Coolants in Nuclear Reactor क्या है? | Reactor Coolants in Hindi Explanation


Coolants in Nuclear Reactor क्या है? | Reactor Coolants in Hindi Explanation

न्यूक्लियर रिएक्टर में Coolant एक ऐसा पदार्थ होता है जो फिशन प्रोसेस के दौरान उत्पन्न होने वाली गर्मी (Heat) को रिएक्टर कोर से हटाकर हीट एक्सचेंजर या टरबाइन तक पहुंचाता है। कूलेंट का मुख्य उद्देश्य रिएक्टर को Overheating से बचाना और सुरक्षित रूप से तापमान को नियंत्रित करना होता है।

कूलेंट का कार्य

जब न्यूक्लियर रिएक्टर में Uranium-235 या Plutonium-239 का फिशन होता है, तब भारी मात्रा में ऊर्जा हीट के रूप में निकलती है। यदि इस हीट को नियंत्रित न किया जाए, तो रिएक्टर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ सकता है, जो खतरनाक हो सकता है।

कूलेंट का मुख्य कार्य है:

  • रिएक्टर कोर से अतिरिक्त गर्मी हटाना।
  • हीट को टरबाइन तक ले जाना ताकि बिजली उत्पन्न की जा सके।
  • रिएक्टर के तापमान को नियंत्रित रखना।
  • रिएक्टर की सेफ्टी और एफिशिएंसी बनाए रखना।

एक अच्छे कूलेंट की विशेषताएँ

  • उच्च थर्मल कंडक्टिविटी होनी चाहिए।
  • हीट को तेजी से ट्रांसफर करने की क्षमता।
  • उच्च बॉयलिंग पॉइंट ताकि हाई-टेम्परेचर पर भी स्थिर रहे।
  • कम विस्कोसिटी ताकि फ्लो आसानी से हो सके।
  • कम न्यूट्रॉन एब्जॉर्प्शन क्रॉस सेक्शन ताकि रिएक्शन प्रभावित न हो।
  • केमिकल रूप से स्थिर और नॉन-कोर्रोसिव होना।

कूलेंट के प्रकार

न्यूक्लियर रिएक्टरों में अलग-अलग प्रकार के कूलेंट्स का उपयोग किया जाता है। मुख्य कूलेंट्स निम्नलिखित हैं:

1. पानी (Light Water - H2O)

लाइट वाटर सबसे आम कूलेंट है, जिसे PWR और BWR रिएक्टर्स में इस्तेमाल किया जाता है।

  • फायदे: आसानी से उपलब्ध, सस्ता, थर्मल कंडक्टिविटी अच्छी।
  • नुकसान: हाई प्रेशर की जरूरत, हाई न्यूट्रॉन एब्जॉर्प्शन।

2. भारी पानी (Heavy Water - D2O)

हेवी वाटर मुख्य रूप से PHWR रिएक्टर्स में कूलेंट के रूप में उपयोग की जाती है।

  • फायदे: कम न्यूट्रॉन एब्जॉर्प्शन, बेहतर मॉडरेशन।
  • नुकसान: महंगा और उत्पादन जटिल।

3. गैस (Gas Coolants)

गैस कूलेंट्स जैसे CO2 और हीलियम का उपयोग Gas-Cooled Reactors में किया जाता है।

  • फायदे: उच्च तापमान पर भी स्थिर, नॉन-कोर्रोसिव।
  • नुकसान: कम थर्मल कंडक्टिविटी।

4. लिक्विड मेटल्स (Liquid Metal Coolants)

सोडियम, पोटैशियम, और लिथियम जैसे लिक्विड मेटल्स का उपयोग Fast Breeder Reactors में किया जाता है।

  • फायदे: हाई थर्मल कंडक्टिविटी, हाई टेम्परेचर पर स्थिर।
  • नुकसान: हैंडलिंग मुश्किल, रासायनिक रूप से रिएक्टिव।

5. मोल्टन साल्ट्स (Molten Salts)

मोल्टन साल्ट्स जैसे फ्लोराइड और नाइट्रेट्स को Molten Salt Reactors में उपयोग किया जाता है।

  • फायदे: हाई टेम्परेचर पर स्थिर, थर्मल एफिशिएंसी अच्छी।
  • नुकसान: कोर्रोसिव नेचर।

भारत में उपयोग किए जाने वाले कूलेंट्स

भारत में मुख्य रूप से Heavy Water और Light Water Coolants का उपयोग PHWR और PWR रिएक्टर्स में किया जाता है। इसके अलावा, Fast Breeder Test Reactors में सोडियम आधारित कूलेंट्स भी प्रयोग होते हैं।

निष्कर्ष

न्यूक्लियर रिएक्टर की सुरक्षा और एफिशिएंसी के लिए सही कूलेंट का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। एक अच्छा कूलेंट न केवल तापमान को नियंत्रित करता है बल्कि रिएक्टर के परफॉर्मेंस को भी बेहतर बनाता है।

Related Post