वायरलेस कम्युनिकेशन में फेडिंग के प्रकार | Types of Fading in Hindi


वायरलेस कम्युनिकेशन में फेडिंग के प्रकार | Types of Fading in Wireless Communication in Hindi

**फेडिंग (Fading)** वायरलेस संचार में सिग्नल की शक्ति (Signal Strength) में होने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। यह विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों जैसे कि **परावर्तन (Reflection), अपवर्तन (Refraction), विक्षेपण (Diffraction) और अवशोषण (Absorption)** के कारण उत्पन्न होता है।

फेडिंग के प्रकार (Types of Fading)

फेडिंग को दो प्रमुख श्रेणियों में बांटा जाता है:

1. बड़े पैमाने की फेडिंग (Large Scale Fading)

यह फेडिंग लंबी दूरी और बड़े अवरोधों (Buildings, Mountains) के कारण होती है। इसमें सिग्नल की औसत शक्ति कम हो जाती है।

  • फ्री-स्पेस पाथ लॉस (Free-Space Path Loss): सिग्नल दूरी बढ़ने के साथ कमजोर हो जाता है।
  • लॉग-नॉर्मल फेडिंग (Log-Normal Fading): यह इमारतों और अन्य बड़े ऑब्जेक्ट्स के कारण उत्पन्न होता है।

2. छोटे पैमाने की फेडिंग (Small Scale Fading)

यह फेडिंग छोटे समय के भीतर सिग्नल की शक्ति में होने वाले बदलाव को दर्शाती है। यह मुख्य रूप से **मल्टीपाथ प्रोपेगेशन (Multipath Propagation)** के कारण होता है।

छोटे पैमाने की फेडिंग के प्रकार (Types of Small Scale Fading)

फेडिंग का प्रकार विवरण
डॉप्लर फेडिंग (Doppler Fading) यह मोबाइल यूजर या स्रोत के मूवमेंट के कारण होता है, जिससे फ्रीक्वेंसी में बदलाव होता है।
फ्लैट फेडिंग (Flat Fading) इसमें पूरी सिग्नल बैंडविड्थ समान रूप से प्रभावित होती है, जिससे संचार की गुणवत्ता खराब हो सकती है।
फ्रिक्वेंसी सिलेक्टिव फेडिंग (Frequency Selective Fading) इसमें कुछ फ्रीक्वेंसी कंपोनेंट्स अधिक प्रभावित होते हैं, जिससे इंटरसिंबल इंटरफेरेंस (ISI) होता है।
फास्ट फेडिंग (Fast Fading) जब सिग्नल तेजी से बदलता है और रिसीवर की स्पीड अधिक होती है, तब यह फेडिंग होती है।
स्लो फेडिंग (Slow Fading) जब सिग्नल धीरे-धीरे बदलता है और रिसीवर की गति कम होती है, तब यह फेडिंग होती है।

फेडिंग को कम करने की तकनीकें (Techniques to Reduce Fading)

  • डाइवर्सिटी टेक्निक्स (Diversity Techniques): एंटीना डाइवर्सिटी और फ्रीक्वेंसी डाइवर्सिटी का उपयोग करके सिग्नल की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।
  • इक्वलाइजेशन (Equalization): यह फेडिंग के प्रभाव को कम करने के लिए रिसीवर में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है।
  • पावर कंट्रोल (Power Control): सिग्नल की शक्ति को ऑटोमैटिक रूप से एडजस्ट करना।

निष्कर्ष (Conclusion)

फेडिंग वायरलेस संचार प्रणाली में एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जो सिग्नल की गुणवत्ता और नेटवर्क परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकती है। विभिन्न प्रकार की फेडिंग को समझकर और उपयुक्त तकनीकों का उपयोग करके, वायरलेस नेटवर्क की विश्वसनीयता में सुधार किया जा सकता है।

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