Non Renewable Energy Sources in Hindi - types, advantage and disadvantage


Non-renewable energy in Hind

 

Non renewable energy source एक ऐसी energy का source है जिसका उपयोग हम सिर्फ एक हिं बार energy प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं | जैसे- कोयला, पेट्रोलियम | energy के non renewable sources को energy के Conventional source के रूप में भी जाना जाता है| non renewable energy source को पुनः बनने में लाखो वर्ष लगते हैं अर्थात जो आने वाले समय में एक दिन समाप्त हो जायेगा |

 

नाभिकीय ऊर्जा (Atomic energy)  

 

नाभिकीय ऊर्जा किसी नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया से उत्पन्न है | जिसमें किसी भारी परमाणु जैसे- युरेनियम, प्लूटोनियम, अथवा थोरियम के नाभिक को निम्न ऊर्जा न्यूट्रान से बमबारी कराकर हल्के नाभिकों में तोड़ा जाता है और जब ऐसा किया जाता है तो काफी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है युरेनियम के एक परमाणु के विखंडन में जो ऊर्जा मुक्त होती है वह कोयले के किसी परमाणु के दहन से उत्पन्न ऊर्जा की तुलना में एक करोड़ गुना ज्यादा होता है | इस परमाणु विखंडन प्रक्रिया का उपयोग न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में पानी का वाष्प बनाने के लिए किया जाता है और फिर उस वाष्प से टरबाइन को घुमाया जाता है और विधुत उत्पन्न होती है| इसका उपयोग परमाणु बम बनाने में भी किया जाता है | परन्तु इस तरह कि ऊर्जा को उत्पन्न करने के लिए जिस पदार्थ की आवश्यकता होती है उसके भंडार बहुत ही कम मात्रा में पृथ्वी पर मौजूद हैं इसलिए यह आसानी से नही मिल पाता है|

 

कोयला

 

 

कोयला एक जीवाश्म इंधन है| जो पेड़, पौधे के पृथ्वी के क्रस्ट में दबने से बनता है | कोयला को बनने में लाखो वर्ष लग जाते हैं इसलिए हम इसका उपयोग बार-बार नही कर सकते | यह एक बार उपयोग होने के बाद समाप्त हो जाएगा | इसलिए यह एक अनवीकरणीय उर्जा स्त्रोत है| 

कोयला का उपयोग आज के समय में जयादा thermal power plant में किया जाता है यहाँ पर boiler में कोयला को जलाकर पानी को वाष्प में परिवर्तित किया जाता है जिए मदद से टरबाइन को घुमाया जाता है और विधुत उत्पादन किया जाता है | लेकिन कोयला के जलाने से जो धुआं उत्पन्न होता है उससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है |

 

पेट्रोलियम

 

पेट्रोलियम भी एक जीवाश्म इंधन है जो समुद्र के तल में पड़े मृत जीवों के अवशेषों के उच्च तापमान पर सड़ने गलने से बनता है| petroleum बनने की प्रक्रिया - समुद्र में जीवों के मृत सरीर के उच्च ताप पर सड़ने गलने से उनके शरीर का जो चर्बी (fat)होता है वह धीरे-धिरे तैलीय या कहे तो पेट्रोलियम में परिवर्तित हो जाता है | जीवाश्म के सड़ने गलने से लेकर पेट्रोलियम बनने तक का सफ़र बहुत लम्बा होता है इसलिए हमें इसके बहुत कम स्त्रोत ही मिलते हैं |

 

Advantages of Non-renewable energy in Hind

 

  1. High Energy Density: Non-renewable energy sources जैसे कोयला और पेट्रोलियम में बहुत अधिक ऊर्जा होती है, जिससे कम मात्रा में ज्यादा ऊर्जा प्राप्त होती है।

  2. Established Infrastructure: इन ऊर्जा स्रोतों के लिए पहले से ही मजबूत और विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, जैसे थर्मल पावर प्लांट और पेट्रोल पंप।

  3. Cost-Effective: वर्तमान में, इन स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन अक्सर सस्ता होता है, खासकर अगर बाजार में इनकी कीमतें कम हों।

  4. Reliability: Non-renewable energy sources लगातार ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि इनकी उपलब्धता मौसम पर निर्भर नहीं होती।

  5. Technological Advancement: इन स्रोतों के उपयोग में तकनीकी विकास हुआ है, जिससे इन्हें अधिक कुशलता से इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

Disadvantages of Non-renewable energy in Hind

 

  1. Limited Availability: Non-renewable energy sources जैसे कोयला, पेट्रोलियम, और नाभिकीय ऊर्जा के भंडार सीमित हैं और ये एक दिन समाप्त हो जाएंगे।

  2. Environmental Impact: इन स्रोतों के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण का कारण बनती हैं।

  3. Health Risks: इन स्रोतों से उत्पन्न धुएँ और प्रदूषण स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

  4. Nuclear Waste: नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग से उत्पन्न रेडियोधर्मी कचरा लंबे समय तक सुरक्षित रखने की आवश्यकता होती है, जो एक बड़ी चुनौती है।

  5. Geopolitical Issues: पेट्रोलियम और अन्य फॉसिल फ्यूल्स की वैश्विक मांग देशों के बीच राजनीतिक संघर्षों का कारण बन सकती है।

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