Thresholding in Image Processing in Hindi - Notes for BTech CSE


Thresholding क्या है?

Thresholding Image Processing की एक बुनियादी तकनीक है, जिसका उपयोग इमेज को बाइनरी इमेज में बदलने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक Threshold Value तय की जाती है, जिसके आधार पर पिक्सल्स को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है - एक वर्ग में वे पिक्सल्स आते हैं जिनकी वैल्यू Threshold से अधिक होती है, और दूसरे वर्ग में वे पिक्सल्स आते हैं जिनकी वैल्यू Threshold से कम होती है।

Thresholding के प्रकार

Thresholding को कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

1. Simple Thresholding

इस तकनीक में एक स्थिर Threshold Value तय की जाती है और इमेज के सभी पिक्सल्स की तुलना इसी वैल्यू से की जाती है।

  • उपयोग: बाइनरी इमेज प्राप्त करने के लिए।
  • उदाहरण: यदि Threshold Value 128 है, तो सभी पिक्सल्स जिनकी वैल्यू 128 से अधिक है, उन्हें सफेद और अन्य को काला कर दिया जाता है।

2. Adaptive Thresholding

Adaptive Thresholding में Threshold Value इमेज के विभिन्न हिस्सों के लिए अलग-अलग तय की जाती है। यह तकनीक उन इमेज के लिए उपयोगी है, जिनमें रोशनी असमान है।

  • उपयोग: असमान प्रकाश वाली इमेज में।
  • उदाहरण: टेक्स्ट डॉक्यूमेंट्स की प्रोसेसिंग।

3. Otsu's Thresholding

Otsu's Thresholding एक स्वचालित तकनीक है, जो इमेज के हिस्टोग्राम का विश्लेषण करके इष्टतम Threshold Value तय करती है।

  • उपयोग: स्वचालित रूप से Threshold तय करने के लिए।
  • उदाहरण: ऑब्जेक्ट और बैकग्राउंड को अलग करना।

Thresholding का उपयोग

Thresholding तकनीक का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है:

  • मेडिकल इमेजिंग: ट्यूमर और अन्य संरचनाओं की पहचान के लिए।
  • सुरक्षा और निगरानी: ऑब्जेक्ट डिटेक्शन के लिए।
  • डिजिटल डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग: टेक्स्ट की पहचान और उसे अलग करने के लिए।
  • औद्योगिक निरीक्षण: दोष की पहचान और वस्तुओं की गुणवत्ता जांच में।

Thresholding का उदाहरण

मान लीजिए कि हमारे पास एक ग्रेस्केल इमेज है और हम इसे बाइनरी इमेज में बदलना चाहते हैं। यदि Threshold Value 100 है, तो 100 से अधिक वैल्यू वाले सभी पिक्सल्स सफेद होंगे, जबकि 100 से कम वैल्यू वाले सभी पिक्सल्स काले होंगे।

निष्कर्ष

Thresholding Image Processing की एक सरल लेकिन प्रभावी तकनीक है। इसकी मदद से इमेज को बाइनरी इमेज में बदलकर महत्वपूर्ण जानकारी को आसानी से पहचाना जा सकता है। सही Threshold तकनीक का चयन इमेज एनालिसिस की सटीकता को बढ़ा सकता है।

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