Keyloggers and Spyware in Cyber Security: कीलॉगर और स्पाइवेयर क्या हैं और कैसे बचें


Keyloggers and Spyware in Cyber Security: कीलॉगर और स्पाइवेयर क्या हैं और कैसे बचें

परिचय

कीलॉगर (Keyloggers) और स्पाइवेयर (Spyware) साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे हैं, जो उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी और डेटा को चोरी करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये मैलवेयर अनधिकृत रूप से सिस्टम में घुसपैठ करके संवेदनशील जानकारी एकत्र करते हैं, जिसका उपयोग साइबर अपराधी कर सकते हैं।

कीलॉगर (Keyloggers) क्या है?

Keylogger एक प्रकार का मैलवेयर है जो उपयोगकर्ता द्वारा टाइप किए गए कीस्ट्रोक्स (Keystrokes) को रिकॉर्ड करता है। इसका उपयोग पासवर्ड, बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील डेटा चुराने के लिए किया जाता है।

Keyloggers के प्रकार

  1. हार्डवेयर कीलॉगर: यह एक छोटा हार्डवेयर डिवाइस होता है जो कीबोर्ड और कंप्यूटर के बीच जोड़ा जाता है और कीस्ट्रोक्स को रिकॉर्ड करता है।
  2. सॉफ्टवेयर कीलॉगर: यह एक प्रोग्राम होता है जो बैकग्राउंड में चलता रहता है और उपयोगकर्ता की गतिविधियों को लॉग करता है।
  3. रिमोट कीलॉगर: यह मैलवेयर उपयोगकर्ता के सिस्टम में इंस्टॉल होकर डेटा को हैकर्स के सर्वर पर भेजता है।

स्पाइवेयर (Spyware) क्या है?

Spyware एक प्रकार का मैलवेयर है जो उपयोगकर्ता की गतिविधियों को छिपकर ट्रैक करता है और संवेदनशील जानकारी चुराता है। यह मुख्य रूप से विज्ञापन कंपनियों, साइबर अपराधियों या जासूसी उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

Spyware के प्रकार

  1. Adware: यह अनचाही विज्ञापन दिखाने के लिए उपयोग किया जाता है और उपयोगकर्ता की ब्राउज़िंग आदतों को ट्रैक करता है।
  2. Trojan Spyware: यह उपयोगकर्ता के सिस्टम में छिपकर गोपनीय डेटा चुराने का काम करता है।
  3. Monitoring Spyware: यह कीस्ट्रोक्स, स्क्रीनशॉट और वेबकैम डेटा को रिकॉर्ड करता है।

Keyloggers और Spyware से बचाव के उपाय

  1. सुरक्षित एंटीवायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
  2. अज्ञात स्रोतों से डाउनलोड करने से बचें।
  3. मजबूत पासवर्ड और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) लागू करें।
  4. संदिग्ध ईमेल और वेबसाइटों पर क्लिक करने से बचें।
  5. सॉफ़्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करें।

भारतीय साइबर कानून और सुरक्षा प्रावधान

  1. आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66: अनधिकृत रूप से डेटा एक्सेस और चोरी करने पर दंड का प्रावधान करता है।
  2. आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 43: साइबर अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान करने की अनुमति देता है।
  3. भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420: ऑनलाइन धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए सजा का प्रावधान करता है।

निष्कर्ष

Keyloggers और Spyware साइबर अपराधियों के लिए उपयोगी उपकरण हैं, लेकिन उपयुक्त साइबर सुरक्षा उपाय अपनाकर इनसे बचा जा सकता है। उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने, एंटी-मैलवेयर टूल्स का उपयोग करने और डिजिटल सुरक्षा प्रथाओं का पालन करने की आवश्यकता है।

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