IP Datagram Format और इसकी डिलीवरी की पूरी जानकारी हिंदी में
IP Datagram Format और इसकी डिलीवरी क्या है?
परिचय
IP (Internet Protocol) नेटवर्किंग की रीढ़ की हड्डी है और इसका मुख्य कार्य डेटा पैकेट्स को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक पहुंचाना होता है। IP द्वारा डेटा को Datagram के रूप में ट्रांसमिट किया जाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि IP Datagram Format क्या होता है, इसके विभिन्न भाग कौन-कौन से होते हैं और IP Datagram Delivery कैसे की जाती है।
1. IP Datagram क्या है?
IP Datagram एक डेटा पैकेट होता है जिसे नेटवर्क के माध्यम से एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक भेजा जाता है। यह Connectionless Protocol पर आधारित होता है, जिसका अर्थ है कि यह डेटा पैकेट को भेजने से पहले किसी स्थिर कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती।
2. IP Datagram Format
IP Datagram का एक निश्चित फॉर्मेट होता है, जिसमें विभिन्न हेडर फ़ील्ड्स और डेटा शामिल होते हैं। इसका पूरा स्वरूप नीचे दिखाया गया है:
फील्ड | साइज़ (बिट्स में) | विवरण |
---|---|---|
Version | 4 | IP का संस्करण (IPv4 या IPv6) |
Header Length | 4 | IP हेडर की लंबाई (32-bit वर्ड्स में) |
Type of Service (ToS) | 8 | पैकेट की प्राथमिकता और सेवा गुणवत्ता |
Total Length | 16 | IP Datagram की कुल लंबाई (Bytes में) |
Identification | 16 | पैकेट की विशिष्ट पहचान |
Flags | 3 | फ्रैगमेंटेशन को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है |
Fragment Offset | 13 | डेटा पैकेट का क्रम |
Time to Live (TTL) | 8 | पैकेट की जीवन अवधि (Maximum Hops) |
Protocol | 8 | अगले लेयर प्रोटोकॉल (TCP, UDP आदि) |
Header Checksum | 16 | हेडर की अखंडता को सुनिश्चित करता है |
Source IP Address | 32 | सेंडर का IP एड्रेस |
Destination IP Address | 32 | रिसीवर का IP एड्रेस |
Options (Optional) | Variable | अतिरिक्त ऑप्शन्स जैसे कि सिक्योरिटी, ट्रैफिक कंट्रोल |
Data | Variable | असली Payload डेटा |
3. IP Datagram की कार्यप्रणाली
- जब कोई डेटा ट्रांसमिट किया जाता है, तो उसे छोटे-छोटे Datagram में विभाजित किया जाता है।
- हर Datagram में हेडर और डेटा होता है।
- हेडर में स्रोत (Source) और गंतव्य (Destination) IP Address होता है, जिससे पैकेट को सही स्थान पर भेजा जा सकता है।
- IP Datagram Connectionless Protocol पर आधारित होता है, इसलिए यह पहले से कनेक्शन स्थापित नहीं करता।
- अगर डेटा बहुत बड़ा होता है, तो उसे Fragmentation करके छोटे-छोटे भागों में तोड़ दिया जाता है और फिर रिसीवर इसे पुनः संयोजित करता है।
4. IP Datagram Delivery
IP Datagram Delivery दो प्रकार की होती है:
1. Direct Delivery
- जब स्रोत (Sender) और गंतव्य (Receiver) एक ही नेटवर्क में होते हैं, तो Direct Delivery होती है।
- पैकेट को MAC Address के माध्यम से सीधे भेजा जाता है।
- उदाहरण: LAN नेटवर्क में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक डेटा भेजना।
2. Indirect Delivery
- जब स्रोत और गंतव्य अलग-अलग नेटवर्क में होते हैं, तो Indirect Delivery होती है।
- इस प्रक्रिया में डेटा पैकेट को Routers के माध्यम से भेजा जाता है।
- हर राउटर पैकेट की जांच करता है और इसे अगले उपयुक्त राउटर की ओर भेजता है, जब तक कि यह गंतव्य तक न पहुंच जाए।
- इसे Hop-by-Hop Routing भी कहा जाता है।
5. Fragmentation और Reassembly
जब डेटा का आकार बहुत बड़ा होता है और वह MTU (Maximum Transmission Unit) से अधिक होता है, तो उसे छोटे भागों में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया को Fragmentation कहा जाता है।
Fragmentation के महत्वपूर्ण बिंदु:
- हर फ्रेगमेंट के पास आईडी (Identification Number) होता है।
- रिसीवर सभी फ्रेगमेंट्स को Reassemble करके पूरा डेटा पुनः तैयार करता है।
- अगर कोई फ्रेगमेंट खो जाता है, तो पूरा पैकेट अस्वीकृत हो सकता है।
6. IP Datagram के लाभ
- डेटा ट्रांसमिशन के लिए रूटिंग मेथड को आसान बनाता है।
- विभिन्न नेटवर्क टोपोलॉजी में कार्य कर सकता है।
- फ्रैगमेंटेशन द्वारा बड़े डेटा को छोटे हिस्सों में विभाजित कर भेजा जा सकता है।
- IP Datagram असंगत नेटवर्क्स को जोड़ने में मदद करता है।
निष्कर्ष
IP Datagram डेटा ट्रांसमिशन की मूलभूत इकाई है, जिसमें हेडर और डेटा भाग होते हैं। इसका उपयोग इंटरनेट पर डेटा संचार में किया जाता है। IP Datagram Delivery प्रक्रिया में डायरेक्ट और इंडायरेक्ट डिलीवरी शामिल होती है, जिसमें राउटर्स डेटा को सही गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं। Fragmentation और Reassembly डेटा ट्रांसफर की गति और सटीकता को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
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