Digital Signature in Cryptography in Hindi - डिजिटल हस्ताक्षर क्या है और यह कैसे काम करता है?


डिजिटल हस्ताक्षर (Digital Signature) क्या है?

डिजिटल हस्ताक्षर (Digital Signature) एक क्रिप्टोग्राफिक तकनीक है जिसका उपयोग किसी डिजिटल दस्तावेज़ या संदेश की प्रामाणिकता (Authenticity), अखंडता (Integrity), और अस्वीकार्यता (Non-repudiation) को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। यह इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर का एक सुरक्षित रूप है जिसे क्रिप्टोग्राफी की सहायता से बनाया जाता है।

डिजिटल हस्ताक्षर की विशेषताएँ

  • प्रामाणिकता (Authenticity): यह सुनिश्चित करता है कि संदेश या दस्तावेज़ को सही व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है।
  • अखंडता (Integrity): यदि हस्ताक्षरित दस्तावेज़ को किसी ने बदला है, तो डिजिटल हस्ताक्षर अमान्य हो जाता है।
  • अस्वीकार्यता (Non-repudiation): हस्ताक्षरकर्ता बाद में यह दावा नहीं कर सकता कि उसने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।

डिजिटल हस्ताक्षर कैसे काम करता है?

डिजिटल हस्ताक्षर सार्वजनिक कुंजी क्रिप्टोग्राफी (Public Key Cryptography) या असममित एन्क्रिप्शन (Asymmetric Encryption) पर आधारित होता है, जिसमें दो कुंजियाँ शामिल होती हैं:

  • निजी कुंजी (Private Key): यह हस्ताक्षरकर्ता द्वारा उपयोग की जाती है दस्तावेज़ पर डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए।
  • सार्वजनिक कुंजी (Public Key): यह प्राप्तकर्ता द्वारा उपयोग की जाती है हस्ताक्षर की वैधता सत्यापित करने के लिए।

डिजिटल हस्ताक्षर की प्रक्रिया

डिजिटल हस्ताक्षर को निम्नलिखित चरणों में बनाया और सत्यापित किया जाता है:

1. डिजिटल हस्ताक्षर उत्पन्न करना

  1. संदेश या दस्तावेज़ का हैश (Hash) निकाला जाता है।
  2. इस हैश को हस्ताक्षरकर्ता की निजी कुंजी से एन्क्रिप्ट किया जाता है।
  3. परिणामस्वरूप **डिजिटल हस्ताक्षर** उत्पन्न होता है।

2. डिजिटल हस्ताक्षर सत्यापित करना

  1. प्राप्तकर्ता संदेश का पुनः हैश निकालता है।
  2. वह हस्ताक्षरकर्ता की सार्वजनिक कुंजी से हस्ताक्षर को डिक्रिप्ट करता है।
  3. यदि डिक्रिप्टेड हैश और प्राप्त हैश मेल खाते हैं, तो संदेश सत्यापित हो जाता है।

डिजिटल हस्ताक्षर के एल्गोरिदम

डिजिटल हस्ताक्षर के लिए निम्नलिखित एल्गोरिदम प्रचलित हैं:

  • DSA (Digital Signature Algorithm)
  • RSA (Rivest-Shamir-Adleman Algorithm)
  • ECDSA (Elliptic Curve Digital Signature Algorithm)
  • EdDSA (Edwards-Curve Digital Signature Algorithm)

डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग

  • ईमेल और ऑनलाइन संचार (Email Authentication)
  • ई-कॉमर्स और बैंकिंग लेनदेन (E-Commerce & Banking Transactions)
  • सॉफ्टवेयर प्रमाणन (Software Code Signing)
  • कानूनी दस्तावेज़ और अनुबंध (Legal Documents & Contracts)
  • ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी (Blockchain & Cryptocurrency)

डिजिटल हस्ताक्षर और इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर में अंतर

विशेषता डिजिटल हस्ताक्षर (Digital Signature) इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर (Electronic Signature)
सुरक्षा क्रिप्टोग्राफी आधारित, उच्च सुरक्षा कम सुरक्षा, छवि या टेक्स्ट आधारित
मान्यता कानूनी रूप से मान्य और सुरक्षित कुछ स्थितियों में मान्य
विधि गणितीय एल्गोरिदम और कुंजियों का उपयोग हस्ताक्षर या चित्र का उपयोग
उदाहरण DSA, RSA, ECDSA PDF हस्ताक्षर, टाइप किया हुआ नाम

डिजिटल हस्ताक्षर की सीमाएँ

  • निजी कुंजी को सुरक्षित रखना आवश्यक है।
  • सार्वजनिक कुंजी अवसंरचना (PKI) की आवश्यकता होती है।
  • किसी भी निजी कुंजी के लीक होने से सुरक्षा खतरे में आ सकती है।

डिजिटल हस्ताक्षर क्रिप्टोग्राफी का एक अभिन्न हिस्सा है जो डेटा की सुरक्षा, प्रमाणीकरण और अखंडता को बनाए रखने में मदद करता है।

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