Basic Block and Flow Graphs in Compiler Design in Hindi | बेसिक ब्लॉक और फ्लो ग्राफ


बेसिक ब्लॉक (Basic Block) क्या होता है?

Compiler Design में Basic Block एक ऐसा कोड अनुक्रम (sequence of code) होता है जिसमें कोई ब्रांचिंग (Branching) नहीं होती, यानी इसमें किसी प्रकार का कूदने (jump) या निर्णय लेने (decision making) का ऑपरेशन नहीं होता है। यह कंपाइलर में कोड ऑप्टिमाइज़ेशन (Code Optimization) और एनालिसिस के लिए महत्वपूर्ण होता है।

Basic Block की विशेषताएँ

  • एक Basic Block में केवल एक एंट्री पॉइंट और एक एग्जिट पॉइंट होता है।
  • Basic Block में कोई ब्रांचिंग स्टेटमेंट (जैसे if, goto) नहीं होता, सिवाय अंतिम स्टेटमेंट के।
  • अगर किसी स्टेटमेंट में ब्रांचिंग होती है, तो वह नए Basic Block की शुरुआत करता है।

Basic Block की पहचान कैसे करें?

किसी भी प्रोग्राम को Basic Blocks में विभाजित करने के लिए निम्नलिखित चरण अपनाए जाते हैं:

  1. प्रत्येक प्रोग्राम में पहली स्टेटमेंट एक Basic Block की शुरुआत होती है।
  2. Goto, if-else, या function calls जैसी ब्रांचिंग स्टेटमेंट के बाद नया Basic Block बनता है।
  3. जो स्टेटमेंट किसी ब्रांच का टार्गेट होती है, वह नया Basic Block शुरू करती है।

Example:

मान लीजिए हमारे पास निम्नलिखित कोड है:

1.  a = b + c;
2.  if (a > 10) goto L1;
3.  d = a * 2;
4.  L1: e = d + 5;

इस कोड को Basic Blocks में विभाजित किया जा सकता है:

Basic Block Statements
B1 a = b + c;
B2 if (a > 10) goto L1;
B3 d = a * 2;
B4 e = d + 5;

Flow Graph (फ्लो ग्राफ) क्या होता है?

Flow Graph एक ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन होता है, जो एक प्रोग्राम के Basic Blocks और उनके बीच के कंट्रोल फ्लो (Control Flow) को दर्शाता है।

Flow Graph की विशेषताएँ

  • प्रत्येक नोड (Node) एक Basic Block को दर्शाता है।
  • यदि एक Basic Block से दूसरे Basic Block में जाने का कोई संभव मार्ग है, तो एक एज (Edge) बनती है।
  • यह Control Flow Analysis और Code Optimization के लिए उपयोग किया जाता है।

Flow Graph Example:

उपरोक्त Basic Blocks के लिए Flow Graph निम्नलिखित होगा:

     (B1) → (B2) → (B4)
              ↓
             (B3)

Basic Block और Flow Graph के उपयोग

Basic Block और Flow Graph का उपयोग विभिन्न कंपाइलर ऑप्टिमाइज़ेशन में किया जाता है, जैसे:

  • Dead Code Elimination: अनुपयोगी कोड को हटाना।
  • Loop Optimization: लूप्स को बेहतर बनाना।
  • Control Flow Analysis: कोड के निष्पादन प्रवाह का विश्लेषण करना।

निष्कर्ष

Compiler Design में Basic Block और Flow Graph कोड एनालिसिस और ऑप्टिमाइज़ेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Basic Block प्रोग्राम के बिना ब्रांचिंग वाले हिस्सों को दर्शाता है, जबकि Flow Graph पूरे प्रोग्राम की कंट्रोल फ्लो संरचना को प्रदर्शित करता है।

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