हैश फंक्शन क्या है? - Hash Function in Cryptography in Hindi


हैश फंक्शन क्या है? - Hash Function in Cryptography in Hindi

परिचय

हैश फंक्शन (Hash Function) एक **क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम** है, जो किसी भी इनपुट डेटा को एक निश्चित लंबाई के **यूनिक फिक्स्ड साइज आउटपुट (Hash Value या Digest)** में बदल देता है। इसका उपयोग **डेटा की अखंडता (Integrity) और सुरक्षा** सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

हैश फंक्शन की विशेषताएँ

हैश फंक्शन को प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए:

  • निर्धारित लंबाई (Fixed Output Length): हैश का आउटपुट हमेशा **निश्चित लंबाई** का होता है, चाहे इनपुट कितना भी बड़ा हो।
  • प्रि-इमेज रेसिस्टेंस (Pre-Image Resistance): हैश वैल्यू से मूल इनपुट को प्राप्त करना असंभव होना चाहिए।
  • कोलिजन रेसिस्टेंस (Collision Resistance): दो अलग-अलग इनपुट के लिए समान हैश आउटपुट उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
  • तेज़ गणना (Fast Computation): हैश वैल्यू जल्दी से उत्पन्न होनी चाहिए।
  • छोटे बदलाव पर बड़ा प्रभाव (Avalanche Effect): इनपुट में थोड़ा सा बदलाव भी पूरी तरह अलग हैश वैल्यू उत्पन्न करना चाहिए।

हैश फंक्शन कैसे काम करता है?

हैश फंक्शन किसी भी डेटा को प्रोसेस करके एक **यूनिक फिक्स्ड-लेंथ आउटपुट** उत्पन्न करता है:

Hash Value = H(Input Data)

उदाहरण:

इनपुटSHA-256 हैश आउटपुट
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प्रमुख क्रिप्टोग्राफिक हैश फंक्शन

हैशिंग के लिए विभिन्न एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है:

1. MD5 (Message Digest Algorithm 5)

  • 128-बिट हैश आउटपुट उत्पन्न करता है।
  • तेज़ लेकिन **कम सुरक्षित**।
  • कोलिजन अटैक के प्रति संवेदनशील।

2. SHA-1 (Secure Hash Algorithm 1)

  • 160-बिट हैश आउटपुट उत्पन्न करता है।
  • पुरानी प्रणालियों में उपयोग किया जाता था, लेकिन अब असुरक्षित माना जाता है।

3. SHA-256 (Secure Hash Algorithm 256-bit)

  • 256-बिट हैश उत्पन्न करता है।
  • ब्लॉकचेन और डिजिटल सिग्नेचर में उपयोग किया जाता है।
  • अत्यधिक सुरक्षित।

4. SHA-512 (Secure Hash Algorithm 512-bit)

  • 512-बिट आउटपुट उत्पन्न करता है।
  • अत्यधिक सुरक्षित लेकिन अधिक संसाधनों की आवश्यकता होती है।

हैश फंक्शन के अनुप्रयोग

  • पासवर्ड स्टोरेज: डेटाबेस में पासवर्ड सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिए।
  • डिजिटल हस्ताक्षर: डिजिटल प्रमाणपत्रों और ब्लॉकचेन में सत्यापन के लिए।
  • डेटा अखंडता: फ़ाइलों की वैधता और छेड़छाड़ की पहचान करने के लिए।
  • ब्लॉकचेन तकनीक: प्रत्येक ब्लॉक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।

हैश फंक्शन बनाम एन्क्रिप्शन

विशेषताहैश फंक्शनएन्क्रिप्शन
उद्देश्यडेटा की अखंडताडेटा गोपनीयता
रिवर्सिबलिटीअपरिवर्तनीय (Irreversible)रिवर्सिबल (Decryption संभव)
उपयोगपासवर्ड सुरक्षा, डिजिटल हस्ताक्षरसंदेश गोपनीयता, डेटा ट्रांसमिशन

हैश फंक्शन की कमजोरियाँ

  • कोलिजन अटैक: जब दो अलग-अलग इनपुट समान हैश आउटपुट उत्पन्न करते हैं।
  • ब्रूट फोर्स अटैक: सभी संभव इनपुट की गणना करके मूल इनपुट प्राप्त करने का प्रयास।
  • रेनबो टेबल अटैक: पहले से संग्रहीत हैश आउटपुट से मूल इनपुट की पहचान करने का प्रयास।

हैश फंक्शन को सुरक्षित बनाने के उपाय

  • सॉल्टिंग (Salting): पासवर्ड स्टोरेज में अतिरिक्त डेटा जोड़ना ताकि समान पासवर्ड का अलग हैश उत्पन्न हो।
  • की-आधारित हैशिंग: **HMAC (Hash-based Message Authentication Code)** का उपयोग।
  • SHA-256 या SHA-512 का उपयोग: आधुनिक और सुरक्षित एल्गोरिदम अपनाना।

निष्कर्ष

**Hash Function** साइबर सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसका उपयोग **डेटा सत्यापन, पासवर्ड सुरक्षा, और डिजिटल प्रमाणपत्रों** में किया जाता है। यह डेटा को अपरिवर्तनीय रूप में बदलकर उसकी अखंडता सुनिश्चित करता है। आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों में **SHA-256 और SHA-512** का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है, जिससे डिजिटल सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है।

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