Airport Zoning Regulations क्या हैं? | Obstruction Control in Hindi


Airport Zoning Regulations क्या हैं? | Obstruction Control in Hindi

Airport Zoning Regulations वे नियम और नीतियाँ हैं जिनका उद्देश्य हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्रों में निर्माण, पेड़ों, टावरों और अन्य संरचनाओं की ऊँचाई और स्थिति को नियंत्रित करना होता है ताकि aircraft operations सुरक्षित रूप से हो सकें। इन नियमों को लागू करने का मुख्य कारण है — obstruction control, यानी उड़ान मार्ग में किसी भी प्रकार की रुकावट या बाधा को रोकना।

Airport Zoning का उद्देश्य

  • हवाई अड्डे के पास किसी भी ऊँचे ढाँचे या पेड़ से विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • भविष्य के runway विस्तार या navigation उपकरणों के लिए पर्याप्त स्थान सुरक्षित रखना।
  • Land use planning के माध्यम से हवाई अड्डे के आसपास का संतुलित विकास सुनिश्चित करना।
  • शोर प्रदूषण (Noise Pollution) को नियंत्रित करना।

Obstruction Control क्या है?

Obstruction Control का अर्थ है — ऐसी सभी वस्तुओं की पहचान और नियमन जो विमान के उड़ान, टेकऑफ या लैंडिंग में रुकावट पैदा कर सकती हैं। ICAO (International Civil Aviation Organization) ने इसके लिए विशेष मानक तय किए हैं जिन्हें Obstacle Limitation Surfaces (OLS) कहा जाता है।

Obstacle Limitation Surfaces (OLS) के प्रकार

Surface TypeDescriptionPurpose
Approach SurfaceRunway के आगे का ढलवां क्षेत्र, जहाँ विमान उतरता है।Landing approach में रुकावट न हो।
Transitional SurfaceRunway के दोनों ओर का झुका हुआ क्षेत्र।Side obstructions से सुरक्षा।
Inner Horizontal SurfaceRunway से एक निश्चित ऊँचाई पर क्षैतिज क्षेत्र।सामान्य बाधाओं को सीमित करना।
Conical SurfaceInner horizontal surface के चारों ओर झुका हुआ क्षेत्र।दूरी पर स्थित ऊँची वस्तुओं को नियंत्रित करना।
Outer Horizontal SurfaceAirport से दूर स्थित सपाट क्षेत्र।कुल क्षेत्र की हवाई सुरक्षा बनाए रखना।

Airport Zoning Regulations के प्रमुख घटक

  • Height Restrictions: किसी भी इमारत, टावर या पेड़ की अधिकतम ऊँचाई सीमित की जाती है ताकि वे OLS से ऊपर न जाएँ।
  • Land Use Zoning: हवाई अड्डे के आस-पास के क्षेत्रों को अलग-अलग उपयोग (Residential, Commercial, Industrial) के अनुसार विभाजित किया जाता है।
  • Noise Control Zones: Aircraft noise को ध्यान में रखकर विशेष क्षेत्र निर्धारित किए जाते हैं।
  • Lighting Restrictions: ऐसी लाइटों को प्रतिबंधित किया जाता है जो pilots के visual approach में बाधा उत्पन्न करें।
  • Electronic Interference: Navigation aids (जैसे ILS, VOR) को प्रभावित करने वाले signals पर नियंत्रण।

Airport Zoning Map

हर हवाई अड्डे के लिए एक Airport Zoning Map तैयार किया जाता है, जिसमें सभी restricted zones, height limits, और land-use zones दर्शाए जाते हैं। यह map local authorities और नगर नियोजन एजेंसियों द्वारा अनुमोदित किया जाता है।

ICAO Standards और DGCA Guidelines

  • ICAO Annex 14: Aerodrome Design and Operations में OLS की परिभाषा दी गई है।
  • DGCA (India) CAR Section 4: भारत में सभी हवाई अड्डों पर zoning regulations को लागू करने की जिम्मेदारी DGCA की होती है।
  • MoCA (Ministry of Civil Aviation): Airport Authority of India (AAI) के साथ मिलकर obstruction clearance policy को लागू करता है।

Violation of Airport Zoning Rules

यदि कोई निर्माण या संरचना निर्धारित ऊँचाई सीमा से अधिक हो जाती है, तो उसे obstruction माना जाता है। DGCA ऐसे मामलों में निम्नलिखित कार्यवाही कर सकती है:

  • Construction stop notice जारी करना।
  • Existing structure को हटाने का निर्देश देना।
  • Air navigation hazard के रूप में classifying करना।

Airport Zoning के लाभ

  • Air Traffic Safety में सुधार।
  • Land Use Planning में संतुलन।
  • Noise Pollution में कमी।
  • Urban Development का सुव्यवस्थित नियंत्रण।

निष्कर्ष

संक्षेप में, Airport Zoning Regulations हवाई अड्डों की सुरक्षा, कार्यकुशलता और शहरी नियोजन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। ये न केवल विमानों को बाधा-मुक्त उड़ान सुनिश्चित करते हैं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के विकास को भी नियंत्रित करते हैं। इसलिए, Obstruction Control और zoning maps हर आधुनिक हवाई अड्डे की योजना का अभिन्न हिस्सा होते हैं।

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