Introduction to A/D & D/A convertors & their types in Hindi


A/D (Analog to Digital) और D/A (Digital to Analog) कन्वर्टर इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कन्वर्टर एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में डेटा को ट्रांसलेट करने का कार्य करते हैं।

 

  • A/D कन्वर्टर (ADC - Analog to Digital Converter): यह एक सर्किट होता है जो निरंतर (Continuous) एनालॉग सिग्नल को एक सीमित डिजिटल वैल्यू में बदलता है।

  • D/A कन्वर्टर (DAC - Digital to Analog Converter): यह डिजिटल डेटा को उसके समकक्ष एनालॉग सिग्नल में बदलने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

A/D और D/A कन्वर्टर डिजिटल और एनालॉग सिग्नल के बीच ब्रिज की तरह काम करते हैं। ADC एनालॉग डेटा को डिजिटल में बदलकर माइक्रोकंट्रोलर को प्रोसेस करने योग्य बनाता है, जबकि DAC डिजिटल डेटा को एनालॉग सिग्नल में बदलकर वास्तविक दुनिया में उपयोग करने योग्य बनाता है। विभिन्न प्रकार के कन्वर्टर अलग-अलग आवश्यकताओं के आधार पर चुने जाते हैं, जैसे कि गति, सटीकता और लागत।

 

A/D कन्वर्टर (ADC) और उनके प्रकार

 

A/D कन्वर्टर का उपयोग माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर में किया जाता है ताकि वे एनालॉग इनपुट को डिजिटल रूप में प्रोसेस कर सकें। इसके प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. Successive Approximation Register (SAR) ADC 

  1. यह सबसे सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला ADC है।

  2. इसमें एक Successive Approximation Register (SAR) और एक कम्पेरेटर का उपयोग किया जाता है।

  3. यह बाइनरी सर्च एल्गोरिदम का उपयोग करके सटीक डिजिटल आउटपुट प्रदान करता है।

  4. यह तेज गति से काम करता है और कम पावर का उपयोग करता है।

 

2. Flash ADC या Parallel ADC

  1. यह सबसे तेज़ ADC है और इसमें कई कम्पेरेटर होते हैं।

  2. यह सभी संभावित डिजिटल आउटपुट को एक साथ कंपेयर करता है।

  3. यह उच्च गति वाले एप्लिकेशन, जैसे रेडियो कम्युनिकेशन और वीडियो प्रोसेसिंग में उपयोग किया जाता है।

  4. इसकी लागत अधिक होती है और यह अधिक पावर का उपयोग करता है।

 

3. Dual Slope ADC

  1. यह उच्च सटीकता वाला कन्वर्टर है और इसे वोल्टमीटर और अन्य सटीक मापन उपकरणों में उपयोग किया जाता है।

  2. यह पहले इनपुट सिग्नल को चार्ज करता है और फिर इसे डिस्चार्ज करके डिजिटल आउटपुट प्राप्त करता है।

  3. यह धीमा होता है लेकिन बहुत ही सटीक होता है।

 

4. Sigma-Delta ADC

  1. यह हाई रिज़ॉल्यूशन प्राप्त करने के लिए नॉइज़ शमन (Noise Filtering) तकनीक का उपयोग करता है।

  2. इसका उपयोग ऑडियो प्रोसेसिंग और अन्य संवेदनशील एप्लिकेशन में किया जाता है।

  3. यह धीमा होता है लेकिन बहुत सटीक रिज़ॉल्यूशन प्रदान करता है।

 

D/A कन्वर्टर (DAC) और उनके प्रकार

D/A कन्वर्टर डिजिटल डेटा को एनालॉग सिग्नल में बदलने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

 

1. Resistor Ladder DAC

इसमें प्रतिरोधों (Resistors) की एक सीढ़ीनुमा संरचना होती है जो डिजिटल इनपुट को एनालॉग आउटपुट में बदलती है। यह दो प्रकार का होता है:

 

  1. R-2R लैडर DAC: इसमें केवल दो प्रकार के प्रतिरोधों (R और 2R) का उपयोग किया जाता है, जिससे इसे बनाना आसान होता है।

  2. वेटेड रेसिस्टेंस DAC (Weighted Resistor DAC): इसमें विभिन्न बिट्स के लिए अलग-अलग प्रतिरोध होते हैं।

 

2. Sigma-Delta DAC

  1. यह बहुत उच्च रिज़ॉल्यूशन प्रदान करता है और इसे हाई-फिडेलिटी ऑडियो सिस्टम में उपयोग किया जाता है।

  2. यह धीरे-धीरे एनालॉग आउटपुट तैयार करता है, जिससे इसकी सटीकता बढ़ जाती है।

 

3. Pulse-worth modulation (PWM) DAC

  1. यह डिजिटल डेटा को पल्स की चौड़ाई बदलकर एनालॉग सिग्नल में बदलता है।

  2. इसका उपयोग मोटर कंट्रोल, ऑडियो सिग्नल प्रोसेसिंग और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है।

 

4. Flash DAC या Parallel DAC

  1. यह उच्च गति पर कार्य करता है और इसका उपयोग रेडियो और हाई-स्पीड डेटा कन्वर्ज़न में किया जाता है।

  2. यह महंगा होता है और अधिक पावर की खपत करता है।

 

Application of A/D Convertor

 

  1. माइक्रोकंट्रोलर और माइक्रोप्रोसेसर आधारित सिस्टम

  2. डिजिटल ओसीलोस्कोप और मीटरिंग इंस्ट्रूमेंट्स

  3. मेडिकल उपकरण जैसे ECG, MRI स्कैनर

  4. सेंसर्स (Temperature, Pressure, Light) से data repository

 

Application of D/A Convertor

 

  1. ऑडियो और वीडियो सिग्नल प्रोसेसिंग

  2. डिजिटल ऑडियो प्लेयर और स्पीकर सिस्टम

  3. टेलीविजन और रेडियो ट्रांसमिशन

  4. मोटर कंट्रोल और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन

 

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