EDM Process में Flushing और Accuracy कैसे Improve करें? | हिंदी में


EDM Process में Flushing और Accuracy कैसे Improve करें?

Electrical Discharge Machining (EDM) एक अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग तकनीक है, जिसका उपयोग जटिल और हार्ड मटेरियल्स की प्रिसाइज मशीनिंग के लिए किया जाता है। EDM की क्वालिटी और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए फ्लशिंग (Flushing) और एक्युरेसी (Accuracy) मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि EDM प्रोसेस में फ्लशिंग कैसे काम करती है, उसकी तकनीकें क्या हैं और एक्युरेसी को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।

EDM में Flushing क्या है?

EDM में फ्लशिंग का मतलब है वर्कपीस और इलेक्ट्रोड के बीच के गैप से डिब्रिस (debris) और मेटल पार्टिकल्स को हटाना। जब फ्लशिंग सही तरीके से नहीं होती, तो स्पार्किंग असमान हो जाती है, जिससे सतह की गुणवत्ता और एक्युरेसी प्रभावित होती है।

Flushing के मुख्य उद्देश्य:

1. डिब्रिस रिमूवल: स्पार्किंग के दौरान बने मेटल पार्टिकल्स को साफ करना।

2. स्पार्किंग स्थिर रखना: फ्लशिंग गैप को क्लीन रखती है जिससे स्पार्किंग स्थिर रहती है।

3. ओवरहीटिंग से बचाव: फ्लूड फ्लो लगातार हीट को बाहर निकालता है और इलेक्ट्रोड को सुरक्षित रखता है।

Flushing Techniques in EDM

EDM में विभिन्न फ्लशिंग तकनीकें उपयोग की जाती हैं, ताकि मटेरियल रिमूवल रेट (MRR) और सतह की फिनिशिंग बेहतर हो सके:

1. Side Flushing: डाइलेक्ट्रिक फ्लूड को इलेक्ट्रोड के साइड से स्प्रे करके डिब्रिस हटाने की तकनीक।

2. Through Electrode Flushing: फ्लूड को इलेक्ट्रोड के अंदर से पास किया जाता है, जिससे यह सीधे गैप में पहुंचकर पार्टिकल्स हटाता है।

3. Suction Flushing: इसमें वैक्यूम सिस्टम का उपयोग करके गैप से डिब्रिस खींचकर बाहर निकाला जाता है।

4. Jet Flushing: हाई-प्रेशर फ्लूड जेट का उपयोग करके गहराई तक जमा हुए पार्टिकल्स को साफ किया जाता है।

EDM में Accuracy Improve करने के Tips

EDM प्रोसेस में एक्युरेसी बढ़ाने के लिए आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

1. सही फ्लशिंग प्रेशर: न ज्यादा ज्यादा और न ही कम, बैलेंस्ड फ्लशिंग प्रेशर बनाए रखें।

2. इलेक्ट्रोड डिजाइन: सही साइज और शेप के इलेक्ट्रोड का उपयोग एक्युरेसी को बेहतर बनाता है।

3. वाइब्रेटिंग इलेक्ट्रोड सिस्टम: हल्की वाइब्रेशन से गैप साफ रहता है और डिब्रिस हटाना आसान हो जाता है।

4. डाइलेक्ट्रिक फ्लूड की क्वालिटी: सही फ्लूड एक स्थिर स्पार्किंग वातावरण बनाता है, जिससे टॉलरेंस बेहतर होती है।

5. कंट्रोल सिस्टम कैलिब्रेशन: EDM मशीन के कंट्रोल पैरामीटर्स को समय-समय पर कैलिब्रेट करना एक्युरेसी के लिए जरूरी है।

Flushing और Accuracy का आपसी संबंध

फ्लशिंग और एक्युरेसी एक-दूसरे पर सीधे निर्भर करते हैं। सही फ्लशिंग न होने पर गैप में जमा डिब्रिस शॉर्ट-सर्किट और अनइवन स्पार्किंग का कारण बनता है, जिससे एक्युरेसी कम हो जाती है। वहीं, बैलेंस्ड फ्लशिंग से गैप स्थिर रहता है और सतह की क्वालिटी में सुधार होता है।

निष्कर्ष

EDM प्रोसेस में फ्लशिंग और एक्युरेसी दोनों ही उच्च गुणवत्ता वाले परिणाम के लिए महत्वपूर्ण हैं। बेहतर फ्लशिंग तकनीक, सही इलेक्ट्रोड चयन और डाइलेक्ट्रिक फ्लूड का उपयोग करके आप सतह की फिनिशिंग, मटेरियल रिमूवल रेट और एक्युरेसी को काफी हद तक सुधार सकते हैं।

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