Run Time Environment in Compiler Design in Hindi - रन-टाइम एनवायरनमेंट क्या है?


रन-टाइम एनवायरनमेंट क्या है? (What is Run Time Environment?)

रन-टाइम एनवायरनमेंट (Run Time Environment - RTE) एक सिस्टम इंफ्रास्ट्रक्चर होता है, जो प्रोग्राम के निष्पादन (Execution) के दौरान आवश्यक संसाधनों को प्रबंधित करता है। यह डेटा स्टोरेज, मैमोरी एलोकेशन, स्टैक हैंडलिंग और फ़ंक्शन कॉल्स को मैनेज करता है।

रन-टाइम एनवायरनमेंट के घटक (Components of Run Time Environment)

घटकविवरण
स्टैक (Stack)फंक्शन कॉल्स और लोकल वेरिएबल्स को स्टोर करता है।
हीप (Heap)डायनामिक मेमोरी एलोकेशन के लिए उपयोग होता है।
डेटा सेगमेंट (Data Segment)ग्लोबल और स्टेटिक वेरिएबल्स को स्टोर करता है।
कोड सेगमेंट (Code Segment)एक्ज़िक्यूटेबल कोड को स्टोर करता है।

रन-टाइम स्टोरेज ऑर्गेनाइजेशन (Run Time Storage Organization)

रन-टाइम एनवायरनमेंट में मेमोरी को विभिन्न सेगमेंट्स में विभाजित किया जाता है:

1. स्टैक सेगमेंट (Stack Segment)

  • यह लास्ट इन, फर्स्ट आउट (LIFO) संरचना पर आधारित होता है।
  • यह रिकर्सन और फंक्शन कॉल्स को मैनेज करता है।
  • लोकल वेरिएबल्स स्टैक में स्टोर होते हैं।

2. हीप सेगमेंट (Heap Segment)

  • यह डायनामिक मेमोरी एलोकेशन को मैनेज करता है।
  • मेमोरी को प्रोग्राम रन-टाइम के दौरान एलोकेट और डीलोकेट किया जाता है।
  • उदाहरण: malloc() और free() फंक्शंस का उपयोग हीप में मेमोरी एलोकेट करने के लिए किया जाता है।

3. डेटा सेगमेंट (Data Segment)

  • यह ग्लोबल और स्टेटिक वेरिएबल्स को स्टोर करता है।
  • यह प्रोग्राम की पूरी अवधि के लिए उपलब्ध रहता है।

4. कोड सेगमेंट (Code Segment)

  • इसमें प्रोग्राम का बाइनरी कोड स्टोर होता है।
  • CPU इस सेगमेंट से निर्देशों (Instructions) को पढ़कर निष्पादित करता है।

एक्ज़िक्यूशन के दौरान रन-टाइम एनवायरनमेंट का कार्य (Role of Run Time Environment in Execution)

  1. मेमोरी एलोकेशन: स्टैक और हीप में आवश्यक मेमोरी आवंटित करता है।
  2. फ़ंक्शन कॉल्स: स्टैक में फ़्रेम बनाता है और कॉल रिटर्न को मैनेज करता है।
  3. डेटा स्टोरेज: ग्लोबल और स्टेटिक वेरिएबल्स को उचित सेगमेंट में संग्रहीत करता है।
  4. एक्ज़िक्यूशन फ्लो: प्रोग्राम के फ्लो को नियंत्रित करता है।

रन-टाइम एनवायरनमेंट के लाभ (Advantages of Run Time Environment)

  • यह मेमोरी प्रबंधन को कुशल बनाता है।
  • डायनामिक मेमोरी एलोकेशन को सपोर्ट करता है।
  • यह प्रोग्राम के एक्ज़िक्यूशन फ्लो को नियंत्रित करता है।

रन-टाइम एनवायरनमेंट की सीमाएँ (Limitations of Run Time Environment)

  • यदि मेमोरी लीकेज हो जाए तो प्रोग्राम क्रैश कर सकता है।
  • डायनामिक मेमोरी मैनेजमेंट सही ढंग से न होने पर परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

रन-टाइम एनवायरनमेंट कम्पाइलर डिज़ाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्रोग्राम के निष्पादन के दौरान मेमोरी प्रबंधन और स्टोरेज को नियंत्रित करता है।

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