सिस्टम और सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं का स्पेसिफिकेशन (SRS) क्या है? | System and Software Requirements Specification in Hindi
सिस्टम और सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं का स्पेसिफिकेशन (SRS) क्या है? (What is System and Software Requirements Specification in Hindi)
सिस्टम और सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं का स्पेसिफिकेशन (System and Software Requirements Specification - SRS) एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है, जो किसी सॉफ़्टवेयर सिस्टम की आवश्यकताओं और विशेषताओं को विस्तार से परिभाषित करता है। यह दस्तावेज़ डेवलपर्स, टेस्टर्स, डिज़ाइनर्स, और ग्राहकों के लिए एक गाइड के रूप में कार्य करता है।
SRS की परिभाषा (Definition of SRS)
SRS एक दस्तावेज़ है जिसमें सॉफ़्टवेयर सिस्टम की कार्यात्मक (Functional) और गैर-कार्यात्मक (Non-Functional) आवश्यकताएँ लिखी जाती हैं। यह सॉफ़्टवेयर के उद्देश्य, सुविधाएँ, प्रदर्शन और सिस्टम की अन्य तकनीकी आवश्यकताओं को दर्शाता है।
SRS के घटक (Components of SRS)
एक SRS दस्तावेज़ निम्नलिखित प्रमुख घटकों से मिलकर बना होता है:
घटक | विवरण |
---|---|
1. परिचय (Introduction) | सिस्टम का उद्देश्य, स्कोप, परिभाषाएँ और संक्षिप्त विवरण। |
2. प्रणाली अवलोकन (System Overview) | सिस्टम कैसे काम करेगा, इसका सामान्य विवरण। |
3. कार्यात्मक आवश्यकताएँ (Functional Requirements) | सॉफ़्टवेयर की विशेषताएँ और क्रियाएँ, जो इसे पूरा करना चाहिए। |
4. गैर-कार्यात्मक आवश्यकताएँ (Non-Functional Requirements) | प्रदर्शन, सुरक्षा, विश्वसनीयता, स्केलेबिलिटी जैसी विशेषताएँ। |
5. सिस्टम मॉडल (System Models) | यूज़ केस डायग्राम, डेटा फ़्लो डायग्राम (DFD), और अन्य डिज़ाइन मॉडल। |
6. हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर आवश्यकताएँ (Hardware & Software Requirements) | सिस्टम को चलाने के लिए आवश्यक हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर की सूची। |
7. परिशिष्ट (Appendices) | अतिरिक्त जानकारी, संदर्भ, और शर्तें। |
SRS का महत्व (Importance of SRS)
- सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है।
- डेवलपर्स और ग्राहकों के बीच स्पष्ट संचार सुनिश्चित करता है।
- सॉफ़्टवेयर की गुणवत्ता और प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करता है।
- भविष्य के संदर्भ और रखरखाव (Maintenance) में सहायक होता है।
कार्यात्मक और गैर-कार्यात्मक आवश्यकताओं का अंतर (Difference Between Functional & Non-Functional Requirements)
विशेषता | कार्यात्मक आवश्यकताएँ (Functional Requirements) | गैर-कार्यात्मक आवश्यकताएँ (Non-Functional Requirements) |
---|---|---|
परिभाषा | सिस्टम को क्या करना चाहिए, इसका विवरण। | सिस्टम को कैसे काम करना चाहिए, इसका विवरण। |
उदाहरण | लॉगिन सिस्टम, भुगतान प्रक्रिया, डेटा भंडारण। | प्रदर्शन, सुरक्षा, विश्वसनीयता, मापनीयता। |
लक्ष्य | सिस्टम की मुख्य कार्यक्षमता को पूरा करना। | सिस्टम की गुणवत्ता और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना। |
SRS दस्तावेज़ तैयार करने की प्रक्रिया (Process of Creating SRS Document)
SRS तैयार करने की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
- आवश्यकताओं का संग्रह (Requirement Gathering): ग्राहकों और उपयोगकर्ताओं से आवश्यकताओं को एकत्र किया जाता है।
- विश्लेषण (Analysis): आवश्यकताओं का विश्लेषण करके उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
- डॉक्यूमेंटेशन (Documentation): सभी आवश्यकताओं को SRS दस्तावेज़ में संकलित किया जाता है।
- समीक्षा और स्वीकृति (Review & Approval): ग्राहक और डेवलपमेंट टीम दस्तावेज़ की समीक्षा करते हैं।
SRS का उदाहरण (Example of SRS Document)
नीचे एक ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम के लिए SRS का एक संक्षिप्त उदाहरण दिया गया है:
1. परिचय (Introduction)
- उद्देश्य: ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान करना।
- स्कोप: लॉगिन, बैलेंस चेक, ट्रांसफर, स्टेटमेंट जनरेशन।
2. कार्यात्मक आवश्यकताएँ (Functional Requirements)
- उपयोगकर्ता को वैध क्रेडेंशियल्स से लॉगिन करना होगा।
- उपयोगकर्ता को खाते का बैलेंस देखने की सुविधा मिलेगी।
- पैसे ट्रांसफर करने के लिए दो-चरणीय सत्यापन आवश्यक होगा।
3. गैर-कार्यात्मक आवश्यकताएँ (Non-Functional Requirements)
- सिस्टम को 1 सेकंड से कम समय में प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
- डेटा को AES-256 एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित किया जाना चाहिए।
- सिस्टम को 99.9% अपटाइम सुनिश्चित करना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
SRS दस्तावेज़ सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह डेवलपर्स और ग्राहकों के बीच स्पष्टता बनाए रखता है और सिस्टम की आवश्यकताओं को विस्तृत रूप से परिभाषित करता है। एक अच्छे SRS दस्तावेज़ के बिना सॉफ़्टवेयर प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा करना मुश्किल हो सकता है।
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