Data Link Layer Protocols in Computer Network in Hindi: प्रकार, कार्य और उपयोग


Data Link Layer Protocol क्या है?

**Data Link Layer Protocols** वे प्रोटोकॉल होते हैं जो OSI मॉडल की **दूसरी परत (Layer 2)** पर कार्य करते हैं और **डेटा ट्रांसमिशन, एरर डिटेक्शन, फ्लो कंट्रोल और मीडिया एक्सेस कंट्रोल** को नियंत्रित करते हैं।

Data Link Layer में प्रोटोकॉल की आवश्यकता क्यों होती है?

Data Link Layer निम्नलिखित कारणों से प्रोटोकॉल का उपयोग करती है:

  • **डेटा फ्रेमिंग:** डेटा को छोटे-छोटे फ्रेम्स में विभाजित करता है।
  • **एरर डिटेक्शन और करेक्शन:** डेटा ट्रांसमिशन के दौरान त्रुटियों का पता लगाना और सुधारना।
  • **फ्लो कंट्रोल:** स्रोत और गंतव्य के बीच डेटा प्रवाह को नियंत्रित करना।
  • **मल्टीपल एक्सेस कंट्रोल:** जब कई डिवाइसेस एक ही मीडिया साझा करती हैं तो टकराव (collision) को रोकता है।

Data Link Layer के प्रमुख प्रोटोकॉल (Protocols of Data Link Layer)

Data Link Layer के विभिन्न प्रोटोकॉल को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. संचार आधारित प्रोटोकॉल (Communication-Based Protocols)

प्रोटोकॉल कार्य
Ethernet लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में उपयोग किया जाता है।
Wi-Fi (IEEE 802.11) वायरलेस नेटवर्किंग के लिए उपयोग किया जाता है।
Token Ring डेटा संचार को नियंत्रित करने के लिए एक टोकन का उपयोग करता है।
PPP (Point-to-Point Protocol) डायरेक्ट डिवाइस-टू-डिवाइस संचार के लिए।
HDLC (High-Level Data Link Control) डाटा ट्रांसफर को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए।

2. एक्सेस कंट्रोल प्रोटोकॉल (Access Control Protocols)

प्रोटोकॉल कार्य
CSMA/CD (Carrier Sense Multiple Access with Collision Detection) Ethernet नेटवर्क में डेटा टकराव को रोकता है।
CSMA/CA (Carrier Sense Multiple Access with Collision Avoidance) Wi-Fi नेटवर्क में टकराव को कम करता है।
ALOHA जब कोई डिवाइस डेटा भेजता है तो वह ACK का इंतजार करता है।
TDMA (Time Division Multiple Access) डेटा ट्रांसमिशन के लिए टाइम स्लॉट प्रदान करता है।
FDMA (Frequency Division Multiple Access) फ्रीक्वेंसी बैंड को विभाजित करके मल्टीपल एक्सेस की अनुमति देता है।

Data Link Layer Protocols के कार्य

  • डेटा पैकेट को **फ्रेम में परिवर्तित** करना।
  • नेटवर्क में **डेटा ट्रांसमिशन की विश्वसनीयता** बढ़ाना।
  • **MAC (Media Access Control)** का उपयोग करके डेटा एक्सेस को नियंत्रित करना।
  • नेटवर्क में **त्रुटि पहचान (Error Detection) और सुधार (Correction)** को सक्षम करना।

Data Link Layer Protocols का उपयोग

  • **Ethernet और Wi-Fi** का उपयोग LAN और WLAN में किया जाता है।
  • **PPP और HDLC** का उपयोग पॉइंट-टू-पॉइंट कनेक्शन के लिए किया जाता है।
  • **CSMA/CD और CSMA/CA** डेटा ट्रांसमिशन में टकराव को रोकने के लिए उपयोग होते हैं।

Data Link Layer और OSI मॉडल

OSI लेयर कार्य प्रोटोकॉल
Physical Layer डेटा को बिट्स में ट्रांसमिट करता है। Ethernet, Wi-Fi
Data Link Layer डेटा फ्रेमिंग और एरर कंट्रोल। PPP, HDLC
Network Layer डेटा पैकेट्स को रूट करता है। IP, ICMP
Transport Layer डेटा ट्रांसमिशन की विश्वसनीयता। TCP, UDP

Data Link Layer Protocols के लाभ

  • डेटा ट्रांसमिशन को **तेज़ और अधिक विश्वसनीय** बनाते हैं।
  • नेटवर्क में **त्रुटियों को कम करने** में मदद करते हैं।
  • नेटवर्क डिवाइसेस के बीच **डेटा एक्सेस को नियंत्रित** करते हैं।
  • **वायरलेस और वायर्ड संचार** को बेहतर बनाते हैं।

निष्कर्ष

Data Link Layer Protocols नेटवर्क संचार को नियंत्रित और सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह **Ethernet, Wi-Fi, PPP, HDLC, CSMA/CD** और अन्य प्रोटोकॉल्स का उपयोग करके डेटा ट्रांसमिशन की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बढ़ाते हैं।

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