Biogeographical Classification of India in Hindi: भारत का भू-भौगोलिक वर्गीकरण


Biogeographical Classification of India in Hindi: भारत का भू-भौगोलिक वर्गीकरण

परिचय

भारत की भौगोलिक स्थिति और विविध पारिस्थितिकी तंत्र इसे अद्वितीय जैव विविधता वाला देश बनाते हैं। भारत को जैव विविधता के आधार पर विभिन्न भू-भौगोलिक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण जलवायु, स्थलाकृतिक विशेषताओं और वनस्पति एवं जीवों की भिन्नता पर आधारित होता है।

भारत का भू-भौगोलिक वर्गीकरण

भारतीय उपमहाद्वीप को 10 प्रमुख जैव-भौगोलिक क्षेत्रों (Biogeographical Zones) में विभाजित किया गया है:

  1. हिमालयी क्षेत्र (Himalayan Zone): यह भारत के उत्तरी भाग में स्थित है और इसमें विभिन्न ऊँचाइयों पर अलग-अलग प्रकार की वनस्पति और जीव पाए जाते हैं।
  2. गंगा के मैदान (Gangetic Plains): यह क्षेत्र गंगा और उसकी सहायक नदियों द्वारा निर्मित विशाल मैदानी क्षेत्र है, जो कृषि और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
  3. थार रेगिस्तान (Thar Desert): राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में स्थित, यह क्षेत्र अत्यधिक शुष्क जलवायु और विशिष्ट वनस्पतियों एवं जीवों के लिए जाना जाता है।
  4. सेमी-अरिड जोन (Semi-Arid Zone): यह मध्य भारत के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है, जहाँ घास के मैदान और झाड़ियाँ प्रमुख हैं।
  5. दक्कन का पठार (Deccan Plateau): यह भारत का सबसे बड़ा जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जहाँ शुष्क पर्णपाती वन और उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते हैं।
  6. पश्चिमी घाट (Western Ghats): यह क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट के पास स्थित है और इसे जैव विविधता का हॉटस्पॉट माना जाता है।
  7. पूर्वी घाट (Eastern Ghats): यह भारत के पूर्वी तट के पास स्थित है और इसमें अलग-अलग प्रकार की पारिस्थितिकी पाई जाती है।
  8. सुंदरबन और गीली भूमि (Sundarbans & Wetlands): यह क्षेत्र दलदली भूमि और मैंग्रोव वनों के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ बाघ और विभिन्न जलीय जीव पाए जाते हैं।
  9. भारतीय तटीय क्षेत्र (Indian Coastal Region): यह देश के समुद्र तटीय इलाकों में स्थित है, जिसमें समृद्ध समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है।
  10. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman & Nicobar Islands): यह क्षेत्र उष्णकटिबंधीय वर्षावनों और समुद्री जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।

भारत के भू-भौगोलिक क्षेत्रों का महत्व

  1. यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं।
  2. जैव विविधता और दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में योगदान देते हैं।
  3. कृषि, वानिकी और औद्योगिक संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

निष्कर्ष

भारत का भू-भौगोलिक वर्गीकरण इसकी अद्वितीय जैव विविधता और पारिस्थितिकीय विशेषताओं को दर्शाता है। यह न केवल पर्यावरणीय संरक्षण बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Related Post