Petri Net Model in Hindi | Theory of Computation (TOC) Explained


Petri Net एक mathematical model है जो systems के behavior को graphically represent करने के लिए use किया जाता है, खासकर parallel और distributed systems को model करने के लिए। इसे theory of computation में processes और events के interaction को समझने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Petri Net का basic structure simple होता है, लेकिन ये complex systems को model करने के लिए काफी powerful है।

Petri Net का Structure

Petri Net में मुख्य रूप से तीन types के components होते हैं:

  1. Places (प्लेस):

    • Places को circles (वृत्तों) से represent किया जाता है।

    • Places system के states को represent करते हैं, जैसे कि किसी system में available resources या conditions।

    • हर Place में tokens होते हैं, जो उस Place की state को represent करते हैं।

  2. Transitions (ट्रांजिशन्स):

    • Transitions को rectangles (आयतों) से represent किया जाता है।

    • Transitions events या actions को represent करते हैं जो system में state बदलने का कारण बनते हैं।

    • Transition तभी fire होती है जब उसके input places में sufficient tokens होते हैं।

  3. Arcs (एर्क्स):

    • Arcs, Places और Transitions को जोड़ते हैं और बताते हैं कि कौन सा Place किसी Transition के input या output के रूप में काम करेगा।

    • Arcs define करते हैं कि कौन से tokens कहाँ से कहाँ जाएंगे जब Transition fire होती है।

Petri Net की कार्यप्रणाली

  1. Initial Marking (आधार स्थिति):

    • Petri Net की शुरूआत एक initial marking से होती है, जो यह तय करता है कि system में हर Place में कितने tokens होंगे।

  2. Firing (फायरिंग):

    • जब एक Transition active होती है, तो वह input Places से tokens निकालती है और उन्हें output Places में डाल देती है।

    • Transition तभी fire हो सकती है जब उसके सभी input Places में sufficient tokens हों। एक बार fire होने के बाद, Transition tokens को move कर देती है और system की state बदल जाती है।

  3. System Evolution (सिस्टम का विकास):

    • एक Petri Net समय के साथ evolve करता है, यानी tokens की स्थिति बदलती रहती है, जब तक कि कोई stable state न आ जाए।

Types of Petri Nets

  1. Basic Petri Nets (बेसिक पेट्रिनेट्स): Simple structures with Places, Transitions, and Arcs.

  2. Coloured Petri Nets (CPN): इसमें tokens का रंग होता है, जिससे अधिक complex systems को model किया जा सकता है। यह system की states को और granular level तक define करने की सुविधा देता है।

  3. Timed Petri Nets: इसमें transitions के लिए समय भी define किया जाता है, ताकि time-based systems को model किया जा सके, जैसे कि events का time1-based execution।

Petri Net के Uses

  1. System Modeling: Petri Net का उपयोग complex systems को model करने के लिए किया जाता है, जैसे manufacturing processes, traffic systems, और computer networks।

  2. Concurrency and Synchronization: Petri Net parallel processing और distributed systems के लिए बहुत useful है क्योंकि यह concurrency और synchronization की स्थिति को visualize करता है।

  3. Deadlock Detection: Petri Net deadlocks (where processes are stuck waiting for each other) का analysis करने में मदद करता है।

Conclusion

Petri Nets का प्रयोग complex systems के behavior को graphically और mathematically analyze करने के लिए किया जाता है। यह parallel और distributed processes, जैसे concurrent tasks, synchronization, और state transitions को effectively model करने में मदद करता है। इसके जरिए हम systems की performance, efficiency, और reliability को बेहतर समझ सकते हैं और analyze कर सकते हैं।

Related Post