Hierarchical Clustering in Hindi - पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग


Hierarchical Clustering in Hindi - पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग

**पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग (Hierarchical Clustering)** क्लस्टरिंग की एक तकनीक है, जिसमें डेटा पॉइंट्स को एक पदानुक्रमिक (Hierarchical) संरचना में व्यवस्थित किया जाता है। यह क्लस्टर्स के बीच एक पेड़ जैसी संरचना बनाता है, जिसे **डेंड्रोग्राम (Dendrogram)** कहा जाता है।

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग क्या है? (What is Hierarchical Clustering?)

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग एक **अनसुपरवाइज्ड लर्निंग (Unsupervised Learning)** तकनीक है, जिसमें डेटा पॉइंट्स को समूहों (Clusters) में व्यवस्थित किया जाता है। यह तकनीक मुख्य रूप से उन स्थितियों में उपयोग की जाती है, जहाँ हमें क्लस्टर्स की संख्या पहले से ज्ञात नहीं होती।

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग के प्रकार (Types of Hierarchical Clustering)

Hierarchical Clustering को मुख्य रूप से दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है:

प्रकार विवरण
1. एग्लोमरेटिव पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग (Agglomerative Hierarchical Clustering) यह **बॉटम-अप (Bottom-Up)** दृष्टिकोण पर कार्य करता है, जिसमें प्रत्येक डेटा पॉइंट को पहले एक अलग क्लस्टर माना जाता है और फिर समान क्लस्टर्स को क्रमिक रूप से मिलाकर एक बड़ा क्लस्टर बनाया जाता है।
2. डिविसिव पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग (Divisive Hierarchical Clustering) यह **टॉप-डाउन (Top-Down)** दृष्टिकोण पर कार्य करता है, जिसमें सभी डेटा पॉइंट्स को एक बड़े क्लस्टर में रखा जाता है और फिर क्रमिक रूप से विभाजित करके छोटे क्लस्टर्स बनाए जाते हैं।

Hierarchical Clustering की प्रक्रिया (Process of Hierarchical Clustering)

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग निम्नलिखित चरणों में की जाती है:

  1. दूरी मापना (Measuring Distance): डेटा पॉइंट्स के बीच दूरी को मापा जाता है।
  2. क्लस्टर प्रारंभ करना (Initialize Clusters): प्रत्येक डेटा पॉइंट को एक अलग क्लस्टर माना जाता है।
  3. क्लस्टर्स को मिलाना (Merge Clusters): निकटतम क्लस्टर्स को एक साथ मिलाया जाता है।
  4. डेंड्रोग्राम बनाना (Constructing Dendrogram): क्लस्टर्स के विलय की प्रक्रिया को एक वृक्ष संरचना (Tree Structure) में दर्शाया जाता है।
  5. क्लस्टर्स की संख्या तय करना (Decide Number of Clusters): डेंड्रोग्राम का विश्लेषण करके उपयुक्त क्लस्टर्स की संख्या निर्धारित की जाती है।

डेंड्रोग्राम क्या है? (What is a Dendrogram?)

**डेंड्रोग्राम (Dendrogram)** एक ट्री-स्ट्रक्चर ग्राफ होता है, जो यह दिखाता है कि कैसे डेटा पॉइंट्स को समूहों में जोड़ा गया है। इसमें प्रत्येक शाखा एक क्लस्टर को दर्शाती है, और शाखाओं की लंबाई क्लस्टर्स के बीच की दूरी को दर्शाती है।

डेंड्रोग्राम की व्याख्या (Interpreting a Dendrogram)

  • अगर दो डेटा पॉइंट्स एक ही शाखा से जुड़े हैं, तो वे समान क्लस्टर में हैं।
  • लंबी शाखाएं दर्शाती हैं कि क्लस्टर्स अधिक भिन्न (Dissimilar) हैं।
  • डेंड्रोग्राम में एक कटऑफ लाइन लगाकर क्लस्टर्स की संख्या तय की जा सकती है।

क्लस्टर्स के बीच दूरी मापने के तरीके (Methods for Measuring Distance Between Clusters)

दूरी मापने की विधि विवरण
1. सिंगल लिंक (Single Linkage) यह दो क्लस्टर्स के बीच सबसे निकटतम बिंदुओं की दूरी को मापता है।
2. कंप्लीट लिंक (Complete Linkage) यह दो क्लस्टर्स के बीच सबसे दूरस्थ बिंदुओं की दूरी को मापता है।
3. एवरेज लिंक (Average Linkage) यह दो क्लस्टर्स में सभी बिंदुओं के बीच औसत दूरी की गणना करता है।
4. वार्ड विधि (Ward’s Method) यह क्लस्टर्स के विलय से होने वाली त्रुटियों को न्यूनतम करने का प्रयास करता है।

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग के अनुप्रयोग (Applications of Hierarchical Clustering)

  • जीन अनुक्रमण (Gene Sequencing): बायोइन्फॉर्मेटिक्स में जीनों को वर्गीकृत करने के लिए।
  • छवि सेगमेंटेशन (Image Segmentation): डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग में ऑब्जेक्ट्स को अलग करने के लिए।
  • ग्राहक वर्गीकरण (Customer Segmentation): बिजनेस एनालिटिक्स में ग्राहकों को उनके खरीदारी पैटर्न के आधार पर समूहित करने के लिए।
  • दस्तावेज़ क्लस्टरिंग (Document Clustering): टेक्स्ट माइनिंग और सूचना पुनः प्राप्ति (Information Retrieval) में।
  • संगीत शैली पहचान (Music Genre Classification): संगीत को अलग-अलग शैलियों में वर्गीकृत करने के लिए।

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग के लाभ (Advantages of Hierarchical Clustering)

  • यह **डेंड्रोग्राम** का उपयोग करके क्लस्टर्स की संख्या निर्धारित करने में मदद करता है।
  • यह **गैर-गोलाकार (Non-Spherical)** क्लस्टर्स को भी पहचान सकता है।
  • इसमें क्लस्टर्स की संख्या पहले से तय करने की आवश्यकता नहीं होती।
  • यह डेटा संरचना को **स्पष्ट और सहज** तरीके से दर्शाता है।

पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग की सीमाएँ (Disadvantages of Hierarchical Clustering)

  • यह बड़े डेटा सेट्स पर **गणना-गहन (Computationally Expensive)** होता है।
  • यह **ओवरलैपिंग क्लस्टर्स (Overlapping Clusters)** को नहीं संभाल सकता।
  • एक बार क्लस्टर बना लेने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता।

निष्कर्ष (Conclusion)

**पदानुक्रमिक क्लस्टरिंग** एक शक्तिशाली क्लस्टरिंग तकनीक है, जो डेटा पॉइंट्स के बीच पदानुक्रमिक संबंधों की पहचान करने में मदद करती है। यह मुख्य रूप से छोटे और मध्यम आकार के डेटा सेट्स के लिए उपयोगी होती है। **डेंड्रोग्राम** के उपयोग से हम यह समझ सकते हैं कि डेटा को कितने समूहों में विभाजित किया जाना चाहिए।

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