Distributed Memory Model and Shared Memory Model in Computer Architecture in Hindi | वितरित मेमोरी मॉडल और साझा मेमोरी मॉडल


वितरित मेमोरी मॉडल और साझा मेमोरी मॉडल क्या हैं?

कंप्यूटर आर्किटेक्चर में मेमोरी संगठन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह तय करना होता है कि कई प्रोसेसर डेटा तक कैसे पहुँचते हैं। मुख्य रूप से दो प्रकार के मेमोरी मॉडल होते हैं:

  • वितरित मेमोरी मॉडल (Distributed Memory Model)
  • साझा मेमोरी मॉडल (Shared Memory Model)

साझा मेमोरी मॉडल (Shared Memory Model)

साझा मेमोरी मॉडल में, सभी प्रोसेसर एक समान वैश्विक मेमोरी को एक्सेस कर सकते हैं। यह मॉडल मल्टीकोर और मल्टीप्रोसेसर सिस्टम में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

साझा मेमोरी मॉडल की विशेषताएँ

  • सभी प्रोसेसर एक ही मेमोरी स्पेस को साझा करते हैं।
  • डाटा ट्रांसफर के लिए कोई विशेष मैसेज पासिंग आवश्यक नहीं होती।
  • सिंकрониज़ेशन तंत्र का उपयोग करके डेटा को एक्सेस किया जाता है।

साझा मेमोरी मॉडल के लाभ

  • प्रोग्रामिंग आसान होती है क्योंकि सभी प्रोसेसर एक ही मेमोरी एक्सेस करते हैं।
  • डेटा एक्सेस तेज़ और प्रभावी होता है।
  • सीधे मेमोरी कम्युनिकेशन (Direct Memory Communication) की सुविधा होती है।

साझा मेमोरी मॉडल की सीमाएँ

  • कैश कोहेरेंस (Cache Coherence) की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • बड़े पैमाने के सिस्टम में स्केलेबिलिटी सीमित होती है।
  • मेमोरी एक्सेस के कारण कॉन्टेंशन (Contention) की समस्या हो सकती है।

वितरित मेमोरी मॉडल (Distributed Memory Model)

इस मॉडल में, प्रत्येक प्रोसेसर की अपनी स्थानीय मेमोरी होती है और डेटा एक्सचेंज के लिए मैसेज पासिंग का उपयोग किया जाता है। यह मॉडल क्लस्टर कंप्यूटिंग और सुपरकंप्यूटिंग में अधिकतर उपयोग किया जाता है।

वितरित मेमोरी मॉडल की विशेषताएँ

  • प्रत्येक प्रोसेसर की अपनी स्थानीय मेमोरी होती है।
  • प्रोसेसर एक-दूसरे के साथ डेटा साझा करने के लिए मैसेज पासिंग का उपयोग करते हैं।
  • अधिक स्केलेबल और उच्च प्रदर्शन देने में सक्षम होता है।

वितरित मेमोरी मॉडल के लाभ

  • स्केलेबिलिटी अधिक होती है क्योंकि प्रत्येक प्रोसेसर अपनी मेमोरी को हैंडल करता है।
  • मेमोरी कॉन्टेंशन की समस्या नहीं होती।
  • बड़े और वितरित कंप्यूटिंग सिस्टम के लिए उपयुक्त।

वितरित मेमोरी मॉडल की सीमाएँ

  • प्रोग्रामिंग जटिल होती है क्योंकि प्रोसेसरों को संदेशों का आदान-प्रदान करना पड़ता है।
  • डेटा संचार में विलंब (Latency) हो सकता है।
  • डिबगिंग और सिंक्रोनाइज़ेशन कठिन हो सकता है।

साझा मेमोरी मॉडल और वितरित मेमोरी मॉडल की तुलना

विशेषताएँ साझा मेमोरी मॉडल वितरित मेमोरी मॉडल
मेमोरी संगठन सभी प्रोसेसर एक ही मेमोरी साझा करते हैं। प्रत्येक प्रोसेसर की अपनी स्थानीय मेमोरी होती है।
डेटा एक्सेस प्रत्येक प्रोसेसर सीधा साझा मेमोरी एक्सेस करता है। डेटा एक्सचेंज मैसेज पासिंग के माध्यम से किया जाता है।
स्केलेबिलिटी सीमित अत्यधिक स्केलेबल
प्रदर्शन कम संख्या में प्रोसेसर के लिए प्रभावी बड़े वितरित सिस्टम के लिए उपयुक्त
प्रोग्रामिंग जटिलता सरल जटिल
कम्युनिकेशन मेमोरी एक्सेस के माध्यम से मैसेज पासिंग के माध्यम से

साझा मेमोरी और वितरित मेमोरी के अनुप्रयोग

साझा मेमोरी मॉडल का उपयोग

  • मल्टीकोर प्रोसेसर और मल्टीथ्रेडिंग सिस्टम में।
  • सुपर कंप्यूटिंग में जहां कम संख्या में प्रोसेसर होते हैं।
  • समानांतर प्रोग्रामिंग के लिए।

वितरित मेमोरी मॉडल का उपयोग

  • क्लस्टर कंप्यूटिंग और ग्रिड कंप्यूटिंग में।
  • सुपर कंप्यूटर और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग में।
  • बड़े स्केल के वैज्ञानिक सिमुलेशन और बिग डेटा प्रोसेसिंग में।

निष्कर्ष

साझा मेमोरी मॉडल और वितरित मेमोरी मॉडल दोनों ही कंप्यूटर आर्किटेक्चर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साझा मेमोरी मॉडल छोटे सिस्टम और मल्टीकोर प्रोसेसर में प्रभावी होता है, जबकि वितरित मेमोरी मॉडल बड़े वितरित कंप्यूटिंग सिस्टम के लिए उपयुक्त होता है। प्रत्येक मॉडल के अपने फायदे और सीमाएँ हैं, और इनका उपयोग आवश्यकताओं के आधार पर किया जाता है।

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