segment Checksum in UDP in Hindi: परिभाषा, कार्य और महत्व


Per Segment Checksum क्या है?

**Per Segment Checksum** UDP (User Datagram Protocol) का एक महत्वपूर्ण **एरर डिटेक्शन मैकेनिज्म** है, जिसका उपयोग डेटा पैकेट्स में **त्रुटियों (Errors) का पता लगाने के लिए किया जाता है**। यह **UDP हेडर में Checksum फ़ील्ड का उपयोग करता है**, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि डेटा को बिना किसी क्षति (Data Corruption) के सही तरीके से भेजा और प्राप्त किया जाए।

Per Segment Checksum की विशेषताएँ

  • **यह UDP हेडर में 16-बिट Checksum फ़ील्ड का उपयोग करता है।**
  • **यह भेजे गए डेटा पैकेट्स में एरर का पता लगाने में मदद करता है।**
  • **UDP में Checksum वैकल्पिक (Optional) होता है, लेकिन IPv6 में इसे अनिवार्य बनाया गया है।**
  • **Checksum का उपयोग रिसीवर को यह सत्यापित करने के लिए किया जाता है कि डेटा सही तरीके से प्राप्त हुआ है या नहीं।**

UDP Header में Checksum फ़ील्ड

UDP हेडर **केवल 8 बाइट्स (64 बिट्स)** का होता है और इसमें एक **16-बिट Checksum फ़ील्ड** होती है, जो निम्नलिखित चार फ़ील्ड्स में शामिल होती है:

फ़ील्ड आकार (Bits) विवरण
Source Port 16 डेटा भेजने वाले एप्लिकेशन का पोर्ट नंबर।
Destination Port 16 डेटा प्राप्त करने वाले एप्लिकेशन का पोर्ट नंबर।
Length 16 UDP हेडर और डेटा की कुल लंबाई।
Checksum 16 डेटा की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

Per Segment Checksum कैसे काम करता है?

UDP Checksum **प्रेषक (Sender) और रिसीवर (Receiver) दोनों** के द्वारा जेनरेट और सत्यापित किया जाता है। इसकी कार्यप्रणाली निम्नलिखित चरणों में होती है:

1. **UDP Checksum का निर्माण (Checksum Calculation)**

  • UDP **डेटा पैकेट से एक Pseudo Header बनाया जाता है**, जिसमें IP Address, Protocol Type, और UDP Length शामिल होते हैं।
  • संपूर्ण UDP हेडर और डेटा के **16-बिट वर्ड्स का योग (Sum) निकाला जाता है**।
  • अगर कोई कैरी (Carry) जनरेट होता है, तो उसे Sum में जोड़ा जाता है।
  • अंत में, **1’s Complement** लिया जाता है और इसे Checksum फ़ील्ड में स्टोर किया जाता है।

2. **UDP Checksum का सत्यापन (Checksum Verification)**

  • रिसीवर पैकेट प्राप्त करने के बाद **UDP Checksum को दोबारा कैलकुलेट करता है**।
  • अगर Checksum वैध (Valid) होता है, तो पैकेट को स्वीकार कर लिया जाता है।
  • अगर Checksum अमान्य (Invalid) होता है, तो पैकेट को ड्रॉप कर दिया जाता है।

UDP Checksum के लाभ

  • **डेटा की अखंडता (Integrity) बनाए रखता है।**
  • **डेटा ट्रांसमिशन के दौरान उत्पन्न त्रुटियों (Errors) का पता लगाता है।**
  • **UDP को अधिक विश्वसनीय बनाता है, भले ही यह एक Connectionless प्रोटोकॉल हो।**
  • **IPv6 में UDP Checksum अनिवार्य (Mandatory) है, जिससे नेटवर्क की सुरक्षा बढ़ती है।**

UDP Checksum के नुकसान

  • **यह केवल डेटा एरर का पता लगाता है, उसे सुधार नहीं सकता।**
  • **UDP Checksum वैकल्पिक है, इसलिए कई सिस्टम इसे डिसेबल कर सकते हैं, जिससे सुरक्षा कम हो सकती है।**
  • **UDP ट्रांसमिशन को थोड़ी सी अतिरिक्त प्रोसेसिंग पावर की आवश्यकता होती है, जिससे यह CPU पर लोड डाल सकता है।**

UDP Checksum बनाम TCP Checksum

UDP और TCP दोनों Transport Layer पर कार्य करते हैं, लेकिन उनके Checksum में कुछ प्रमुख अंतर होते हैं:

विशेषता UDP Checksum TCP Checksum
एरर डिटेक्शन केवल डेटा की अखंडता सुनिश्चित करता है एरर डिटेक्शन के साथ एरर रिकवरी भी प्रदान करता है
रिकवरी गुम हुए पैकेट्स को पुनः नहीं भेजता ACK और Retransmission के माध्यम से खोए हुए पैकेट्स को पुनः भेजता है
अतिरिक्त प्रोसेसिंग कम अधिक
IPv6 में अनिवार्यता अनिवार्य अनिवार्य
स्पीड तेज़ धीमा
उपयोग VoIP, स्ट्रीमिंग, गेमिंग वेब ब्राउज़िंग, फ़ाइल ट्रांसफर

UDP Checksum को सक्षम और अक्षम कैसे करें?

कई ऑपरेटिंग सिस्टम और नेटवर्क डिवाइसेस UDP Checksum को सक्षम (Enable) या अक्षम (Disable) करने की अनुमति देते हैं।

Linux में UDP Checksum को जाँचने के लिए:

cat /proc/net/snmp | grep Udp

UDP Checksum को बंद करने के लिए:

ethtool -K eth0 udp off

UDP Checksum को पुनः सक्षम करने के लिए:

ethtool -K eth0 udp on

UDP Checksum का उपयोग कहां किया जाता है?

  • **VoIP (Voice over IP)** – इंटरनेट कॉलिंग सेवाओं में।
  • **DNS (Domain Name System)** – डोमेन नेम से IP एड्रेस रेजोल्यूशन में।
  • **DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)** – नेटवर्क में ऑटो IP असाइनमेंट के लिए।
  • **Online Gaming** – लो लेटेंसी डेटा ट्रांसफर के लिए।
  • **Live Video Streaming** – जैसे YouTube, Netflix, Twitch।

निष्कर्ष

**Per Segment Checksum in UDP** डेटा की अखंडता बनाए रखने और नेटवर्क संचार को सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है। यह **डेटा पैकेट्स की जाँच करता है और किसी भी एरर का पता लगाने में मदद करता है**। हालाँकि, यह डेटा रिकवरी प्रदान नहीं करता, लेकिन यह **UDP को अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित बनाता है**।

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