Trojan Horse in Cyber Security: ट्रोजन हॉर्स क्या है और इससे कैसे बचें


Trojan Horse in Cyber Security: ट्रोजन हॉर्स क्या है और इससे कैसे बचें

परिचय

ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) एक प्रकार का मैलवेयर (Malware) है, जो वैध सॉफ़्टवेयर की तरह दिखता है लेकिन वास्तव में सिस्टम को नुकसान पहुँचाने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। यह साइबर अपराधियों को रिमोट एक्सेस प्राप्त करने, डेटा चोरी करने और सिस्टम को संक्रमित करने में सहायता करता है।

ट्रोजन हॉर्स कैसे काम करता है?

Trojan Horse आमतौर पर उपयोगकर्ता को धोखा देने के लिए वैध सॉफ़्टवेयर की तरह प्रतीत होता है। जब उपयोगकर्ता इसे डाउनलोड और इंस्टॉल करता है, तो यह बैकग्राउंड में हानिकारक गतिविधियाँ करता है, जैसे:

  1. गोपनीय डेटा चोरी करना (पासवर्ड, बैंकिंग डिटेल्स आदि)।
  2. रिमोट एक्सेस प्राप्त करना और सिस्टम को नियंत्रित करना।
  3. कीलॉगर इंस्टॉल करके उपयोगकर्ता की गतिविधियों पर नजर रखना।
  4. अन्य मैलवेयर को डाउनलोड और इंस्टॉल करना।

ट्रोजन हॉर्स के प्रकार

  1. बैकडोर ट्रोजन (Backdoor Trojan): यह साइबर अपराधियों को कंप्यूटर पर दूरस्थ (Remote) रूप से नियंत्रण देता है।
  2. बैंकिंग ट्रोजन (Banking Trojan): बैंकिंग लेन-देन की जानकारी चुराने के लिए उपयोग किया जाता है।
  3. ड्रॉपर्स (Droppers): यह अन्य मैलवेयर को सिस्टम में स्थापित करने का काम करता है।
  4. रूटकिट ट्रोजन (Rootkit Trojan): यह सिस्टम की सुरक्षा सेटिंग्स को बदलकर खुद को छिपा लेता है।
  5. DDoS ट्रोजन (DDoS Trojan): यह संक्रमित सिस्टम को बॉटनेट में बदलकर बड़े पैमाने पर साइबर हमलों में उपयोग करता है।

Trojan Horse से बचाव के उपाय

  1. सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करते समय सतर्क रहें: केवल आधिकारिक और विश्वसनीय स्रोतों से ही सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करें।
  2. एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: यह ट्रोजन हॉर्स को पहचानकर सिस्टम को सुरक्षित रख सकता है।
  3. संदिग्ध ईमेल और लिंक पर क्लिक न करें: साइबर अपराधी अक्सर फिशिंग तकनीकों का उपयोग करके ट्रोजन हॉर्स फैलाते हैं।
  4. सॉफ़्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें: पुराने सॉफ़्टवेयर सुरक्षा खामियों का शिकार हो सकते हैं।
  5. फ़ायरवॉल सक्रिय करें: यह अनधिकृत एक्सेस को रोकने में मदद करता है।

भारतीय साइबर कानून और ट्रोजन हॉर्स

  1. आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66: अनधिकृत रूप से डेटा एक्सेस और वायरस फैलाने पर दंड का प्रावधान करता है।
  2. आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 43: साइबर अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान करने की अनुमति देता है।
  3. भारतीय दंड संहिता की धारा 420: साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करता है।

निष्कर्ष

Trojan Horse एक खतरनाक साइबर हमला हो सकता है, जो उपयोगकर्ताओं को उनकी जानकारी के बिना प्रभावित कर सकता है। उचित साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाकर और सतर्कता बरतकर हम इस तरह के खतरों से बच सकते हैं।

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