Data Link Layer in Computer Network in Hindi: परिभाषा, कार्य और प्रकार


Data Link Layer क्या है?

**Data Link Layer** OSI मॉडल की दूसरी परत (Layer 2) होती है। यह **फिजिकल लेयर और नेटवर्क लेयर** के बीच एक इंटरफेस प्रदान करती है और **डेटा पैकेट्स को फ्रेम में परिवर्तित करके ट्रांसमिट करती है**।

Data Link Layer के कार्य

Data Link Layer के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:

  • **फ्रेमिंग (Framing):** डेटा को छोटे-छोटे फ्रेम्स में विभाजित करता है।
  • **एरर डिटेक्शन और करेक्शन (Error Detection & Correction):** डेटा ट्रांसमिशन में हुई त्रुटियों को पहचानने और ठीक करने का कार्य करता है।
  • **फ्लो कंट्रोल (Flow Control):** स्रोत और गंतव्य के बीच डेटा प्रवाह को नियंत्रित करता है।
  • **एक्सेस कंट्रोल (Access Control):** नेटवर्क में कई डिवाइसेस के बीच संचार को नियंत्रित करता है।

Data Link Layer के दो उप-स्तर (Sublayers)

Data Link Layer को दो उप-स्तरों (sublayers) में विभाजित किया गया है:

उप-स्तर कार्य
Logical Link Control (LLC) डेटा फ्रेम को क्रम में रखने, एरर कंट्रोल और फ्लो कंट्रोल को संभालता है।
Media Access Control (MAC) नेटवर्क में डेटा ट्रांसमिशन को नियंत्रित करता है और यह तय करता है कि कौन सा डिवाइस मीडिया का उपयोग कर सकता है।

Data Link Layer में उपयोग किए जाने वाले प्रोटोकॉल

Data Link Layer में निम्नलिखित प्रमुख प्रोटोकॉल उपयोग किए जाते हैं:

  • **Ethernet:** लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में उपयोग किया जाता है।
  • **PPP (Point-to-Point Protocol):** डायल-अप नेटवर्क कनेक्शन के लिए।
  • **HDLC (High-Level Data Link Control):** डेटा लिंक संचार के लिए।
  • **ARP (Address Resolution Protocol):** IP एड्रेस को MAC एड्रेस में बदलता है।

Data Link Layer और नेटवर्किंग उपकरण

Data Link Layer पर कार्य करने वाले नेटवर्किंग उपकरण:

  • ब्रिज (Bridge): दो LANs को जोड़ने का कार्य करता है।
  • स्विच (Switch): डेटा फ्रेम्स को नेटवर्क में डायरेक्ट करने का कार्य करता है।
  • NIC (Network Interface Card): डिवाइस को नेटवर्क से कनेक्ट करता है।

Data Link Layer में एरर कंट्रोल

डेटा ट्रांसमिशन के दौरान **त्रुटियों (errors)** को कम करने के लिए निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

  • **Parity Checking** - डेटा की समता (Parity) को चेक करता है।
  • **Cyclic Redundancy Check (CRC)** - डेटा कोडिंग एरर का पता लगाने के लिए।
  • **Hamming Code** - एरर करेक्शन के लिए।

Data Link Layer और OSI मॉडल की तुलना

विशेषता Data Link Layer Network Layer
मुख्य कार्य फ्रेमिंग, एरर कंट्रोल, फ्लो कंट्रोल रूटिंग, पैकेट स्विचिंग, IP एड्रेसिंग
डेटा यूनिट फ्रेम (Frame) पैकेट (Packet)
प्रोटोकॉल Ethernet, PPP, HDLC IP, ICMP, RIP

Data Link Layer के लाभ

  • नेटवर्क में डेटा की **विश्वसनीयता (Reliability)** को बढ़ाता है।
  • **डेटा फ्रेमिंग और पैकेटिंग** को नियंत्रित करता है।
  • **फ्लो कंट्रोल और एरर डिटेक्शन** प्रदान करता है।
  • डेटा ट्रांसमिशन को अधिक **संगठित और कुशल** बनाता है।

निष्कर्ष

Data Link Layer कंप्यूटर नेटवर्क की एक महत्वपूर्ण परत है जो डेटा ट्रांसमिशन की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करती है। यह डेटा को **फ्रेम में परिवर्तित करके**, **एरर डिटेक्शन**, और **फ्लो कंट्रोल** का प्रबंधन करती है। नेटवर्किंग में Ethernet, MAC, और LLC प्रोटोकॉल इस परत का हिस्सा होते हैं, जो संचार को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाते हैं।

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