Phishing: Methods and Techniques in Cyber Security | फिशिंग के तरीके और तकनीकें


Phishing: Methods and Techniques in Cyber Security | फिशिंग के तरीके और तकनीकें

परिचय

फिशिंग (Phishing) एक साइबर अपराध है जिसमें साइबर अपराधी धोखाधड़ी करके उपयोगकर्ताओं से संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। फिशिंग हमले आमतौर पर ईमेल, नकली वेबसाइटों, टेक्स्ट संदेशों और सोशल मीडिया के माध्यम से किए जाते हैं।

फिशिंग के प्रकार

  1. स्पीयर फिशिंग (Spear Phishing): यह व्यक्तिगत रूप से लक्षित हमला होता है, जहां हमलावर विशिष्ट व्यक्तियों या संगठनों को निशाना बनाते हैं।
  2. वेलिंग (Whaling): यह उच्च-स्तरीय अधिकारियों, जैसे CEO और CFO, को लक्षित करने वाला फिशिंग हमला होता है।
  3. स्मिशिंग (Smishing): इसमें टेक्स्ट संदेशों (SMS) का उपयोग करके धोखाधड़ी की जाती है।
  4. विशिंग (Vishing): इसमें फोन कॉल का उपयोग करके लोगों से संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जाती है।
  5. ईमेल फिशिंग (Email Phishing): इसमें नकली ईमेल भेजकर उपयोगकर्ताओं को लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

फिशिंग हमलों के सामान्य तरीके

  1. नकली वेबसाइटें: उपयोगकर्ताओं को नकली लॉगिन पेज पर ले जाकर उनकी जानकारी चुराने की कोशिश।
  2. स्पूफिंग (Spoofing): हमलावर वैध संस्थानों की पहचान का उपयोग करके धोखाधड़ी करते हैं।
  3. मेलवेयर अटैचमेंट: ईमेल में मैलवेयर संलग्न करके उपयोगकर्ताओं के सिस्टम को संक्रमित करना।
  4. फेक इनवॉइस और पेमेंट रिक्वेस्ट: कंपनियों को नकली बिल भेजकर वित्तीय धोखाधड़ी करना।

फिशिंग हमलों से बचाव के उपाय

  1. संदिग्ध ईमेल और लिंक पर क्लिक करने से बचें: किसी अज्ञात स्रोत से आए लिंक को क्लिक करने से पहले सत्यापित करें।
  2. मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) का उपयोग करें: अतिरिक्त सुरक्षा परतों के माध्यम से अकाउंट्स को सुरक्षित करें।
  3. एंटी-फिशिंग सॉफ़्टवेयर और ब्राउज़र सुरक्षा का उपयोग करें: उन्नत सुरक्षा टूल्स का उपयोग करें।
  4. ईमेल हेडर और डोमेन को सत्यापित करें: फिशिंग ईमेल की पहचान करने के लिए डोमेन नाम की जांच करें।
  5. साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाएं: फिशिंग खतरों के बारे में कर्मचारियों और उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करें।

भारतीय साइबर कानून और फिशिंग

  1. आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66C: पहचान की चोरी और पासवर्ड धोखाधड़ी के लिए सजा का प्रावधान करता है।
  2. आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 43: साइबर अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान करने की अनुमति देता है।
  3. भारतीय दंड संहिता की धारा 420: ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराधों के मामलों में कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करता है।

निष्कर्ष

फिशिंग साइबर सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। सुरक्षित ब्राउज़िंग प्रथाओं का पालन करके, जागरूकता बढ़ाकर, और आधुनिक सुरक्षा उपायों को अपनाकर हम इस खतरे से बच सकते हैं।

Related Post