Rural Credit System in Hindi – ग्रामीण ऋण प्रणाली का पूरा ज्ञान


ग्रामीण ऋण प्रणाली का पूरा ज्ञान (Rural Credit System in Hindi)

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ग्रामीण ऋण प्रणाली (Rural Credit System) किसानों, मजदूरों और ग्रामीण उद्यमियों की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने का एक प्रमुख साधन है। यह प्रणाली किसानों को खेती, बीज, उर्वरक, सिंचाई, पशुपालन आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

ग्रामीण ऋण प्रणाली के मुख्य स्रोत

  • सहकारी ऋण संस्थाएं (Cooperative Credit Institutions) – PACS, DCCB, SCB
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) – ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी और वाणिज्यिक बैंक का संयुक्त मॉडल
  • वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks) – Kisan Credit Card, फसल ऋण आदि
  • नाबार्ड (NABARD) – ग्रामीण विकास और ऋण पुनर्वित्त में सहायक

ग्रामीण ऋण प्रणाली के प्रकार

  1. अल्पकालिक ऋण (Short-term credit)
  2. मध्यमकालिक ऋण (Medium-term credit)
  3. दीर्घकालिक ऋण (Long-term credit)

ग्रामीण ऋण की समस्याएं

  • उच्च ब्याज दरें
  • कागज़ी कार्यवाही की जटिलता
  • साक्षरता की कमी और बैंकिंग ज्ञान का अभाव
  • ऋण की असमय अदायगी और चूक

समाधान और सुधार

  • डिजिटल बैंकिंग और KYC प्रणाली को सरल बनाना
  • SHGs और माइक्रोफाइनेंस को बढ़ावा देना
  • सरकारी योजनाओं (PM-KISAN, किसान क्रेडिट कार्ड) की पहुंच बढ़ाना

ग्रामीण ऋण प्रणाली का सशक्तिकरण ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता और विकास का मूल आधार है। सरकार और बैंकिंग संस्थानों को इस दिशा में निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है।

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