Endangered and Endemic Species of India in Hindi – List, Causes, and Conservation Efforts


भारत में संकटापन्न और स्थानिक प्रजातियाँ (Endangered and Endemic Species)

भारत में जैव विविधता (Biodiversity) बहुत समृद्ध है, जिसमें कई वन्यजीव और पौधों की प्रजातियाँ शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रजातियाँ संकटापन्न (Endangered) हैं, जबकि कुछ स्थानिक (Endemic) हैं।

संकटापन्न प्रजातियाँ (Endangered Species)

संकटापन्न प्रजातियाँ वे प्रजातियाँ हैं, जो विलुप्ति के कगार पर हैं। इनके संरक्षण के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।

भारत की प्रमुख संकटापन्न प्रजातियाँ:

  • बंगाल टाइगर (Bengal Tiger): यह भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसका शिकार और Habitat Loss इसके लिए खतरा है।
  • एशियाई हाथी (Asian Elephant): Habitat Fragmentation और मानव-हाथी संघर्ष के कारण यह संकटापन्न है।
  • भारतीय गेंडा (Indian Rhinoceros): इसे एक सींग वाला गेंडा भी कहा जाता है। इसका शिकार इसके सींग के लिए किया जाता है।
  • स्नो लेपर्ड (Snow Leopard): हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है और Habitat Loss इसका मुख्य खतरा है।
  • गंगा डॉल्फिन (Ganges River Dolphin): इसे भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव का दर्जा प्राप्त है। प्रदूषण और Habitat Degradation के कारण यह संकट में है।

स्थानिक प्रजातियाँ (Endemic Species)

स्थानिक प्रजातियाँ वे प्रजातियाँ हैं, जो केवल एक विशेष क्षेत्र में पाई जाती हैं और दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं मिलतीं।

भारत की प्रमुख स्थानिक प्रजातियाँ:

  • नीलगिरी तहर (Nilgiri Tahr): यह तमिलनाडु और केरल के नीलगिरी पहाड़ियों में पाया जाता है।
  • गोल्डन लैंगूर (Golden Langur): यह असम और भूटान की सीमा पर पाया जाता है।
  • मालाबार सिवेट (Malabar Civet): यह केरल के पश्चिमी घाट में पाया जाता है।
  • अंदमान वुड पिजन (Andaman Wood Pigeon): यह केवल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाया जाता है।
  • कश्मीर स्टैग (Hangul): यह जम्मू और कश्मीर के दाचिगम राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।

संकटापन्न और स्थानिक प्रजातियों को खतरा (Threats to Endangered and Endemic Species)

इन प्रजातियों को विभिन्न मानव और प्राकृतिक गतिविधियों से खतरा है:

  • वनों की कटाई (Deforestation)
  • अवैध शिकार (Poaching)
  • पर्यावास का नुकसान (Habitat Loss)
  • जलवायु परिवर्तन (Climate Change)
  • प्रदूषण (Pollution)

संरक्षण प्रयास (Conservation Efforts)

भारत में संकटापन्न और स्थानिक प्रजातियों के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं:

  • राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य: संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना।
  • प्रोजेक्ट टाइगर: बाघों के संरक्षण के लिए चलाया गया विशेष अभियान।
  • प्रोजेक्ट एलीफैंट: एशियाई हाथियों के संरक्षण के लिए।
  • सेंचुरी और बायोस्फीयर रिजर्व: जैव विविधता की सुरक्षा के लिए।
  • जन जागरूकता अभियान: लोगों को संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना।

Conclusion

भारत की जैव विविधता विश्व में अद्वितीय है। संकटापन्न और स्थानिक प्रजातियों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। इनके संरक्षण के बिना पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना संभव नहीं होगा।

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