Weight Initialization Methods in Deep Learning | डीप लर्निंग में वेट इनिशियलाइज़ेशन के तरीके


डीप लर्निंग में वेट इनिशियलाइज़ेशन (Weight Initialization) के तरीके

डीप लर्निंग नेटवर्क के प्रशिक्षण की सफलता में वेट इनिशियलाइज़ेशन (Weight Initialization) का बहुत बड़ा योगदान होता है। सही वेट्स का चयन नेटवर्क के कन्वर्जेंस (Convergence) और स्थिरता (Stability) दोनों को प्रभावित करता है। यदि वेट्स को गलत तरीके से इनिशियलाइज़ किया जाए तो नेटवर्क या तो बहुत धीमे सीखेगा या कभी भी सही समाधान तक नहीं पहुँचेगा।

📘 वेट इनिशियलाइज़ेशन क्या है?

वेट इनिशियलाइज़ेशन का अर्थ है — नेटवर्क के प्रत्येक कनेक्शन के शुरुआती वेट्स का निर्धारण करना, इससे पहले कि प्रशिक्षण (Training) शुरू हो।

डीप नेटवर्क्स में हजारों या लाखों वेट्स होते हैं, और यदि उन्हें सही तरीके से इनिशियलाइज़ नहीं किया गया, तो ग्रेडिएंट्स बहुत बड़े या बहुत छोटे हो सकते हैं — जिससे Vanishing Gradient या Exploding Gradient जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

⚙️ अच्छे वेट इनिशियलाइज़ेशन की विशेषताएँ:

  • आउटपुट की वैरिएंस (Variance) को नियंत्रित रखे।
  • नेटवर्क की सभी लेयर्स में एक्टिवेशन का वितरण समान रखे।
  • ग्रेडिएंट्स को स्थिर रखे ताकि लर्निंग तेज़ और स्थायी हो।

🔹 1. Zero Initialization (शून्य इनिशियलाइज़ेशन)

इस विधि में सभी वेट्स को 0 से प्रारंभ किया जाता है। हालांकि यह विधि आसान है, लेकिन यह symmetry breaking problem उत्पन्न करती है।

सभी न्यूरॉन्स एक समान आउटपुट देते हैं और सीखने की क्षमता खत्म हो जाती है। इसलिए, यह तकनीक केवल बायस (bias) के लिए उपयोग की जाती है, वेट्स के लिए नहीं।

🔹 2. Random Initialization (यादृच्छिक प्रारंभ)

इस विधि में वेट्स को एक निश्चित वितरण (Distribution) के अनुसार रैंडम मान दिए जाते हैं। यह सिमेट्री तोड़ने में मदद करता है ताकि प्रत्येक न्यूरॉन अलग-अलग तरीके से सीख सके।

W ~ Uniform(-a, a) या W ~ Normal(0, σ²)

हालांकि यह विधि शुरुआती प्रयोगों में अच्छी साबित हुई, लेकिन गहरे नेटवर्क्स में यह अस्थिर हो जाती है।

🔹 3. Xavier Initialization (Glorot Initialization)

Glorot & Bengio (2010) ने Xavier Initialization प्रस्तावित किया, जो Sigmoid या Tanh एक्टिवेशन के लिए आदर्श है।

W ~ Uniform(−√(6/(n_in + n_out)), √(6/(n_in + n_out)))

यह इनपुट और आउटपुट नोड्स की संख्या के आधार पर वेट्स को स्केल करता है ताकि एक्टिवेशन और ग्रेडिएंट्स दोनों स्थिर रहें।

🔹 4. He Initialization

Kaiming He (2015) द्वारा प्रस्तावित यह विधि ReLU और उसके वेरिएंट्स (LeakyReLU आदि) के लिए सबसे उपयुक्त है।

W ~ Normal(0, √(2 / n_in))

यह Xavier से थोड़ा अधिक वैरिएंस रखता है, जिससे ReLU एक्टिवेशन वाले नेटवर्क्स में बेहतर प्रदर्शन मिलता है।

🔹 5. LeCun Initialization

यह SELU (Scaled Exponential Linear Unit) एक्टिवेशन के लिए उपयोग होता है।

W ~ Normal(0, √(1 / n_in))

यह नेटवर्क की स्थिरता बनाए रखता है और सेल्फ-नॉर्मलाइजेशन में मदद करता है।

🔬 व्यावहारिक तुलना:

विधिएक्टिवेशन फंक्शनमुख्य उपयोग
XavierSigmoid / Tanhमध्यम गहराई वाले नेटवर्क्स
HeReLU / Leaky ReLUडीप नेटवर्क्स
LeCunSELUसेल्फ-नॉर्मलाइजिंग नेटवर्क्स

🧠 Initialization और Gradient का संबंध:

यदि वेट्स बहुत बड़े होंगे, तो ग्रेडिएंट्स बहुत तेजी से बढ़ेंगे (Exploding Gradient)। यदि वेट्स बहुत छोटे होंगे, तो ग्रेडिएंट्स लगभग शून्य हो जाएंगे (Vanishing Gradient)। इसलिए Xavier और He जैसी तकनीकें इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखती हैं।

📈 उदाहरण:

मान लीजिए एक लेयर में 256 इनपुट्स और 128 आउटपुट्स हैं।

  • Xavier Initialization: √(6/(256+128)) = 0.136 → W ~ Uniform(−0.136, 0.136)
  • He Initialization: √(2/256) = 0.088 → W ~ Normal(0, 0.088²)

🧩 डीप नेटवर्क्स में Initialization का प्रभाव:

डीप नेटवर्क्स में प्रत्येक लेयर का आउटपुट पिछले लेयर पर निर्भर होता है। यदि किसी भी लेयर में एक्टिवेशन स्केल असंतुलित हो जाए, तो पूरा नेटवर्क अस्थिर हो सकता है। सही Initialization इस समस्या को रोकता है और तेजी से सीखने में मदद करता है।

🚀 निष्कर्ष:

वेट इनिशियलाइज़ेशन डीप लर्निंग मॉडल की स्थिरता और गति दोनों को प्रभावित करता है। Xavier और He Initialization जैसी आधुनिक तकनीकें नेटवर्क के गहराई बढ़ने के बावजूद स्थिरता बनाए रखती हैं। यह समझना कि कब कौन सी विधि उपयोग करनी है, एक सफल डीप लर्निंग इंजीनियर की पहचान है।

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