Digital Signature Standard (DSS) in Cryptography in Hindi - डिजिटल हस्ताक्षर मानक क्या है?


डिजिटल हस्ताक्षर मानक (Digital Signature Standard - DSS) क्या है?

**डिजिटल हस्ताक्षर मानक (Digital Signature Standard - DSS)** एक क्रिप्टोग्राफिक मानक है जिसे अमेरिकी **National Institute of Standards and Technology (NIST)** द्वारा डिजिटल हस्ताक्षरों (Digital Signatures) के लिए विकसित किया गया है। DSS डिजिटल दस्तावेज़ों की सत्यता (Authenticity), अखंडता (Integrity), और अस्वीकार्यता (Non-repudiation) सुनिश्चित करता है।

DSS (Digital Signature Standard) की विशेषताएँ

  • सुरक्षित डिजिटल हस्ताक्षर: यह डिजिटल दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • सार्वजनिक कुंजी क्रिप्टोग्राफी: DSS सार्वजनिक कुंजी (Public Key) और निजी कुंजी (Private Key) पर आधारित होता है।
  • संदेश की अखंडता: DSS सुनिश्चित करता है कि हस्ताक्षरित संदेश को बदला नहीं गया है।
  • गोपनीयता प्रदान नहीं करता: DSS केवल डिजिटल हस्ताक्षर सत्यापन करता है, लेकिन संदेश की एन्क्रिप्शन (Encryption) नहीं करता।

डिजिटल हस्ताक्षर मानक (DSS) का कार्य सिद्धांत

DSS सार्वजनिक कुंजी क्रिप्टोग्राफी (Public Key Cryptography) पर आधारित होता है और डिजिटल हस्ताक्षर बनाने व सत्यापित करने के लिए **DSA (Digital Signature Algorithm)** का उपयोग करता है। इसका कार्य सिद्धांत निम्नलिखित चरणों में होता है:

1. डिजिटल हस्ताक्षर निर्माण

  • संदेश का **हैश वैल्यू (Hash Value)** प्राप्त करें (SHA-256 आदि का उपयोग करके)।
  • प्रेषक अपनी **निजी कुंजी (Private Key)** का उपयोग करके इस हैश को डिजिटल हस्ताक्षर में परिवर्तित करता है।
  • डिजिटल हस्ताक्षर को मूल संदेश के साथ संलग्न किया जाता है।

2. डिजिटल हस्ताक्षर सत्यापन

  • प्राप्तकर्ता संदेश का पुनः **हैश वैल्यू** निकालता है।
  • प्राप्तकर्ता **प्रेषक की सार्वजनिक कुंजी (Public Key)** का उपयोग करके डिजिटल हस्ताक्षर को सत्यापित करता है।
  • यदि सत्यापन सफल होता है, तो संदेश को सुरक्षित माना जाता है, अन्यथा इसे अस्वीकृत किया जाता है।

DSS के एल्गोरिदम

DSS तीन प्रकार के एल्गोरिदम को सपोर्ट करता है:

एल्गोरिदम विवरण
DSA (Digital Signature Algorithm) यह DSS का मूल एल्गोरिदम है जो डिजिटल हस्ताक्षरों को जेनरेट और सत्यापित करता है।
RSA (Rivest-Shamir-Adleman) यह एक लोकप्रिय एन्क्रिप्शन और डिजिटल हस्ताक्षर एल्गोरिदम है।
ECDSA (Elliptic Curve Digital Signature Algorithm) यह एलिप्टिक कर्व क्रिप्टोग्राफी पर आधारित है और सुरक्षित संचार के लिए उपयोग किया जाता है।

DSS के अनुप्रयोग

  • डिजिटल सर्टिफिकेट: DSS डिजिटल प्रमाणपत्रों (Digital Certificates) को प्रमाणित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • ई-गवर्नेंस (E-Governance): DSS सरकारी दस्तावेज़ों और ई-सेवाओं में डिजिटल हस्ताक्षर लागू करता है।
  • सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन: ऑनलाइन बैंकिंग और ई-कॉमर्स में उपयोग किया जाता है।
  • ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: ब्लॉकचेन नेटवर्क में डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है।

DSS पर संभावित हमले

  • ब्रूट फोर्स अटैक: DSS कुंजियों को क्रैक करने का प्रयास।
  • साइड-चैनल अटैक: हार्डवेयर की कमजोरी का फायदा उठाकर कुंजी चोरी करना।
  • MITM (Man-In-The-Middle) अटैक: डिजिटल हस्ताक्षर के सत्यापन को बाधित करने का प्रयास।

DSS बनाम अन्य डिजिटल हस्ताक्षर तकनीक

विशेषता DSS (DSA) RSA ECDSA
सुरक्षा मध्यम उच्च बेहद उच्च
गणना गति धीमा तेज़ सबसे तेज़
कुंजी आकार बड़ा मध्यम छोटा
उपयोग सरकारी डिजिटल हस्ताक्षर सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन ब्लॉकचेन और IoT

निष्कर्ष

**Digital Signature Standard (DSS)** डिजिटल हस्ताक्षरों के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है जो डेटा की सुरक्षा और सत्यापन सुनिश्चित करता है। आधुनिक सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए **ECDSA और RSA** अधिक सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन सरकारी और कानूनी अनुप्रयोगों में **DSS (DSA)** का उपयोग किया जाता है।

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