मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन प्रभाव | Mobile Radio Propagation Effects in Wireless Communication in Hindi


मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन प्रभाव | Mobile Radio Propagation Effects in Wireless Communication

**मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन (Mobile Radio Propagation)** एक प्रक्रिया है जिसमें **रेडियो तरंगें** मोबाइल नेटवर्क में प्रसारित (Transmit) और प्राप्त (Receive) होती हैं। वायरलेस संचार में, सिग्नल विभिन्न बाधाओं से गुजरते हुए प्रभावित होता है, जिससे नेटवर्क की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है।

मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन को प्रभावित करने वाले प्रभाव (Effects Affecting Mobile Radio Propagation)

मोबाइल संचार में, सिग्नल ट्रांसमिशन विभिन्न प्रकार की भौतिक घटनाओं से प्रभावित होता है। मुख्य प्रभाव निम्नलिखित हैं:

1. फ्री-स्पेस पाथ लॉस (Free Space Path Loss)

  • जब कोई सिग्नल **बिना किसी बाधा के** यात्रा करता है, तो वह **फ्री-स्पेस लॉस** के कारण कमजोर हो जाता है।
  • फ्री-स्पेस लॉस की गणना निम्नलिखित फॉर्मूला से की जाती है:

FSPL = (4πd/λ)²

  • जहां, **d** = दूरी (Distance)
  • **λ** = तरंगदैर्ध्य (Wavelength)

2. परावर्तन (Reflection)

  • जब सिग्नल किसी **कठोर सतह** (जैसे दीवार, इमारत, या पहाड़) से टकराता है, तो वह **परावर्तित (Reflect) होता है**।
  • परावर्तन के कारण सिग्नल की शक्ति और फेज (Phase) बदल सकता है।

3. अपवर्तन (Refraction)

  • जब सिग्नल किसी **माध्यम (Medium) से दूसरे माध्यम** में प्रवेश करता है, तो उसकी दिशा बदल जाती है।
  • यह प्रभाव वातावरण की स्थितियों, जैसे कि **तापमान, दबाव और आर्द्रता**, के कारण उत्पन्न होता है।

4. विक्षेपण (Diffraction)

  • यदि सिग्नल किसी **बाधा (Obstacle) से टकराता है**, लेकिन फिर भी आगे बढ़ता है, तो इसे **विक्षेपण (Diffraction) कहा जाता है।**
  • यह प्रभाव **भवनों, पहाड़ों और अन्य अवरोधों** के कारण होता है और यह नेटवर्क कवरेज को प्रभावित कर सकता है।

5. प्रकीर्णन (Scattering)

  • जब सिग्नल बहुत छोटे **धूलकणों, जलकणों, और अन्य छोटी बाधाओं** से टकराता है, तो यह विभिन्न दिशाओं में फैल जाता है।
  • यह प्रभाव **बारिश, कोहरे और धुएं** के कारण अधिक होता है।

6. फेडिंग (Fading)

  • फेडिंग वह प्रक्रिया है जिसमें सिग्नल की **ताकत (Signal Strength) समय के साथ बदलती रहती है**।
  • फेडिंग के मुख्य प्रकार:
    • फास्ट फेडिंग (Fast Fading): जब सिग्नल तेजी से बदलता है।
    • स्लो फेडिंग (Slow Fading): जब सिग्नल धीरे-धीरे कमजोर होता है।
    • फ्लैट फेडिंग (Flat Fading): जब पूरे सिग्नल बैंडविड्थ पर समान प्रभाव पड़ता है।
    • फ्रिक्वेंसी सिलेक्टिव फेडिंग (Frequency Selective Fading): जब कुछ फ्रीक्वेंसी अधिक प्रभावित होती हैं।

मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन को प्रभावित करने वाले अन्य कारक

  • **मोबाइल की गति (Mobility):** उपयोगकर्ता की गति सिग्नल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
  • **दूरी (Distance):** जितनी अधिक दूरी होगी, सिग्नल उतना ही कमजोर होगा।
  • **फ्रीक्वेंसी (Frequency):** उच्च फ्रीक्वेंसी बैंड कम दूरी तक फैलता है।
  • **पर्यावरणीय स्थितियाँ (Environmental Conditions):** मौसम और भौगोलिक विशेषताएँ सिग्नल प्रसार को प्रभावित करती हैं।

मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन प्रभावों को कम करने के तरीके

  • डाइवर्सिटी तकनीक (Diversity Techniques): मल्टीपल एंटीना सिस्टम का उपयोग करके फेडिंग को कम किया जा सकता है।
  • इक्वलाइजेशन (Equalization): सिग्नल की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए रिसीवर में इक्वलाइज़र सर्किट का उपयोग किया जाता है।
  • पावर कंट्रोल (Power Control): नेटवर्क ट्रांसमिशन पावर को समायोजित करके सिग्नल लॉस को कम किया जाता है।
  • एडवांस्ड मॉडुलेशन तकनीक (Advanced Modulation Techniques): 5G और LTE नेटवर्क में अधिक कुशल मॉडुलेशन तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

मोबाइल रेडियो प्रोपेगेशन विभिन्न भौतिक प्रभावों जैसे **परावर्तन, अपवर्तन, विक्षेपण, फेडिंग और प्रकीर्णन** से प्रभावित होता है। यह प्रभाव सिग्नल की गुणवत्ता, कवरेज और नेटवर्क प्रदर्शन को निर्धारित करते हैं। **नेटवर्क ऑप्टिमाइजेशन और आधुनिक तकनीकों** के माध्यम से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है।

Related Post

Comments

Comments