Review of Atomic Structure and Radioactivity in Hindi


Review of Atomic Structure and Radioactivity in Hindi

यह लेख Atomic Structure (परमाणु संरचना) और Radioactivity (रेडियोधर्मिता) की मूलभूत अवधारणाओं का तेजी से पुनरावलोकन (quick revision) प्रदान करता है। इसमें परमाणु के घटक, समस्थानिक (Isotopes), इलेक्ट्रॉन विन्यास, नाभिकीय स्थिरता, रेडियोधर्म क्षय के प्रकार, हाफ-लाइफ, उपयोग, जोखिम और मापन इकाइयों को सरल हिंदी में समझाया गया है।

1) परमाणु संरचना (Atomic Structure)

  • परमाणु (Atom): पदार्थ की सबसे छोटी रासायनिक इकाई, जो नाभिक (Nucleus) और उसके चारों ओर घूमते इलेक्ट्रॉनों से मिलकर बनी है।
  • नाभिक (Nucleus): केंद्र में स्थित; प्रोटॉन (p⁺) और न्यूट्रॉन (n⁰) से बना। धनात्मक आवेश प्रोटॉनों के कारण होता है।
  • इलेक्ट्रॉन (e⁻): ऋणात्मक आवेशित कण जो ऊर्जा-स्तर/कक्षाओं (shells, subshells) में पाए जाते हैं।
  • परमाणु क्रमांक (Atomic Number, Z): प्रोटॉनों की संख्या; तत्व की पहचान निर्धारित करता है।
  • द्रव्यमान संख्या (Mass Number, A): A = Z + N (N = न्यूट्रॉनों की संख्या)।
  • समस्थानिक (Isotopes): एक ही तत्व के वे परमाणु जिनमें Z समान पर N अलग—उदा., ⁶¹²C, ¹³₆C, ¹⁴₆C।
  • समस्थानिक भार योगदान: प्राकृतिक मिश्रण के कारण औसत परमाणु द्रव्यमान भिन्न होता है।
  • इलेक्ट्रॉन विन्यास (Electron Configuration): Pauli Exclusion, Aufbau व Hund नियमों के अनुसार इलेक्ट्रॉनों का वितरण (उदा., O: 1s² 2s² 2p⁴)।
  • बंधन ऊर्जा (Binding Energy): नाभिक को जोड़कर रखने वाली ऊर्जा; अधिक बंधन ऊर्जा ⇒ अधिक स्थिर नाभिक।

2) नाभिकीय स्थिरता (Nuclear Stability)

नाभिक की स्थिरता प्रोटॉन-न्यूट्रॉन अनुपात (N/Z), बंधन ऊर्जा/न्यूक्लिऑन और विशेष "मैजिक नंबर" (2, 8, 20, 28, 50, 82, 126) पर निर्भर करती है। अस्थिर नाभिक स्वाभाविक रूप से रेडियोधर्म क्षय द्वारा अधिक स्थिर रूपों में परिवर्तित होते हैं।

3) रेडियोधर्मिता (Radioactivity): प्रकार व विशेषताएँ

  • अल्फा (α) क्षय: नाभिक ²⁴He (2p + 2n) उत्सर्जित करता है; A में 4 की कमी, Z में 2 की कमी। पैठ (penetration) कम, पर आयनीकरण अधिक। कागज़/त्वचा से रुकता है।
  • बीटा (β⁻/β⁺) क्षय: β⁻ में न्यूट्रॉन → प्रोटॉन + इलेक्ट्रॉन + एंटी-न्यूट्रिनो; Z +1। β⁺ में प्रोटॉन → न्यूट्रॉन + पोज़िट्रॉन + न्यूट्रिनो; Z −1। पैठ मध्यम; एल्युमिनियम शीट रोक सकती है।
  • गामा (γ) विकिरण: उच्च-ऊर्जा फोटॉन; A, Z अपरिवर्तित। पैठ सबसे अधिक; मोटी सीसा/कंक्रीट शील्डिंग चाहिए।
  • अन्य: इलेक्ट्रॉन कैप्चर (EC), आइसोमेरिक ट्रांज़िशन्स, स्पॉन्टेनियस फिशन (भारी नाभिक)।

4) हाफ-लाइफ, क्षय नियम व गणनाएँ

हाफ-लाइफ (t1/2): वह समय जिसमें किसी रेडियोधर्मी नाभिकीय नमूने के आधे परमाणु क्षयित हो जाते हैं। यह प्रत्येक समस्थानिक का विशिष्ट गुण है।

क्षय नियम: N(t) = N₀ e−λt, जहाँ λ क्षय नियतांक है। संबंध: t1/2 = ln(2)/λ।

उदाहरण: यदि किसी समस्थानिक का t1/2 = 5 वर्ष और प्रारंभिक सक्रियता A₀ = 800 Bq है, तो 10 वर्ष बाद A = A₀/2² = 800/4 = 200 Bq।

5) विकिरण की इकाइयाँ व मापन

  • गतिविधि (Activity): Becquerel (Bq) = 1 क्षय/सेकंड; पुरानी इकाई Curie (Ci) ≈ 3.7×10¹⁰ Bq।
  • उपेक्षित ऊर्जा/डोज़: Absorbed dose: Gray (Gy) = 1 J/kg; समतुल्य/प्रभावी डोज़: Sievert (Sv) (गुणांक से भारित)।
  • डिटेक्शन: Geiger–Müller (GM) काउंटर, स्किन्टिलेशन डिटेक्टर, आयनीकरण चैम्बर, डोसीमीटर।

6) रेडियोधर्मिता के उपयोग (Applications)

  • चिकित्सा: रेडियोआइसोटोप डायग्नोस्टिक्स (PET/SPECT), रेडियोथेरेपी (Co-60, Ir-192), स्टरलाइज़ेशन।
  • उर्जा उत्पादन: नाभिकीय विखंडन रिएक्टर; उच्च ऊर्जा-घनत्व और कम कार्बन उत्सर्जन।
  • उद्योग: नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (NDT), थिकनेस गेज, ट्रेसर स्टडीज।
  • पुरातत्व/पृथ्वी-विज्ञान: रेडियोकार्बन डेटिंग (¹⁴C), यू-पीबी डेटिंग आदि।
  • कृषि/खाद्य: फूड इर्रैडिएशन, उत्परिवर्तन प्रजनन (mutation breeding)।

7) स्वास्थ्य प्रभाव व सुरक्षा (Radiation Safety)

  • उच्च डोज़ पर कोशिकीय क्षति, DNA breaks; नियमन आवश्यक है।
  • ALARA सिद्धांत: As Low As Reasonably Achievable—समय घटाएँ, दूरी बढ़ाएँ, शील्डिंग का प्रयोग करें।
  • व्यावसायिक सीमा (regulatory) आमतौर पर mSv/वर्ष दायरे में नियंत्रित; मॉनिटरिंग आवश्यक।
  • अपशिष्ट प्रबंधन: वर्गीकरण, कंटेनमेंट, डिके-स्टोरेज, दीर्घकालीन निपटान।

8) त्वरित सार (Quick Recap)

  • Z तय करता है तत्व; A = Z + N; समस्थानिकों में Z समान, N अलग।
  • अस्थिर नाभिक α, β, γ विकिरण द्वारा क्षयित होते हैं—हाफ-लाइफ स्थिर गुण है।
  • क्षय नियम घातांकी है: N = N₀ e−λt; t1/2 = 0.693/λ।
  • इकाइयाँ: Bq, Gy, Sv; डिटेक्शन: GM काउंटर, स्किन्टिलेशन।
  • अनुप्रयोग: मेडिकल, ऊर्जा, NDT, डेटिंग; सुरक्षा: ALARA, शील्डिंग, अपशिष्ट प्रबंधन।

निष्कर्ष

परमाणु संरचना और रेडियोधर्मिता की अवधारणाएँ विज्ञान, चिकित्सा, उद्योग और ऊर्जा उत्पादन की आधारशिला हैं। ठोस वैचारिक समझ—विशेषकर समस्थानिक, क्षय-गतिकी और सुरक्षा—सीखने से परीक्षा तैयारी और व्यावहारिक उपयोग दोनों में लाभ होता है।

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