Framing in Computer Network in Hindi: परिभाषा, प्रकार और कार्य


Framing क्या है?

**Framing** कंप्यूटर नेटवर्क में **Data Link Layer** की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उपयोग डेटा को छोटे-छोटे टुकड़ों (फ्रेम्स) में विभाजित करके ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक फ्रेम में **डेटा, हेडर और ट्रेलर** शामिल होते हैं, जो डेटा की सुरक्षा और सही क्रम में ट्रांसमिशन सुनिश्चित करते हैं।

Framing की आवश्यकता क्यों होती है?

डेटा को ट्रांसमिट करने के दौरान यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि रिसीवर को सही डेटा मिले। बिना फ्रेमिंग के, डेटा का सही विभाजन और पहचान करना मुश्किल हो सकता है। **Framing निम्नलिखित कार्यों में सहायता करता है:**

  • डेटा को **छोटे भागों** में विभाजित करता है ताकि इसे आसानी से भेजा जा सके।
  • डेटा की **सटीकता (Accuracy)** और **Integrity** को बनाए रखता है।
  • एरर डिटेक्शन और फ्लो कंट्रोल को बेहतर बनाता है।
  • डेटा संचार में **Synchronization (सिंक्रोनाइज़ेशन)** बनाए रखता है।

Framing के प्रकार (Types of Framing)

Framing को मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

1. Fixed Size Framing (स्थिर आकार फ्रेमिंग)

  • इसमें **सभी फ्रेम्स का आकार समान होता है**।
  • डेटा विभाजन और पहचान आसान होती है।
  • उदाहरण: **ATM (Asynchronous Transfer Mode)** 53-बाइट फिक्स्ड फ्रेम का उपयोग करता है।

2. Variable Size Framing (परिवर्तनशील आकार फ्रेमिंग)

  • इसमें **फ्रेम्स का आकार अलग-अलग हो सकता है**।
  • फ्रेम की शुरुआत और समाप्ति को पहचानने के लिए विशेष मार्कर का उपयोग किया जाता है।
  • उदाहरण: **Ethernet, PPP (Point-to-Point Protocol)**।

Framing Methods (फ्रेमिंग करने के तरीके)

Framing को लागू करने के कई तरीके होते हैं, जो यह तय करते हैं कि **फ्रेम की सीमा (Boundary) कैसे निर्धारित की जाए।**

Framing विधि विवरण
Character Count फ्रेम के पहले फ़ील्ड में पूरे फ्रेम की लंबाई दी जाती है।
Flag Bytes (Byte Stuffing) प्रत्येक फ्रेम को एक विशेष **Flag Byte (01111110)** द्वारा चिह्नित किया जाता है।
Bit Stuffing एक विशेष **Bit Pattern** का उपयोग करके फ्रेम की शुरुआत और अंत को पहचाना जाता है।
Physical Layer Coding Violations फ्रेम की सीमाओं को पहचानने के लिए फिजिकल सिग्नल में परिवर्तन किया जाता है।

Framing में उपयोग किए जाने वाले प्रोटोकॉल

नेटवर्क में डेटा ट्रांसमिशन के लिए निम्नलिखित **फ्रेमिंग प्रोटोकॉल्स** का उपयोग किया जाता है:

  • **Ethernet Frame:** लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में उपयोग किया जाता है।
  • **PPP (Point-to-Point Protocol):** सीरियल लिंक पर डेटा ट्रांसमिशन के लिए।
  • **HDLC (High-Level Data Link Control):** विश्वसनीय डेटा ट्रांसमिशन के लिए।

Framing और एरर डिटेक्शन

डेटा संचार के दौरान **एरर डिटेक्शन** और **डेटा सुरक्षा** के लिए Framing का उपयोग निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:

  • **Checksum:** डेटा फ्रेम की अखंडता की जांच करता है।
  • **Cyclic Redundancy Check (CRC):** ट्रांसमिटेड डेटा में त्रुटियों को पहचानता है।
  • **Hamming Code:** त्रुटियों को सुधारने के लिए उपयोग किया जाता है।

Framing के लाभ

  • डेटा ट्रांसमिशन को अधिक **संगठित और विश्वसनीय** बनाता है।
  • नेटवर्क पर **डेटा हानि और एरर** को कम करता है।
  • डेटा को **सिंक और डेसिंक** करने में मदद करता है।
  • फ्लो कंट्रोल और एरर करेक्शन को आसान बनाता है।

निष्कर्ष

Framing नेटवर्क में डेटा संचार की एक आवश्यक प्रक्रिया है, जो डेटा को छोटे टुकड़ों में विभाजित करके ट्रांसमिशन को अधिक **कुशल और सुरक्षित** बनाती है। यह **डेटा ट्रांसफर की गति, सटीकता और विश्वसनीयता** बढ़ाने में मदद करती है।

Related Post

Comments

Comments