कैपेबिलिटी मैच्योरिटी मॉडल (CMM) क्या है? | Capability Maturity Model (CMM) in Hindi


कैपेबिलिटी मैच्योरिटी मॉडल (CMM) क्या है? (What is Capability Maturity Model in Hindi)

सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग (Software Engineering) में Capability Maturity Model (CMM) एक प्रक्रिया मॉडल (Process Model) है, जिसका उपयोग संगठनों की सॉफ़्टवेयर विकास क्षमताओं (Software Development Capabilities) और गुणवत्ता को सुधारने के लिए किया जाता है। यह मॉडल किसी संगठन की सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया को मापने और परिपक्वता (Maturity) के विभिन्न स्तरों को परिभाषित करने में मदद करता है।

CMM की परिभाषा (Definition of CMM)

Capability Maturity Model (CMM) एक फ्रेमवर्क (Framework) है जो यह निर्धारित करता है कि किसी संगठन की सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया कितनी परिपक्व (Mature) और सुव्यवस्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रक्रिया सुधार (Process Improvement) करना और उच्च गुणवत्ता वाले सॉफ़्टवेयर का विकास सुनिश्चित करना है।

CMM के पाँच स्तर (5 Levels of CMM)

CMM मॉडल में कुल 5 परिपक्वता स्तर (Maturity Levels) होते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि किसी संगठन की सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया कितनी उन्नत और व्यवस्थित है।

स्तर विवरण
1. प्रारंभिक स्तर (Initial Level) इस स्तर पर सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रियाएँ असंगठित होती हैं। कोई परिभाषित प्रक्रियाएँ नहीं होतीं, और प्रोजेक्ट का प्रदर्शन व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करता है।
2. प्रबंधित स्तर (Managed Level) इस स्तर पर मूलभूत परियोजना प्रबंधन प्रक्रियाएँ स्थापित की जाती हैं, जिससे समय, लागत और गुणवत्ता को नियंत्रित किया जा सके।
3. परिभाषित स्तर (Defined Level) इस स्तर पर संगठन की सभी प्रक्रियाएँ मानकीकृत (Standardized) और प्रलेखित (Documented) होती हैं।
4. पूर्वानुमेय स्तर (Quantitatively Managed Level) इस स्तर पर संगठन अपने सॉफ़्टवेयर विकास की प्रक्रियाओं को मात्रात्मक रूप से मापता है और डेटा-आधारित निर्णय लेता है।
5. अनुकूलन स्तर (Optimizing Level) यह सबसे उच्चतम स्तर है जहाँ निरंतर सुधार (Continuous Process Improvement) किया जाता है और नई तकनीकों को अपनाया जाता है।

CMM के मुख्य घटक (Key Components of CMM)

  • प्रक्रिया परिपक्वता स्तर (Process Maturity Levels): यह पाँच स्तर होते हैं जो संगठन की प्रक्रिया सुधार की स्थिति को दर्शाते हैं।
  • प्रक्रिया क्षेत्र (Process Areas): यह उन क्षेत्रों को दर्शाता है जहाँ सुधार की आवश्यकता होती है।
  • प्रबंधन और मूल्यांकन (Management & Assessment): संगठन की प्रक्रियाओं को प्रबंधित और मूल्यांकन करने की रणनीति।

CMM के लाभ (Advantages of CMM)

  • सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया में सुधार होता है।
  • गुणवत्ता नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन में सहायता मिलती है।
  • संगठन की उत्पादकता और विश्वसनीयता बढ़ती है।
  • ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ती है और उनकी आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा किया जाता है।

CMM की सीमाएँ (Limitations of CMM)

  • इस मॉडल को लागू करने में समय और लागत अधिक होती है।
  • छोटे संगठनों के लिए यह अधिक जटिल हो सकता है।
  • कभी-कभी यह संगठन में नौकरशाही (Bureaucracy) को बढ़ा सकता है।

CMM और CMMI में अंतर (Difference Between CMM and CMMI)

विशेषता CMM (Capability Maturity Model) CMMI (Capability Maturity Model Integration)
उद्देश्य सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए विकसित किया गया। सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर और सेवा प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए विस्तारित किया गया।
प्रयोज्यता मुख्य रूप से सॉफ़्टवेयर विकास के लिए। सॉफ़्टवेयर, सिस्टम और सेवा विकास के लिए।
परिपक्वता स्तर 5 स्तर (Initial, Managed, Defined, Quantitatively Managed, Optimizing) अधिक विस्तृत और एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Capability Maturity Model (CMM) एक प्रभावी प्रक्रिया सुधार ढांचा (Process Improvement Framework) है, जो संगठनों को अपनी सॉफ़्टवेयर विकास प्रक्रिया को व्यवस्थित और कुशल बनाने में मदद करता है। यह मॉडल विशेष रूप से बड़ी कंपनियों और संगठनों के लिए उपयोगी है, जहाँ सॉफ़्टवेयर विकास की गुणवत्ता और प्रदर्शन में सुधार आवश्यक होता है।

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