Connection-Oriented और Connectionless Services in Computer Network in Hindi: परिभाषा, अंतर और उदाहरण


कनेक्शन ओरिएंटेड और कनेक्शनलेस सर्विस क्या है?

नेटवर्किंग में डेटा संचार के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: Connection-Oriented Services और Connectionless Services। दोनों प्रकार की सेवाओं का उपयोग विभिन्न नेटवर्किंग एप्लिकेशन और प्रोटोकॉल में किया जाता है।

Connection-Oriented Service क्या है?

Connection-Oriented Service में डेटा ट्रांसमिशन शुरू होने से पहले एक स्थायी कनेक्शन स्थापित किया जाता है। यह सेवा तीन चरणों में काम करती है:

  • कनेक्शन स्थापना (Connection Establishment): डेटा भेजने से पहले एक स्थायी कनेक्शन सेटअप किया जाता है।
  • डेटा ट्रांसमिशन (Data Transfer): डेटा विश्वसनीय रूप से भेजा और प्राप्त किया जाता है।
  • कनेक्शन समाप्ति (Connection Termination): डेटा ट्रांसफर पूरा होने के बाद कनेक्शन बंद कर दिया जाता है।

Connection-Oriented Service के उदाहरण

प्रोटोकॉल कार्य
TCP (Transmission Control Protocol) विश्वसनीय डेटा ट्रांसफर, एरर डिटेक्शन और रिकवरी प्रदान करता है।
ATM (Asynchronous Transfer Mode) कनेक्शन-ओरिएंटेड संचार का उपयोग करने वाला उच्च गति नेटवर्किंग प्रोटोकॉल।
X.25 पैकेट-स्विचिंग नेटवर्क में उपयोग किया जाने वाला कनेक्शन-ओरिएंटेड प्रोटोकॉल।

Connection-Oriented Service की विशेषताएँ

  • डेटा पैकेट्स सही क्रम में डिलीवर होते हैं।
  • डेटा की विश्वसनीयता और सटीकता बनी रहती है।
  • एरर डिटेक्शन और करेक्शन संभव होता है।
  • धीमा प्रदर्शन, क्योंकि कनेक्शन सेटअप और समाप्ति में समय लगता है।

Connectionless Service क्या है?

Connectionless Service में डेटा भेजने से पहले कोई कनेक्शन स्थापित नहीं किया जाता। प्रत्येक पैकेट स्वतंत्र रूप से भेजा जाता है और इसे किसी निश्चित क्रम में प्राप्त करने की गारंटी नहीं होती।

Connectionless Service के उदाहरण

प्रोटोकॉल कार्य
UDP (User Datagram Protocol) फास्ट डेटा ट्रांसफर लेकिन कोई एरर करेक्शन नहीं।
IP (Internet Protocol) डेटाग्राम को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क तक ट्रांसफर करता है।
ICMP (Internet Control Message Protocol) नेटवर्क डायग्नोस्टिक और एरर मैसेजिंग के लिए उपयोग किया जाता है।

Connectionless Service की विशेषताएँ

  • डेटा भेजने के लिए कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती।
  • पैकेट किसी भी क्रम में डिलीवर हो सकते हैं।
  • एरर डिटेक्शन और रिकवरी नहीं होती।
  • फास्ट संचार, क्योंकि कोई कनेक्शन सेटअप आवश्यक नहीं होता।

Connection-Oriented और Connectionless Services के बीच अंतर

विशेषता Connection-Oriented Service Connectionless Service
डेटा ट्रांसमिशन डेटा भेजने से पहले कनेक्शन स्थापित होता है। कोई कनेक्शन स्थापित नहीं किया जाता।
डेटा ऑर्डर डेटा सही क्रम में डिलीवर होता है। डेटा किसी भी क्रम में आ सकता है।
एरर हैंडलिंग एरर डिटेक्शन और करेक्शन होता है। कोई एरर करेक्शन नहीं होता।
गति धीमा, क्योंकि कनेक्शन सेटअप की आवश्यकता होती है। तेज, क्योंकि कनेक्शन सेटअप की जरूरत नहीं होती।
उदाहरण TCP, X.25 UDP, IP

निष्कर्ष

Connection-Oriented Service और Connectionless Service दोनों की अपनी विशेषताएँ और उपयोग हैं। यदि विश्वसनीयता और डेटा ऑर्डर महत्वपूर्ण हैं, तो **TCP (Connection-Oriented Service)** बेहतर विकल्प है। यदि **गति** अधिक आवश्यक है और थोड़ी बहुत डेटा हानि स्वीकार्य है, तो **UDP (Connectionless Service)** उपयुक्त हो सकता है।