DNS क्या है और यह कैसे काम करता है? पूरी जानकारी हिंदी में


DNS क्या है?

**DNS (Domain Name System)** एक **नेटवर्क प्रोटोकॉल** है, जो **डोमेन नेम को IP एड्रेस में बदलने का कार्य करता है**। यह इंटरनेट के लिए एक **फोनबुक की तरह काम करता है**, जिससे हम वेबसाइट्स को उनके नाम (जैसे google.com) से एक्सेस कर सकते हैं, न कि उनके जटिल **IP Address (जैसे 142.250.182.14)** से।

DNS का पूरा नाम

DNS का पूरा नाम **"Domain Name System"** है।

DNS क्यों आवश्यक है?

DNS की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि:

  • इंटरनेट पर **हर डिवाइस का एक IP Address होता है**, लेकिन उन्हें याद रखना मुश्किल होता है।
  • DNS **डोमेन नेम को IP Address में कन्वर्ट करता है**, जिससे यूजर्स को केवल वेबसाइट का नाम याद रखना पड़ता है।
  • यह **वेबसाइट एक्सेस करने की प्रक्रिया को तेज़ और आसान बनाता है**।

DNS कैसे काम करता है?

जब भी कोई उपयोगकर्ता अपने ब्राउज़र में **www.example.com** टाइप करता है, तो ब्राउज़र सबसे पहले DNS का उपयोग करके **उसका IP Address प्राप्त करता है**।

DNS की कार्यप्रणाली

  1. यूजर वेब ब्राउज़र में कोई डोमेन नेम (जैसे **www.google.com**) टाइप करता है।
  2. ब्राउज़र पहले **लोकल DNS Cache** में डोमेन का IP Address खोजता है।
  3. अगर कैश में IP Address नहीं मिलता, तो **DNS Resolver** से अनुरोध किया जाता है।
  4. DNS Resolver विभिन्न प्रकार के **DNS Servers** से संपर्क करके डोमेन का IP Address प्राप्त करता है।
  5. ब्राउज़र को IP Address मिल जाता है और वह **सर्वर से कनेक्ट करके वेबसाइट को लोड करता है**।

DNS के प्रकार

DNS विभिन्न प्रकार के सर्वर पर आधारित होता है:

1. **Recursive DNS Resolver**

  • यह क्लाइंट की ओर से DNS क्वेरी को प्रोसेस करता है।
  • अगर लोकल कैश में IP Address नहीं मिलता, तो यह अन्य DNS सर्वर से जानकारी प्राप्त करता है।

2. **Root Name Server**

  • यह **DNS का शीर्ष स्तर (Top Level)** होता है।
  • यह अनुरोध को उचित **TLD (Top-Level Domain) Name Server** की ओर रीडायरेक्ट करता है।

3. **TLD Name Server**

  • यह **.com, .org, .net** जैसे टॉप-लेवल डोमेन को मैनेज करता है।
  • यह **डोमेन के लिए सही DNS सर्वर का पता देता है**।

4. **Authoritative Name Server**

  • यह **डोमेन नेम का वास्तविक IP Address प्रदान करता है**।
  • यह अंतिम सर्वर होता है, जो सही IP Address लौटाता है।

DNS Resolution प्रक्रिया

DNS Resolution का तात्पर्य **डोमेन नेम को IP Address में बदलने की प्रक्रिया से है**।

DNS Resolution Steps:

  1. यूजर ने **www.example.com** ब्राउज़र में टाइप किया।
  2. DNS Resolver ने सबसे पहले लोकल कैश में IP Address खोजा।
  3. अगर IP Address नहीं मिला, तो यह Root DNS Server से संपर्क करता है।
  4. Root DNS Server **TLD DNS Server (जैसे .com)** की ओर रीडायरेक्ट करता है।
  5. TLD DNS Server **Authoritative Name Server** की ओर अनुरोध भेजता है।
  6. Authoritative Name Server **example.com का सही IP Address लौटाता है**।
  7. IP Address मिलने के बाद, वेबसाइट को लोड किया जाता है।

DNS के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड

DNS में कई प्रकार के रिकॉर्ड होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की जानकारी को संग्रहीत करते हैं।

रिकॉर्ड विवरण
A Record डोमेन को IPv4 Address से जोड़ता है।
AAAA Record डोमेन को IPv6 Address से जोड़ता है।
CNAME Record एक डोमेन को दूसरे डोमेन से मैप करता है।
MX Record ईमेल सर्वर के लिए उपयोग किया जाता है।
TXT Record विभिन्न प्रकार की जानकारी स्टोर करने के लिए।

DNS और IP Address का संबंध

DNS और IP Address एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। DNS, डोमेन नेम को **IP Address में बदलने का कार्य करता है**, जिससे उपयोगकर्ता को जटिल संख्यात्मक IP याद नहीं रखना पड़ता।

DNS और DHCP में अंतर

विशेषता DNS DHCP
पूरा नाम Domain Name System Dynamic Host Configuration Protocol
कार्य डोमेन नेम को IP Address में बदलता है। नेटवर्क डिवाइसेस को IP Address असाइन करता है।
नेटवर्क का उपयोग वेबसाइट एक्सेस करने के लिए नेटवर्क डिवाइसेस को कनेक्ट करने के लिए

DNS के लाभ

  • **इंटरनेट ब्राउज़िंग को आसान बनाता है।**
  • **डोमेन नेम को याद रखना सरल होता है।**
  • **वेबसाइट्स को IP Address बदलने पर भी एक्सेस किया जा सकता है।**
  • **DNS कैशिंग से लोडिंग स्पीड तेज़ होती है।**
  • **यह इंटरनेट संचार के लिए एक सुरक्षित तरीका प्रदान करता है।**

DNS के नुकसान

  • **DNS Spoofing और DNS Hijacking जैसी सिक्योरिटी समस्याएँ हो सकती हैं।**
  • **DNS सर्वर फेल होने पर वेबसाइट एक्सेस करना मुश्किल हो सकता है।**
  • **DNS लुकअप की प्रक्रिया समय ले सकती है।**

निष्कर्ष

**DNS (Domain Name System) इंटरनेट की एक महत्वपूर्ण तकनीक है**, जो **डोमेन नेम को IP Address में कन्वर्ट करने का कार्य करता है**।

इससे उपयोगकर्ता को **वेबसाइट्स एक्सेस करने के लिए जटिल IP Address याद रखने की आवश्यकता नहीं होती**।

DNS सर्वर चार प्रकार के होते हैं – **Recursive Resolver, Root Name Server, TLD Server, और Authoritative Name Server**।

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