Interior Gateway Protocol (IGP) क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में
Interior Gateway Protocol (IGP) क्या है?
परिचय
Interior Gateway Protocol (IGP) एक रूटिंग प्रोटोकॉल है, जिसका उपयोग एक ही Autonomous System (AS) के भीतर नेटवर्क ट्रैफिक को रूट करने के लिए किया जाता है। IGP विभिन्न नेटवर्किंग डिवाइसेज़ (जैसे कि राउटर) के बीच डेटा पैकेट्स को सही मार्ग पर भेजने में मदद करता है।
1. Interior Gateway Protocol (IGP) क्या होता है?
IGP वे रूटिंग प्रोटोकॉल होते हैं जो एक संगठन या नेटवर्क के अंदर डेटा पैकेट्स को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में सहायता करते हैं। ये प्रोटोकॉल नेटवर्क के भीतर डायनामिक रूटिंग को सक्षम करते हैं, जिससे नेटवर्क में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार रूटिंग टेबल को अपडेट किया जा सकता है।
2. Interior Gateway Protocol (IGP) के प्रकार
IGP मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
1. Distance Vector Protocol
- यह प्रोटोकॉल प्रत्येक राउटर को पास के राउटर से रूटिंग जानकारी साझा करने की अनुमति देता है।
- रूटिंग निर्णय हॉप काउंट के आधार पर लिए जाते हैं।
- नेटवर्क टोपोलॉजी में परिवर्तन धीरे-धीरे फैलता है, जिससे कन्वर्जेंस धीमा हो सकता है।
- उदाहरण: RIP (Routing Information Protocol), IGRP (Interior Gateway Routing Protocol)
2. Link-State Protocol
- यह प्रोटोकॉल प्रत्येक राउटर को संपूर्ण नेटवर्क टोपोलॉजी की जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देता है।
- रूटिंग निर्णय लिंक की लागत (Cost) के आधार पर लिए जाते हैं।
- तेज़ कन्वर्जेंस और अधिक स्केलेबल होता है।
- उदाहरण: OSPF (Open Shortest Path First), IS-IS (Intermediate System to Intermediate System)
3. Distance Vector और Link-State प्रोटोकॉल में अंतर
विशेषता | Distance Vector | Link-State |
---|---|---|
रूटिंग निर्णय | हॉप काउंट के आधार पर | लिंक की लागत (Cost) के आधार पर |
नेटवर्क जानकारी | केवल पड़ोसी राउटर से | संपूर्ण नेटवर्क से |
कन्वर्जेंस | धीमा | तेज़ |
उदाहरण | RIP, IGRP | OSPF, IS-IS |
4. महत्वपूर्ण IGP प्रोटोकॉल
1. RIP (Routing Information Protocol)
- यह Distance Vector Routing प्रोटोकॉल है।
- यह प्रत्येक 30 सेकंड में अपने पड़ोसी राउटर को रूटिंग टेबल भेजता है।
- हॉप काउंट 15 से अधिक नहीं हो सकता, जिससे यह छोटे नेटवर्क के लिए उपयुक्त है।
- उदाहरण: RIP v1, RIP v2
2. OSPF (Open Shortest Path First)
- यह Link-State Routing प्रोटोकॉल है।
- नेटवर्क को एरिया में विभाजित करता है, जिससे बड़े नेटवर्क को संभालना आसान होता है।
- बेहतर कन्वर्जेंस टाइम और अधिक स्केलेबिलिटी प्रदान करता है।
3. IS-IS (Intermediate System to Intermediate System)
- यह भी Link-State प्रोटोकॉल है और OSPF के समान कार्य करता है।
- बड़े नेटवर्क और इंटरनेट बैकबोन के लिए अधिक उपयुक्त होता है।
4. IGRP (Interior Gateway Routing Protocol)
- यह Cisco द्वारा विकसित किया गया था।
- हॉप काउंट और बैंडविड्थ को ध्यान में रखते हुए रूट का चयन करता है।
- RIP की तुलना में अधिक कुशल और लचीला होता है।
5. IGP और EGP में अंतर
विशेषता | IGP (Interior Gateway Protocol) | EGP (Exterior Gateway Protocol) |
---|---|---|
नेटवर्क दायरा | एक ही Autonomous System (AS) के भीतर | विभिन्न Autonomous Systems (AS) के बीच |
उदाहरण | RIP, OSPF, IS-IS | BGP (Border Gateway Protocol) |
रूटिंग नियंत्रण | एक ही संगठन द्वारा | अलग-अलग संगठनों द्वारा |
नेटवर्क टोपोलॉजी | लोकल नेटवर्क (LAN या WAN) | ग्लोबल नेटवर्क (इंटरनेट) |
स्केलेबिलिटी | सीमित | बहुत अधिक |
6. IGP के लाभ
- स्वचालित रूटिंग अपडेट: IGP नेटवर्क में किसी भी बदलाव को स्वचालित रूप से अपडेट करता है।
- बेहतर नेटवर्क परफॉर्मेंस: सही रूट का चयन करके नेटवर्क को अधिक कुशल बनाता है।
- तेज़ डेटा ट्रांसमिशन: OSPF और IS-IS जैसे प्रोटोकॉल क्विक कन्वर्जेंस प्रदान करते हैं।
7. IGP के नुकसान
- सीमित स्केलेबिलिटी: IGP केवल एक ही AS के भीतर काम करता है, इसलिए बड़े नेटवर्क के लिए यह प्रभावी नहीं हो सकता।
- नेटवर्क ओवरहेड: बार-बार अपडेट भेजने से नेटवर्क पर लोड बढ़ सकता है।
- कन्वर्जेंस टाइम: कुछ Distance Vector प्रोटोकॉल (जैसे RIP) में कन्वर्जेंस धीमा होता है।
8. IGP का उपयोग कहां किया जाता है?
- कॉर्पोरेट नेटवर्क: संगठनों के आंतरिक नेटवर्क में IGP का उपयोग किया जाता है।
- डेटा सेंटर: IGP का उपयोग डेटा ट्रांसमिशन और सर्वर कनेक्टिविटी के लिए किया जाता है।
- सरकारी और शैक्षणिक संस्थान: विश्वविद्यालय और सरकारी एजेंसियाँ अपने नेटवर्क में IGP का उपयोग करती हैं।
निष्कर्ष
Interior Gateway Protocol (IGP) एक महत्वपूर्ण रूटिंग प्रणाली है, जो एक ही Autonomous System के भीतर डेटा को कुशलता से रूट करता है। IGP को Distance Vector और Link-State प्रोटोकॉल में विभाजित किया जाता है। OSPF, IS-IS, और RIP जैसे प्रोटोकॉल विभिन्न नेटवर्क वातावरण में उपयोग किए जाते हैं, जो नेटवर्क परफॉर्मेंस और डेटा रूटिंग को बेहतर बनाते हैं।
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