डिस्क स्पेस एलोकेशन मेथड्स - Contiguous, Linked, Indexed - Disk Space Allocation Methods in OS in Hindi


डिस्क स्पेस एलोकेशन क्या है? (What is Disk Space Allocation in OS?)

Disk Space Allocation वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से ऑपरेटिंग सिस्टम हार्ड डिस्क या अन्य स्टोरेज डिवाइस पर फाइलों को संग्रहीत (store) करता है। यह सुनिश्चित करता है कि डेटा कुशलतापूर्वक संग्रहीत और पुनः प्राप्त किया जा सके।

डिस्क स्पेस एलोकेशन के प्रकार (Types of Disk Space Allocation Methods)

Operating System तीन प्रमुख तरीकों से डिस्क पर डेटा को संग्रहीत करता है:

एलोकेशन मेथड विवरण
Contiguous Allocation इस विधि में फाइल को लगातार (contiguous) डिस्क ब्लॉक्स में संग्रहीत किया जाता है।
Linked Allocation इसमें प्रत्येक फाइल को लिंक्ड लिस्ट के रूप में संग्रहीत किया जाता है, जहां प्रत्येक ब्लॉक अगले ब्लॉक की लोकेशन को पॉइंटर के माध्यम से रखता है।
Indexed Allocation इस विधि में प्रत्येक फाइल के लिए एक इंडेक्स ब्लॉक बनाया जाता है, जो सभी डेटा ब्लॉक्स की लोकेशन को संग्रहीत करता है।

1. Contiguous Allocation

Contiguous Allocation में प्रत्येक फाइल को लगातार (sequentially) स्टोरेज ब्लॉक्स में संग्रहीत किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • फाइलें लगातार ब्लॉक्स में स्टोर की जाती हैं।
  • डिस्क एक्सेस स्पीड अधिक होती है क्योंकि डेटा एक ही स्थान पर होता है।
  • Fragmentation की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

उदाहरण:

फाइल स्टार्टिंग ब्लॉक अंतिम ब्लॉक
File1 10 20
File2 21 30

2. Linked Allocation

Linked Allocation में प्रत्येक ब्लॉक अगले ब्लॉक के एड्रेस को पॉइंटर के रूप में रखता है, जिससे फाइल को लिंक्ड लिस्ट के रूप में संग्रहीत किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • Fragmentation की समस्या नहीं होती क्योंकि कोई भी खाली ब्लॉक इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • डायरेक्ट एक्सेस संभव नहीं होता, क्योंकि प्रत्येक ब्लॉक को क्रम से एक्सेस करना पड़ता है।
  • प्रत्येक ब्लॉक में डेटा के अलावा एक पॉइंटर स्टोर करना आवश्यक होता है, जिससे स्टोरेज की बर्बादी होती है।

उदाहरण:

मान लीजिए एक फाइल 4 ब्लॉक में संग्रहीत है:

ब्लॉक नंबर डेटा अगला ब्लॉक
5 Data1 12
12 Data2 25
25 Data3 40
40 Data4 NULL

3. Indexed Allocation

Indexed Allocation में प्रत्येक फाइल के लिए एक इंडेक्स ब्लॉक बनाया जाता है, जिसमें उस फाइल के सभी डेटा ब्लॉक्स के एड्रेस संग्रहीत होते हैं।

विशेषताएँ:

  • डायरेक्ट एक्सेस संभव होता है, जिससे फाइल एक्सेस करना आसान हो जाता है।
  • इसमें Fragmentation की समस्या नहीं होती।
  • Index Block अतिरिक्त स्थान लेता है।

उदाहरण:

मान लीजिए File1 को निम्नलिखित ब्लॉक्स में स्टोर किया गया है:

इंडेक्स ब्लॉक डेटा ब्लॉक
File1 5, 10, 15, 20

Contiguous vs Linked vs Indexed Allocation

विशेषता Contiguous Allocation Linked Allocation Indexed Allocation
Memory Utilization कम (External Fragmentation) अधिक (No Fragmentation) अधिक (Index Block Extra Space लेता है)
Direct Access संभव संभव नहीं संभव
Sequential Access तेज़ धीमा तेज़
Storage Overhead कम पॉइंटर स्टोरेज की वजह से अधिक Index Block की वजह से अधिक

निष्कर्ष

Disk Space Allocation Methods ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि डेटा डिस्क में कैसे स्टोर और एक्सेस किया जाएगा। प्रत्येक एलोकेशन मेथड के अपने फायदे और नुकसान होते हैं, और उनका उपयोग सिस्टम की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है।

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