What is IDS in Network Security in Hindi - नेटवर्क सुरक्षा में IDS क्या है?


नेटवर्क सुरक्षा में IDS (Intrusion Detection System) क्या है?

**IDS (Intrusion Detection System)** एक **साइबर सुरक्षा प्रणाली** है जो नेटवर्क या सिस्टम पर होने वाली संदिग्ध गतिविधियों और हमलों का **पता लगाने और सतर्क करने** का कार्य करती है। IDS नेटवर्क में **असामान्य पैटर्न, अनधिकृत एक्सेस और संभावित साइबर हमलों** की पहचान करने में मदद करता है।

IDS क्यों आवश्यक है?

आज के डिजिटल युग में, साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। **IDS नेटवर्क की सुरक्षा को मजबूत करता है** और निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है:

  • नेटवर्क पर हो रहे हमलों का पता लगाना: IDS नेटवर्क ट्रैफिक को स्कैन करता है और अनधिकृत एक्सेस को पहचानता है।
  • डेटा सुरक्षा: यह महत्वपूर्ण डेटा को चोरी होने से बचाता है।
  • संभावित खतरों की रिपोर्टिंग: IDS संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के बाद सिक्योरिटी टीम को अलर्ट भेजता है।
  • अन्य सुरक्षा प्रणालियों के साथ समन्वय: IDS को फायरवॉल, एंटीवायरस और SIEM सिस्टम के साथ जोड़ा जा सकता है।

IDS कैसे काम करता है?

IDS निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है:

  1. **नेटवर्क या होस्ट डेटा मॉनिटरिंग:** IDS लगातार **नेटवर्क ट्रैफिक और सिस्टम लॉग्स** को मॉनिटर करता है।
  2. **हमले के पैटर्न से तुलना:** यह ज्ञात साइबर हमलों के डेटाबेस से ट्रैफिक की तुलना करता है।
  3. **संदिग्ध गतिविधि की पहचान:** IDS अनधिकृत लॉगिन, मैलवेयर संचार, और ब्रूट-फोर्स हमलों को पकड़ सकता है।
  4. **सुरक्षा टीम को अलर्ट भेजना:** यदि IDS किसी खतरे को पहचानता है, तो यह एडमिन को अलर्ट करता है।

IDS के प्रकार (Types of IDS)

IDS को **नेटवर्क और होस्ट आधारित सिस्टम** के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में बांटा जाता है:

1. नेटवर्क आधारित IDS (Network-Based IDS - NIDS)

  • यह **पूरे नेटवर्क ट्रैफिक** की निगरानी करता है।
  • संदिग्ध डेटा पैकेट्स और नेटवर्क हमलों का पता लगाता है।
  • उदाहरण: **Snort, Suricata, Cisco IDS**

2. होस्ट आधारित IDS (Host-Based IDS - HIDS)

  • यह केवल **एकल कंप्यूटर या सर्वर** पर चलने वाली गतिविधियों की निगरानी करता है।
  • फाइलों, लॉग फाइल्स, और सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन में किसी भी बदलाव का पता लगाता है।
  • उदाहरण: **OSSEC, Tripwire, AIDE**

सिग्नेचर बेस्ड IDS बनाम एनॉमली बेस्ड IDS

IDS को उनके **खतरे की पहचान करने के तरीके** के आधार पर दो प्रकारों में बांटा जाता है:

1. सिग्नेचर बेस्ड IDS (Signature-Based IDS)

  • यह ज्ञात हमलों के डेटाबेस (Cyber Attack Signatures) के साथ ट्रैफिक की तुलना करता है।
  • यह **तेज़ और प्रभावी** होता है लेकिन नए अटैक्स को पकड़ने में असमर्थ होता है।
  • उदाहरण: **Snort, Suricata**

2. एनॉमली बेस्ड IDS (Anomaly-Based IDS)

  • यह सामान्य नेटवर्क ट्रैफिक के व्यवहार को समझकर **असामान्य गतिविधियों** की पहचान करता है।
  • यह **नए और अज्ञात हमलों** को भी पहचान सकता है।
  • AI और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करता है।
  • उदाहरण: **Darktrace, IBM QRadar**

IDS बनाम IPS: अंतर क्या है?

विशेषता IDS (Intrusion Detection System) IPS (Intrusion Prevention System)
कार्य हमलों की पहचान करता है और रिपोर्ट करता है हमलों को पहचान कर उन्हें ब्लॉक करता है
रिस्पॉन्स सिर्फ अलर्ट भेजता है खतरे को रोकने के लिए नेटवर्क ट्रैफिक को फ़िल्टर करता है
स्थापना नेटवर्क के मॉनिटरिंग मोड में काम करता है नेटवर्क में एक्टिव ब्लॉकेज लागू करता है
उदाहरण Snort, OSSEC Palo Alto, Cisco Firepower

लोकप्रिय IDS टूल्स

नेटवर्क सुरक्षा में उपयोग किए जाने वाले कुछ लोकप्रिय IDS टूल्स:

टूल प्रकार मुख्य विशेषताएँ
Snort Network-Based IDS ओपन-सोर्स, सिग्नेचर-बेस्ड अटैक डिटेक्शन
Suricata Network-Based IDS हाई-स्पीड पैकेट प्रोसेसिंग, मल्टीथ्रेडेड
OSSEC Host-Based IDS लॉग मॉनिटरिंग, फ़ाइल इंटीग्रिटी चेकिंग
Bro (Zeek) Network-Based IDS डेटा एनालिटिक्स, व्यवहार-आधारित सुरक्षा

IDS के फायदे

  • साइबर हमलों की पहचान करता है।
  • डेटा सुरक्षा और नेटवर्क सुरक्षा को मजबूत करता है।
  • अनधिकृत एक्सेस और ब्रूट-फोर्स हमलों को पकड़ता है।
  • फायरवॉल और अन्य सुरक्षा प्रणालियों के साथ मिलकर काम करता है।

निष्कर्ष

**IDS (Intrusion Detection System)** एक महत्वपूर्ण **नेटवर्क सुरक्षा उपकरण** है जो संभावित हमलों का पता लगाकर **नेटवर्क और होस्ट सिस्टम को सुरक्षित रखता है**। यह विभिन्न प्रकार के साइबर खतरों को पहचानकर सुरक्षा टीम को अलर्ट भेजता है, जिससे हमलों को रोका जा सकता है।

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