इन्क्रिमेंटल मॉडल क्या है? | Incremental Model in Hindi


इन्क्रिमेंटल मॉडल क्या है? (What is Incremental Model in Hindi)

इन्क्रिमेंटल मॉडल (Incremental Model) सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया (Software Development Process) का एक महत्वपूर्ण मॉडल है, जिसमें सॉफ़्टवेयर को छोटे-छोटे भागों (increments) में विकसित किया जाता है। प्रत्येक इन्क्रिमेंट में एक नई कार्यक्षमता (Functionality) जोड़ी जाती है और पिछले संस्करण को परिष्कृत किया जाता है।

इन्क्रिमेंटल मॉडल की परिभाषा (Definition of Incremental Model)

इन्क्रिमेंटल मॉडल एक सॉफ़्टवेयर विकास दृष्टिकोण है जिसमें सॉफ़्टवेयर को चरणों में विकसित किया जाता है, जिससे प्रत्येक चरण में एक नया फीचर जोड़ा जाता है। प्रत्येक इन्क्रिमेंट का परीक्षण (Testing) किया जाता है और उपयोगकर्ता से प्रतिक्रिया (Feedback) प्राप्त की जाती है।

इन्क्रिमेंटल मॉडल के चरण (Phases of Incremental Model)

यह मॉडल मुख्य रूप से निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है:

चरण विवरण
1. आवश्यकताओं का विश्लेषण (Requirement Analysis) ग्राहक की आवश्यकताओं को समझा जाता है और प्राथमिक आवश्यकताओं की पहचान की जाती है।
2. प्रणाली डिज़ाइन (System Design) सॉफ़्टवेयर आर्किटेक्चर और डिज़ाइन पर कार्य किया जाता है।
3. प्रारंभिक इन्क्रिमेंट निर्माण (Initial Increment Development) पहले इन्क्रिमेंट में आवश्यक प्राथमिक कार्यक्षमताएँ जोड़ी जाती हैं।
4. परीक्षण और मूल्यांकन (Testing & Evaluation) प्रत्येक इन्क्रिमेंट को परीक्षण किया जाता है और ग्राहक से फीडबैक लिया जाता है।
5. इन्क्रिमेंट सुधार (Enhancement & Refinement) नए इन्क्रिमेंट जोड़े जाते हैं और पहले से निर्मित इन्क्रिमेंट को सुधारा जाता है।
6. अंतिम प्रणाली तैनाती (Final Deployment) जब सभी इन्क्रिमेंट जोड़ लिए जाते हैं, तो सॉफ़्टवेयर को पूरी तरह से तैनात किया जाता है।

इन्क्रिमेंटल मॉडल की विशेषताएँ (Characteristics of Incremental Model)

  • चरणबद्ध विकास: सॉफ़्टवेयर छोटे भागों में विकसित किया जाता है।
  • उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया: प्रत्येक इन्क्रिमेंट के बाद उपयोगकर्ता से फीडबैक लिया जाता है।
  • लचीला दृष्टिकोण: आवश्यकताओं में बदलाव आसानी से किया जा सकता है।
  • कम जोखिम: यदि कोई समस्या आती है, तो उसे अगले इन्क्रिमेंट में सुधारा जा सकता है।

इन्क्रिमेंटल मॉडल के लाभ (Advantages of Incremental Model)

  • छोटे चरणों में विकास होने से त्रुटियों को जल्दी ठीक किया जा सकता है।
  • ग्राहक की आवश्यकताओं के अनुसार विकास में सुधार किया जा सकता है।
  • कम समय में कार्यशील सॉफ़्टवेयर प्रदान किया जाता है।
  • पिछले इन्क्रिमेंट का पुन: उपयोग किया जा सकता है।

इन्क्रिमेंटल मॉडल की सीमाएँ (Limitations of Incremental Model)

  • परियोजना की योजना बनाना जटिल हो सकता है।
  • बड़े पैमाने के सॉफ़्टवेयर सिस्टम के लिए प्रबंधन कठिन हो सकता है।
  • कभी-कभी पिछले इन्क्रिमेंट में बदलाव करना महंगा हो सकता है।

कब उपयोग करें? (When to Use Incremental Model)

  • जब परियोजना जटिल हो और धीरे-धीरे विकसित करनी हो।
  • जब आवश्यकताएँ पूरी तरह से स्पष्ट न हों।
  • जब सॉफ़्टवेयर को जल्दी बाजार में लाना हो।
  • जब ग्राहकों की लगातार प्रतिक्रिया आवश्यक हो।

निष्कर्ष (Conclusion)

इन्क्रिमेंटल मॉडल एक प्रभावी सॉफ़्टवेयर विकास दृष्टिकोण है जो चरणबद्ध विकास प्रक्रिया और उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया पर आधारित होता है। यह उन प्रोजेक्ट्स के लिए उपयुक्त है जहाँ आवश्यकताओं में बदलाव हो सकता है और ग्राहकों की भागीदारी अधिक होती है।

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